जनकपुर मे महागंगा आरतीक संग जानकीक विशेष पूजा-अर्चना

मनीष कर्ण, जनकपुरधाम। जून १६, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

mahaganga aarti janakpurजनकपुरमें धुमधाम सँग” महागंगा आरती”क दोसर वार्षिकोत्सव भेल सम्पन्न: गंगा दशराहा सेहो मनाओल गेल।
 
जनकपुरधाम, १ असार। प्राचीन मिथिलाक केन्द्र रुपमें ख्याती प्राप्त धार्मिक, ऐतिहासिक नगरी जनकपुरक धरोहर पवित्र गंगा सागरमेँ निरन्तर होएत आबि रहल ऐतिहासिक महागंगा आरतीक दोसर वार्षिकोत्सव भव्यरुपमें विशेष आरती करैत धुमधाम सँ सम्पन्न भेल अछि।
 
८ जून २०१४ (वि.सं.२०७१ साल जेठ २५ गते) गंगा दशहराक दिन सँ शुरु भेल अखण्ड महागंगा आरती देशक आन्तरिक आ बाह्य पर्यटकक प्रमुख आकर्षण केर केन्द्र बनल अछि। संगहि ई आब जनकपुरक धार्मिक, समाजिक, साँस्कृतिक तथा ऐतिहासिक सम्पदा केर संरक्षण, सम्बर्द्धन एंव प्रबर्द्धन हेतु महत्त्वपूर्ण भूमिका निर्वाह कय रहल अछि।
 
वार्षिकोत्सव कार्यक्रममे पहिल बेर ५(पाँच) गोट पण्डित लोकनि सामुहिक रुपमें विशेष आरती केने छ्लाह । तहिना कार्यक्रममे सहभागी होयबाक लेल बिहारक तीन गोट विधायक सेहो आयल छलाह। सहभागी विधायक सभमें विनोदानन्द झा, लक्ष्मेश्वर राय आ सीताराम यादव छलाह। झा भारतीय जनता पार्टीक प्रदेश प्रवक्ता सेहो रहल छथि। तहिना राय जदयू आ यादव राजद केर नेता थिकाह।
वार्षिकोत्सवक लेल एहि बेर तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘सेभ हिस्टोरिकल’ एनजीओ द्वारा निर्धारण कैल गेल छ्ल। पहिल दिन गंगासागरक वृहत सर-सफाइ कार्यक्रम, कवि गोष्ठी आ साँस्कृतिक कार्यक्रम, दोसर दिन “जनकपुरक सामाजिक, आर्थिक आ साँस्कृतिक विकासक अवस्था आ समाधानक उपाय” विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रम, संस्थाक आय-व्यय विवरण सार्वजनिक आ तेसर दिन गंगा सागरमे सामुहिक स्नान, मिनाप द्वारा विभिन्न कला-प्रस्तुति आर महागंगा आरतीक कार्यक्रम कएल गेल छ्ल ।
 
जनकपुरमें काल्हि गंगा दशहरा सेहो मनाओल गेल छ्ल । जनकपुरक दशरथ पोखैर मे भोरे सँ स्नान करबाक लेल नेपाल आ भारतक श्रद्धालु भक्तजनक अपार भीड देखल गेल। गंगा दशहराक दिन दशरथ पोखैर मे स्नान तथा दशरथ मन्दिरमे पूजापाठ केला सs मनोवाञ्छित फल प्राप्त हेबाक अटूट जनास्था रहल अछि। तहिना आजुक दिन गंगास्नान उपरान्त आम-चुड़ा खएबाक चलन सेहो रहल अछि।
 
कहल जाएत अछि जे पतित पावनी गंगा मैयाक पूजा अराधना कएला सँ हरेक प्रकारक विध्न-बाधा आ संकट सँ मुक्ति आ पेय तथा स्नान केर समस्त जलस्रोतमे शुद्धता सेहो आबैत अछि।
 
तहिना इहो कहल जाएत अछि जे विश्वमे जनकपुरधाम मात्र एहन धार्मिकस्थल रहल अछि जतय जगत जननी जानकी आ गंगा मैयाक एकसाथ पूजा-आराधना कएल जाएत छन्हि। अर्थात् धरती पूजाक अर्थ सीता जीक पूजा थीक त धरती केँ शीतलता देनिहाएर देवी गंगाक पूजा थीक।