मिथिला आन्दोलनक नव रूपः नेतृत्व ग्रहण मे गैर-सवर्ण आगू

मई २९, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

दरभंगा मे पीरा आन्दोलन – दिल्ली मे ललका!!

birbal yadav mithila neta2बहुत दिवस सँ एकटा प्रश्न घूमैत रहल जे आखिरकार मिथिलाक बहुसंख्यक जनमानसक नेतृत्व मे ओहि वर्गक नेता कियैक नहि आगू अबैत अछि। जे आगू अबितो अछि ओ पटनाक प्रेम मे कियैक पागल भऽ जाएत अछि। ओकरा मे अपन मिथिला केर स्वराज्य स्थापना प्रति चिन्तन कियैक नहि अबैत छैक। आखिर ओ अपनहि मातृभाषा मैथिली आ कि एकर विभिन्न बोली ठेंठी, बज्जिका, अंगिका आदि केँ मजबूत बनेबाक लेल तगतगर डेग उठेबा सँ कियैक पाछू पड़ैत अछि। संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार ‘प्राथमिक शिक्षाक माध्यम मातृभाषा’ लेल जोरदार मांग पटनाक सदन मे कियैक नहि कय पबैत अछि। मैथिली भाषा पर अपने सँ कोनो एकल जाति आ कि वर्ग आ कि समुदायक अधिकार ओ सब कियैक स्थापित कय अपन मातृभाषा केँ सरेआम लीलाम करैत अछि। आर्थिक विकास केर बात हो, चुस्त-दुरुस्त प्रशासन केर बात हो, आपसी भाइचारा आ सौहार्द्रक बात हो – एहि सब लेल आखिर राजनीतिक पटल मे मिथिलाक बहुसंख्य पिछड़ल वर्ग फेर जाति-पाति मे बँटाइत अपनहि अधिकार कोनो मगह-भोजपुर केर नेताक हाथ मे कियैक सौंपि दैत अछि। ई सब प्रश्न बहुत दिन सँ अनुत्तरित रहल।

birbal yadav mithila neta3आब, धीरे-धीरे लोकतंत्र मे विश्वास कएनिहार चुनावक नीति मे संख्याबल केर प्रभाव सँ सुपरिचित पटनाक गद्दी लेल नेता चुनबाक स्थान पर अपन स्वराज्य प्रति चिन्तन बढा रहल अछि। भले मिथिला राज्य केर मांग उच्चवर्गीय विद्वान् द्वारा शुरु मे उठायल गेल, बहुत दिवस धरि एहि अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा जहिना-तहिना जोगाकय राखल गेल, मुदा आब ई विचार सही वर्ग मे प्रवेश करैत देखाय लागल अछि। एहि पांति मे स्व. भोगेन्द्र झा केर विचार सँ प्रभावित गैर-सवर्ण समुदायक अनेकानेक नेतृत्वकर्ता सब पड़ैत छथि। लेकिन अग्रता लेबा मे स्व. रामचन्द्र यादवक सर्वप्रिय उत्तराधिकारी मानल गेनिहार बीरबल यादव केर नाम सोझाँ आबय लागल अछि। काल्हि दिल्लीक नेहरु प्लेस क्षेत्र मे बीरबल यादवक नेतृत्व मे ‘हम मैथिल छी’ आ ‘हमरा मिथिला राज्य चाही’ केर प्रिन्टवला गंजी पहिरि कार्यकर्ता सब सँ मैथिल जनमानस बीच अपन स्वराज्य केर सपना प्रति आकर्षण उत्पन्न करबाक महत्वपूर्ण कार्य कैल गेल। आइ फेर संगम विहार क्षेत्र मे एहि तरहक जागरण अभियान चलाओल जायत ई जानकारी भेटल अछि। एहि मुहिम मे रंजित लाल दास, मणिभूषण राजू, रोहित यादव, अमलेश मंडल व दिल्लीक सुच्चा मैथिल (गैर-ब्राह्मण मैथिल समुदायक संगठन) सब कियो शामिल अछि।

birbal yadav mithila neta4राज्य चाही केकरा लेल? मूल सरोकारवाला के? आर्थिक प्रगतिक सपना केकरा लेल विशेष कारगर? बेरोजगारी या पलायन सँ समाधान केकरा लेल? ई सब प्रश्न पर आम मैथिल जनमानस मे एकटा जागरण करबाक नव-नव दृष्टिकोण देखय मे आबि रहल अछि।

msu india1एक तरफ पीरा गंजी पर निला अक्षर सऽ लिखल मिथिला स्टुडेन्ट युनियन केर युवा सेना सब चीनी मिल केर पुनर्स्थापनाक मांग करैत प्रदर्शन आदि दरभंगा मे कय रहल अछि, काल्हि सँ आरम्भ ई आन्दोलन आब मूल स्थान जतय मिल केर स्थापना पहिने कैल गेल छल ताहि क्षेत्रक लोक सब केँ जगेबाक लेल निकैल चुकल अछि। तहिना दोसर तरफ उजड़ा गंजी पर ललका अक्षर सँ लिखल क्रान्तिकारी नारा सहित अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक नेता बिरबल यादव केर नेतृत्व मे ई अभियान सेहो जनजागरण कय रहल अछि। क्रमशः मिथिला राज्य केर निर्माण अपन गन्तव्यक दिशा मे आगाँ बढि रहल अछि। आर, आब एकर नेतृत्व सही लोकक हाथ मे पहुँचि रहल अछि सेहो एकटा नीक संकेत थीक। आवश्यकता एतेक अछि जे रोजी-रोटीक जोगाड़क संग दिल्ली सँ ई आन्दोलन अपन धरती पर सेहो पहुँचय, जेना मिथिला स्टुडेन्ट युनियन कोनो तरहें यथार्थ धरातल पर पहुँचा रहल अछि। एहि चौतर्फी संघर्ष सँ मिथिला केर स्थान संविधान मे भेटब सुनिश्चित होयत।