मिथिला राज्य निर्माण लेल १२ जुन केँ चिन्तन शिविरः मिरानिसे

MRNS reopeningआवश्यक गृहकार्य मे संलग्न मिथिला राज्य निर्माण सेना २०१४ केर संगोष्ठी उपरान्त जे चुप्पी लदने छल ताहि उपरान्त आब २०१६ मे पुनः जागिकय मिथिला राज्य निर्माणार्थ प्रक्रिया केँ आगू बढेबाक निर्णय कएलक अछि। ई जानकारी महासचिव राजेश झा मैथिली जिन्दाबाद केँ करौलनि अछि आर संगहि अपील केलनि अछि जे एहि अभियान मे सब कियो आगू बढिकय अपन-अपन स्तर सँ योगदान दैथ।

मिथिलाक अपन इतिहास – भाषा – संस्कृति आर सभ्यता अलगे अछि। एकटा संघीय गणतांत्रिक मुलुक मे राज्य निर्धारण हेतु जतेक आवश्यक अवयव अछि ओ सब बात मिथिला पूरा करैत आबि रहल अछि। १९४० ई. सँ राजनीतिक चिन्तन मे मिथिला केँ एकटा राज्य केर दर्जा देबाक बहस जारी अछि। परन्तु बदलैत नीति आ राज्य निर्धारण लेल बनाओल गेल अधिनियम मुताबिक ई जाबत जनभावनाक मांग नहि बनत, एकरा राज्य केर रूप मे स्थापित करब संभव नहि अछि, शोध-अध्ययन सँ ई स्पष्ट अछि।

सवाल उठैत छैक जे जनभावना मे मिथिला राज्य केर मांग कोना पहुँचत? वर्तमान समय ई बिहार नाम्ना प्रान्त मे अछि जतय राज्य सत्ता जाति-आधारित संख्या अनुसार गठन होएत आयल अछि। मिथिलाक्षेत्रक विभिन्न जाति, ओकर संख्या आ जनप्रतिनिधिक चुनाव मे यैह जातीय समीकरणक असैर स्पष्ट छैक। परन्तु पटना मे मिथिलाक्षेत्रीय जनप्रतिनिधि केर अग्रता मैर जाएत छैक। ओकर हैसियत लगभग जीरो भऽ जाएत छैक। गंगा दक्षिण केर नीति आ नेता एकरा सब पर हावी भऽ जाएत छैक। एना मे मिथिला यानि उत्तर बिहार सदैव उपेक्षित रहि जाएत अछि। एहि ठामक नेता केँ लाल-बत्ती गाड़ी, सुरक्षाकर्मीक झुंड आ चमचा-बेलचा सँ मथरल दरबार टा मे उलैझकय रहय पड़ि जाएत छैक आर आगामी चुनाव धरि घोर जातिवादी मगहिया नीति केर मुताबिक अपन समाज केँ खंड-पखंड मे विखण्डित कय फेर सँ जनप्रतिनिधि चुनेबाक चिन्तन टा सदैव मन मे बनल रहैत छैक। एहेन नेता सँ कोना नेतृत्व होयत आ ओ पटना सँ अपन क्षेत्रक कल्याण वास्ते कि संघर्ष कय सकत बिना नीति-नियति-नेत केँ!

तखन मिथिला राज्य बिहार सँ अलग भेने बिना कल्याण मार्ग पर कदापि अग्रसर नहि भऽ सकैत अछि। विश्व लेल विद्यागारा आइ जेना स्वयं अपन छात्र-छात्रा केँ कोटा, दिल्ली, बंगालुरु, पटना आदि पठाकय शिक्षित करबाक लेल बाध्य अछि; तहिना लोकसंस्कृति पर लोकपलायन सँ खतरा बनिकय नंगटे नाचि रहल अछि। लगभग आधा आबादी राज्य सँ बाहर पलायन कय कोहुना जीविकोपार्जन चला रहल अछि। एहि क्षेत्र लोक आइयो बदहाल आर्थिक व्यवस्था मे अपन जीवनयापन करबाक लेल बाध्य देखाएछ। सरकारी शिक्षा लगभग पूर्णरूप सँ चौपट भऽ गेल अछि। गरीबी स्तर दिन-ब-दिन बढले जा रहल अछि। जखन जनप्रतिनिधि सबहक बोलिये पटना पहुँचैत सीज भऽ जायत तऽ ओ भले एहि गूढ समस्या सबहक निदान कि ताकि सकत। कहबाक लेल एहि क्षेत्रक नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी – हुकुमदेव नारायण यादव – शाहनवाज हुसैन – तस्लीमुद्दीन – कीर्ति आजाद – डा. अब्दुल गफुर – विजेन्द्र यादव – कपिलदेव कामत – डा. मदनमोहन झा दर्जनों दिग्गज नेताक सूची मे पड़ैत छथि। परन्तु अपन मिथिला व मैथिली लेल हिनका लोकनिक योगदान आंगुरो पर गानय योग्य भेल अछि वा नहि तेकर कतहु लेखा-जोखा नहि भेटैत अछि। बस, सबहक लक्ष्य एक्केटा जे ऐगला बेर फेर चुनाव कोना जीतब, चमचा-बेलचा कोना पोसब।

वर्तमान मंत्रीमंडल पर एक नजरि देब तऽ आधा सँ बेसी मंत्री एहि मिथिलाक्षेत्रक जनप्रतिनिधि देखाएत अछि। नीतीश कुमार सरकार मे मंत्रालय केर भार एना आधा सँ बेसी होयब एहि क्षेत्रक वास्ते सौभाग्यक बात अछि। परन्तु एकर लाभ कि? कतेक रास उपलब्धिमूलक योजना अछि, कि सब कार्य भऽ रहल अछि, बजट मे मिथिलाक भाग मे कि सब पड़ैत अछि, आदि विन्दु पर समीक्षात्मक प्रतिवेदनो मुश्किले सँ उपलब्ध भऽ सकैत अछि। एहेन कोन शक्ति अछि जे मंत्री सब केँ सेहो खाली नामहि लेल मंत्रालयक भार देने अछि? मंत्री सब केँ कार्य-स्वतंत्रता पर सेहो सवाल ठाढ अछि। मिथिला क्षेत्र लेल बिहार केर संग रहब एहि तरहें कंगाली सँ ऊपर किछु नहि अभरैत अछि।

मिथिला राज्य निर्माण सेनाक रणनीतिकार समूह एहि विन्दु पर चिन्तन करत – जानकारी करौलनि अछि संजीब सिन्हा। बहुतो लोक आब बिहार सँ ऊबि चुकल अछि आर मिथिला राज्य निर्माण वास्ते पटना सँ डू-डाई केर लड़ाई लड़बाक लेल उद्यत् अछि – जानकारी करौलनि हेमन्त झा। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम झा केर आह्वान पर १२ जुन केँ पटना मे चिन्तन शिविर लेल चौतरफा आमंत्रण कैल गेल अछि। सोसल मिडिया मार्फत मिथिला राज्य केर आवश्यकता पर बल दैत कहल गेल अछि जे अछि सलाइ मे आगि बड़त कि बिना रगड़ने, भेटत निज अधिकार कतहु कि बिना झगड़ने। ओना मिथिला राज्य निर्माण सेना २०१३ मे जेना जनजागरण केर कार्य शुरु करैत कनिये दिन मे अपन छवि एकटा अलग तरहक बना सकल छल, बिल्कुल तहिना एकमात्र लक्ष्य जनजागरण केर लैत आगू बढैत रहत सेहो ज्ञात भेल अछि। शीघ्रे चिन्तन शिविर केर एजेन्डा आ बैठकक स्थान पर जानकारी करेबाक भरोस दैत संजीब सिन्हा आह्वान केलनि अछि जे अपन मातृभूमिक वास्ते सब कियो आगू बढू आ संविधान मे मिथिला केँ स्थापित करू।

हरिः हरः!!