विराटनगर । मई १९, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
समाचार सन्दर्भः उद्घाटन सत्र
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियन्ता सम्मेलन २०१६ विगत १४ आ १५ मई २०१६ केँ विराटनगर मे सैकड़ों सामाजिक अभियन्ता – कवि, गीतकार, विद्वान्, पुरातत्वविद्, कलाकार, लेखक, इतिहासविद्, राजनीतिकर्मी लोकनिक विशाल सहभागिता सँ संपन्न भेल।
एहि गरिमामयी सम्मेलन मे मिथिलाक पुरातात्विक महत्व पर परिचर्चा गोष्ठीक संग मैथिली-मिथिला लेल संचालित विभिन्न अभियान आदि पर महत्वपूर्ण चर्चा कैल गेल। संगहि कवि गोष्ठी, जानकी जन्मोत्सव, महिला अधिकार पर सेमिनार आ दुनू दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन एहि सम्मेलनक आकर्षण रहल।
पुरातत्व विभाग, नेपाल केर महानिर्देशक भेष नारायण दाहाल – मुख्य अतिथि द्वारा १४ मई ११ बजे दीप प्रज्ज्वलन संग कार्यक्रमक उद्घाटन कैल गेल। भैरवि वन्दना तथा स्वागत गानक संग विषय प्रवेश करबैत दुइ-दिवसीय सम्मेलन आरम्भ भेल छल। संचालन कार्यक्रम संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा कैल गेल, तहिना स्वागत गीत ‘मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल’ केर महान् रचयिता डा. चन्द्रमणि झा जे एक अति विशिष्ट अतिथि रहितो सभाक गरिमा बढेबाक लेल स्वयं ई गान प्रस्तुत कएलनि।
वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी – साहित्यकार धीरेन्द्र प्रेमर्षि द्वारा सभा केँ संबोधित करैत कहल गेल जे मिथिला भने भूगोल मे ठोस रूप सँ कतहु नहि अभैर रहल अछि, मुदा एकर ऐतिहासिकता आ पुरातात्विक साक्ष्य केर संग-संग भाषा आ संस्कृति एतेक ठोस छैक जे ई एकटा अलगे राष्ट्र केर रूप मे प्रत्येक मैथिल जन-गण-मन केर हृदय मे स्थापित अछि। साहित्यकार-संचारकर्मी आ अभियानी अजित आजाद सम्मेलनक सफलता वास्ते शुभकामना दैत भारत आ नेपाल केर मैथिल बीच पारस्परिक बौद्धिक-साहित्यिक लेन-देन सँ मैत्रीपूर्ण संबंध बनल रहबाक बात कहलैन।
राजनीतिकर्मी तथा विचार जयप्रकाश गुप्ता सभा केँ संबोधित करैत कहलैन जे एहि तरहक आयोजन केँ निरंतरता देला सँ जन-गण-मन मे अपन मातृभाषा आ मूल संस्कृति केर संरक्षण-संवर्धन-प्रवर्धन प्रति जागरुकता बढत आर कार्य करबाक दायित्व बोध सेहो होयत। कोसी पूब मिथिला मे एहि तरहक आयोजनक महत्व आरो बेसी बढि जाएत अछि कारण एहि तरफ अन्य भाषा-भाषीक संख्या सेहो बढल मात्रा मे अछि आर मैथिलीभाषी अपन भाषा केँ छोड़ि आन भाषा केँ अंगीकार करबा लेल बाध्य होएत छथि।
प्रमुख अतिथि पुरातत्वविद् – पुरातत्व विभाग (नेपाल) केर महानिर्देशक भेष नारायण दाहाल एहि आयोजन प्रति आभार प्रकट करैत राज्य द्वारा हाल धरि कैल गेल खोज केर विवरण रखलैन। संगहि, एहि आयोजन सँ स्वयं मे एकटा नव उर्जा एबाक अनुभूति रखैत ओ कहलैन जे विगत चारि वर्ष मे दर्जनों स्थान पर उत्खनन आर खोज केर कार्य मे उल्लेख्य वृद्धि कैल गेल अछि। सप्तरी, सिरहा, झापा, धनुषा, बारा, कपिलवस्तु आदि मे हजारों-हजार वर्षक इतिहास भेटबाक आ ताहि सब पर निरंतर अध्ययन चलि रहबाक बात ओ अपन संबोधन द्वारा स्पष्ट केलनि। नेपाल मे भेटल विभिन्न पुरातात्विक साक्ष्य व अध्ययन सँ स्पष्ट अछि जे मिथिलाक इतिहास अत्यन्त प्राचीन आ महत्वपूर्ण अछि। ई सभ्यता रामायण युग सँ आइ धरि जीवित रहबाक बात पुरातात्विक खोज द्वारा सेहो स्थापित भऽ रहल अछि। श्री दाहाल बेर-बेर दोहरेलैन जे राज्य द्वारा मात्र एहि क्षेत्र मे सब कार्य नहि कैल जा सकैत अछि जाबत स्वयं लोकमानस मे पुरातत्व अध्ययन केर दिशा मे सजगता नहि रहत, अतः पुरातत्व विभाग नेपाल विद्वत् समाज सँ अनुरोध करैत अछि जे आगाँक खोज केर दिशा निर्धारण करबाक लेल अमूल्य सुझाव तथा ऐतिहासिक अभिलेख आदि विभाग केँ उपलब्ध करबैथ। राजा सलहेस सँ जुड़ल विभिन्न खोज सेहो कैल गेल अछि, पुरातात्विक महत्व मे सलहेस केर सन्दर्भ जोड़ल गेल अछि आ पर्यटकीय विकास केर संभावना प्रबल देखि ओहि दिशा मे सेहो डेग बढायल जा चुकल अछि, ओ जानकारी करौलनि।
सभाध्यक्ष दहेज मुक्त मिथिला – नेपाल केर संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती करुणा झा अपन अध्यक्षीय भाषण मे एहि आयोजन केँ मील केर पाथर बनबाक बात कहैत संयोजनकर्ता आ परिकल्पनाकार प्रवीण नारायण चौधरी केँ खूब प्रशंसा सेहो केलैन। धन्य ई आयोजन जाहि सँ दुबगली मिथिलाक लोकमानस मे अपन मिथिलाक महत्व केर विषय सब पर बेर-बेर ध्यानाकर्षण संभव भऽ रहल अछि। कवि, लेखक, साहित्यकार संग बुद्धिजीवी, छात्र, महिला व सामान्यजन सब एकठाम बैसिकय एना चर्चा-परिचर्चा करैत छथि जाहि सँ भविष्य प्रति सजगता बढैत अछि। सब कियो सदैव सहयोगक भावना सँ काज करैथ, ओ अपील केलनि।
कार्यक्रमक विशिष्ट अतिथि सहरसाक पूर्व विधायक डा. आलोक रंजन, कश्यप विद्यापीठ केर संस्थापक श्री कमलाकान्त झा, मैथिली महासंघ केर अध्यक्ष विष्णु कुमार मंडल, वरिष्ठ समाजसेवी अजय झा, राजनेता शाहनवाज हुसैन केर स्वकीय सचिव प्रेम मिश्रा, गुड्डू झा सहित विभिन्न आगन्तुक अतिथि लोकनिक स्वागत आ सम्मान पाग-माला-दोपटा आ सहभागिताक ब्याज प्रदान करैत कैल गेल। उद्घाटन सत्र उपरान्त कार्यक्रम सत्रवार दुइ दिन धरि चलैत रहल। प्रत्येक सत्र सँ जुड़ल विस्तृत समाचार अन्य पोस्ट द्वारा राखल जायत।