कोलकाता मे अकासतर बैसकीः गंगाक कोरा मे मैथिल स्रष्टा

कोलकाता, मई ३, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

akash tar baiski april२०१६ केर चारिम ‘अकास तर बैसकी’ स्रष्टा चन्दनकुमार झा केर संयोजन मे सफलतापूर्वक संपन्न भेल। निज मजदूर दिवस केर दिन पवित्र देवनदी गंगाक कोरा मे नाव पर बैसि दर्जनों मैथिल स्रष्टा लोकनि अपन-अपन रचना पाठ केलनि। साहित्यिक चर्चा भेल। आगामी समय मे आरो वरीयताक संग साहित्यसेवा केँ निरंतरता देल जाय एहि वास्ते सब कियो एकजुट भेलाह।

रविदिन, १ मई २०१६ केँ हावड़ा रेल संग्रहालयक निकट, गंगाक कछेरमे अवस्थित नागाबाबा आश्रम मे सम्पन्न भेल। बैसकीक अध्यक्षता प्रो. विद्यानन्द झा कयलनि।

उपस्थित स्रष्टा लोकनि मे रंजीत कुमार झा, विजय इस्सर, राजीव रंजन मिश्र, चन्दन कुमार झा आ मिथिलेश कुमार झा स्वरचित कविताक पाठ कयलनि। एकर अलावे अरुणाभ सौरभ, कमलेन्द्र झा कमल, धीरेन्द्र आ उदयचंद्र झा विनोदक रचनाक पाठ क्रमश: रूपेश त्योंथ, अशोक झा भोली आ भास्कर झा जी द्वारा कयल गेल। अध्यक्षता करैत प्रो. विद्यानन्द झा सेहो अपन तीन गोट कविता सुनौलनि।

कविता पाठक बीच समकालीन कविता प्रसङ्ग विविध विषयक विचार-विमर्श सेहो होइत रहल जाहिसँ नवतुरिया कवि लोकनि विशेष लाभान्वित भेलाह। अन्त में विजय इस्सर प्रसिद्ध गीतकार बुद्धिनाथ मिश्रक गीत अपन सुमधुर स्वरमे गाबि संगीतमय वातवरण निर्माण कयलनि। पत्रकार वैद्यनाथ झा सेहो बैसकी में अपन उपस्थिति दर्ज करौलनि। एहि बैसकीक सञ्चालन मिथिलेश कुमार झा कयलनि।

विचार-विमर्श केर विवरण ओना विज्ञप्ति सँ पता नहि चलैत अछि, परञ्च मैथिली भाषा-साहित्य मे कोलकाताक भूमि जहिना पूर्वकाल सँ उर्वरा रहल तहिना भविष्य मे सेहो रहत, एहि बातक गारंटी एहेन-एहेन आयोजन सँ स्पष्ट अछि। संभव अछि जे आगामी समय मे ठोस नियार आदि पर सेहो स्पष्ट जानकारी आयोजक द्वारा देल जायत।