विज्ञानक चमत्कार – प्रकृतिक हाहाकारः बीच मे मानव संसार

– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), मधुबनी (हालः दिल्ली)

san franciscoवैज्ञानिक अन्वेषण एखन धरि जतेक भेल अछि प्रायः जीवनोमुखी विकास के लेल नितान्त आवश्यक अछि आ ई अविरल चलि रहल अछि आ चलैत रहत जा धरि सृष्टिक अस्तित्व बाँचल अछि। स्मृतिपटल पर एखनो कतेको बेर रेखा पड़ि जायत अछि जखन छोट छीन सायकिल के विषय में सोचैत छी की सड़क पर बिना कोनो आधार मतलब अड़ंगा के कोना सरपट दौड़ैत चलैत अछि ? तहिना एखन मोबाइल आ अन्तर जाल के ल लीय तखन बुझायत नहि अछि कि हम गाम घर सँ दूर छी। कोनो तरहक समाचार तुरन्त जंगल के आगि जेका चौतरफा पसरि जायत अछि ? राष्ट्रीय अन्तर राष्ट्रीय मैच घर में बैसल दूरदर्शन पर आराम सँ देखैत छी। कहबाक तातपर्य हमर ई अछि की सुचना प्रद्योगिक क्षेत्र में हम सब क्रांतिकारी विकास कएलहुँ आ तकर परिणाम आई काल्हि आयत निर्यात के विकास में सेहो तेजी आबि गेल। आब पहिने जेकाँ ट्रंक कॉल फैक्स फ़ोन मात्र पर निर्भर नहि रहि अपितु अन्तर जाल के माध्यमें तुरन्त सबटा काज निपैट जायत अछि।

science nature collideई त भेल चहुमुखी विकासक बात जे मनुख के जीवन वास्तविक में बदलि देलनि मुदा आब संकट में आबि गेल हमर मुलभुत सुविधा जेना जल जंगल जमीन छल। विकास के नाम पर जंगल के अन्धाधुन्ध कटाई सँ पर्यावरण संकट पैदा भ गेल। वन्य जीवन संकट सँ लक प्राकृतिक श्रोत सेहो विघटन भेल आ तकर परिणाम जतय ततय बाढ़ि में जान मालक भारि नुकसान होयत अछि। गाम आ शहर के मध्य असमानता केर सीमा बहुत बढ़ि गेल कारण गामक लोक शहर के तरफ विस्थापित होम लागल आ ई अविरल चलि रहल अछि।

आब आम जीवन के लेल जल प्रमुख संकट भ गेल  अछि। एखन देश के आधा सँ बेसी लोक जल संकट के मारल अछि। जल संकट सँ देश के 12 राज्य मरणासन स्थिति में पहुँच गेल अछि। महाराष्ट्र यूपी एमपी गुजरात तेलंगना आंध्रा सभक जीवन दुभर भ गेल अछि, जमीन भयंकर सुखार सँ प्रभावित भेल अछि। लातूर सँ एकटा फ़ोटो भेटल अछि जे मोन केर बिचलित कय देलक अछि। जल वास्तव में सृष्टि पर जनम लेब बाला कोनो जिव जन्तु गाछ विरिछ सभक जीवन के लेल कतेक आवश्यक छैक बुझ में कोनो तरहक संदेह नै ? गाछ विरिछ सब सुखा गेल, जमीन पाथड़ भ चुकल अछि। एकहि राइत में जल के बिना हजारो पक्षी निष्प्राण भ गेल। फ़ोटो में मारल गेल पक्षिक स्थिति ह्रदय विदारक अछि। सरकार एन केन प्रकारे जलापूर्ति करबाक प्रयास क रहल अछि मुदा स्थायी समाधान पर कियो कतौ काज नै क रहल अछि जे कि चिन्ता के विषय अछि। तें हमरा सबके सेहो पानि बहाब आर बर्बाद करय सँ पहिने भविष्य के खेल जरूर सोचक चाहि।

एहन में एकटा निक खबर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को सँ भेटल अछि कि ओतय बोतलबन्द जल के विक्री नहि क सकए छी सरकारी प्रतिवन्ध लगा देल गेल अछि। ताहि हेतु सैन फ्रांसिस्को संसार में पहिल शहर बनि गेल जतय के लोक अपन बोतल में जल मोफत के उपलब्ध बाला स्थान सँ भरि सकए छथि। जल पर परिचर्चा भेलाक बाद सर्वसम्मत सँ फैसला कएला कि प्रकृति प्रदत्त जल जीवन के लेल अति आवश्यक छैक तें जल के बाजारीकरण नहि होबक चाहि। मुदा दुःखक बात अछि अपन देश में लोक पहिने पीआउ लगबैत छल, इनार कुँआ पोखरि खोदबैत छल परञ्च आई काल्हि एतय विदेशी कम्पनी लूट खसोट क रहल अछि। आर सैन फ्रांसिस्को अपन देशी विचारधारा के अपना रहल अछि कि जल कखनो खरीद विक्री नहि कयल जएक चाहि। ई हमरा सभक लेल आत्मचिंतन आ मन्थन केर समय अछि। प्राकृतिक स्त्रोत के बचेबा में सब कियो मिलजुलि कय प्रयास बहुत जरुरी अछि।