पुरान आलेखः मिथिला मे मोदी: अहाँक फर्ज
(मोदी सँ हमरा लोकनिक माँग!) – प्रवीण नारायण चौधरी, अप्रैल २२, २०१४.
सन्दर्भः भारत मे संपन्न लोकसभा चुनाव केर माहौल, मोदी जी केर मिथिला क्षेत्रक भ्रमण आ ताहि समयक लिखल एकटा मांगपत्र! अफसोस जे आजुक समय मे ‘मिथिला राज्य निर्माण सेना’ केर कोनो टा सेनानी समर्पित भाव सँ अपन मुद्दा लेल राष्ट्रीय राजधानी मे ओहेन कार्य नहि कय रहला अछि जे २०१३-१४ मे केलैन। हम सब स्वार्थ मे डूबल छी। गोटेक आवारा आ लूच्चाक लूचपंथी सँ हमर समर्पण दम तोड़ि देलक। कहाएत रही सेनानी, आ हारि मानि लेलहुँ अपनहि लोकक कूकृत्यक आगाँ! ईश्वर हमरा सबकेँ एहेन बल दैथ जे अपन आत्मशक्ति केँ पुनः प्राप्त करैत मिथिला लेल गछल कार्य केँ नहि अन्ठाबी। जय युवा मिथिला!! कम सँ कम समय-समय पर अपन मिथिलाक विभिन्न मांग लेल ज्ञापन पत्र विभिन्न मंत्रालय मे सौंपैत रही। अपन काज करैत रहला सँ समय ब्यर्थ नहि जायत। सरोकार रखनिहार जरुर ध्यान दैथ!
दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा, सीतामढी आ अन्य मिथिला क्षेत्रमे भाजपा केर प्रधानमंत्री उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी केँ ध्यानाकर्षण लेल मिथिलावादी आन्दोलनी एवं अभियानी ज्ञापन पत्र देबाक लेल नहि बिसरब।
लगातार प्रेस कान्फ्रेन्स करैत कीर्तिजी केर विगत मे देल गेल सहयोग आ अहाँ सबहक वादा अनुसार क्षेत्रमे मिथिला राज्यक समर्थक केर रूपमे कीर्ति जी लेल कैल जा रहल प्रचार-प्रसारकेर उल्लेख करैत भाजपा एवं पीएम उम्मीदवार मोदी जी केर सेहो मिथिला राज्यक माँग केँ संबोधन करबा लेल समाचार संप्रेषण करैत रहब।
दोसर, हस्ते कीर्ति आजादजी दरभंगाक दौरा पर मिथिला राज्यक माँग करैत हस्ताक्षर अभियान सँ हजारों लोक द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन-पत्र दैत हुनकर ध्यानाकर्षण करायब।
मंच पर उपस्थित अन्य राजनेताकेँ सेहो लिखित पुर्जा पकडाबैत घोषणा करेबाक जरुरत पर बल देब।
न्युनतम माँग जे ‘मिथिला विकास परिषद्’ केर गठन करैत आर्थिक उपेक्षाक समाधान प्रधानमंत्री बनैत नव सरकारक गठनक एक सालक भीतर संबोधन करैथ।
मिथिलाक्षेत्रकेँ ऐतिहासिक धरोहर घोषित करैत पूर्ण सिद्ध आध्यात्मिक भूमि केँ मान्यता प्रदान करैत भारत सहित विश्वक विभिन्न कोणसँ पर्यटककेँ आकर्षित करबाक माँग हो।
जेना जनकक समयसँ मिथिला विद्यागारा रहल अछि, मुदा आइ एहि क्षेत्रक विद्यार्थीकेँ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त करबाक लेल समुचित संस्थान तक उपलब्ध नहि छैक, ताहि बातक समाधान लेल घोषणा करबाक अनुरोध करब।
मिथिला क्षेत्रक पलायनकेँ रोकबाक लेल रोजगारक समुचित अवसर उत्पन्न करयबाक लेल बिहार सहित वा बिहारक अन्य क्षेत्रसँ पूर्व मिथिला क्षेत्रकेँ विशेष राज्यक दर्जा देबाक लेल अनुरोध करब।
१९५६ उपरान्तक महाभूल (वगैर समुचित सिंचाई व्यवस्थापन, समुचित पैनबिजली परियोजना विकासक खोखला बाँध परियोजना, जे हिमालय समान विश्वकेर मुकुटक्षेत्रसँ जल ग्रहण करैत गंगाक बाटे समुद्र मे जल फेकबाक या फेर अन्य राज्य केँ एकर फायदा पहुँचेबाक लेल कैल गेल प्रतीत होइछ) – एकरा फेर सँ सुधार करैत राजग सरकारक पूर्वघोषित नदी-जोडबाक महात्त्वाकांक्षी परियोजना सँ गन्ना-कृषि योग्य भूमि सहित पारंपरिक कृषि लेल समुचित व्यवस्थापनक संग जल-कृषि, मत्स्य-पालन सँ क्षेत्रक समृद्धि आपसी करबाक माँग जरुर कैल जाय।
पुनौराधाम, गिरिजाधाम, कलनेश्वर, कपलेश्वर, सौराठ, राजनगर, बलिराजगढ, वाचस्पतिनगर, कोसी जल-विहार क्षेत्र, लक्ष्मीनाथ गोसाईं स्मारिका (बनगाम) विश्वविद्यालय, उग्रतारा – महिसीधाम, सिंघेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान, डा. लक्ष्मण झा स्मरिका शोध संस्थान, लगायत हरेक मिथिलाक्षेत्रीय भूमिक धरोहरक पहिचान एवं विकास लेल योजनाक स्वीकृतिक माँग कैल जाय।
बरौनी तेल प्रशोधन कारखाना, थर्मल पावर स्टेशन केर जर्जर हालतमे सुधार, दरभंगाक पेपर मिल, विभिन्न ठामक चीनी मिल (मोतिहारी, सकरी, पंडौल, हसनपुर, आदि) व अन्य औद्योगिक विकास लेल विशेष आयोग केर गठन एवं सिफारिश अनुरूप सरकारी लगानी सँ एहि परियोजना सबकेँ पुन: कामधेनु गाय समान बनेबाक प्रबल प्रतिबद्धताक माँग कैल जाय।
मुजफ्फरपुर केर लिचीकेँ विश्वक विभिन्न बाजार मे सुसंगठित तरीकासँ निर्यात बाजार बनायल जाय, तहिना मिथिलाक आम, कटहल, जामुन, बरहर, सहित विभिन्न मौसमी फलकेर सुसंगठित उत्पादनसँ लैत बाजार व्यवास्थापन तक केर आवश्यक सोच विगत कतेको पंचवर्षीय योजनामे मात्र कागज मे समेटल गेल आयोजनाकेँ व्यवहारमे उतारबाक वचनबद्धता लेल जाय।
मिथिला क्षेत्रीय मजदूरकेँ अन्य राज्य मे पलायन रोकि श्रमशक्तिक आपूर्ति केन्द्र बनाय ओकरा सबहक जीवन बीमित करबैत ओकर धिया-पुताक पढाइ-लिखाइ केर गारंटी पत्र लेलाक बाद मात्र अन्य राज्य पठाओल जेबाक व्यवस्थापन हेतु सरकारी एजेन्सीक निर्माण केर माँग कैल जाय।
मिथिलाक पान, माछ आ मखान सँ जुडल विभिन्न पिछडल जाति सब लेल आवश्यक बीमा, तकनीकी मदद, सुविधापूर्ण ऋण उपलब्ध करेबाक जोगार हेतु सेहो माँग कैल जाय।
जाहि मिथिलासँ कतेको मेधावी छात्र-छात्रा लतामक ठुर्री खाय सेहो भारतक पैघ-सँ-पैघ यांत्रिकी परियोजनाक मुख्य अभियन्ता बनि देशकेँ सम्हारय मे अपन योगदान देने अछि, ताहि मिथिलाक गरीब मुदा कुशाग्र बौद्धिकतासँ परिपूर्ण छात्र लेल विशेष छात्रवृतिक घोषणा लेल माँग कैल जाय। खास कय मेडिसीन व ईन्जिनियरिंग सहित प्रशासकीय सेवा लेल इच्छुक निर्धन छात्र केर शिक्षा लेल महत्त्वपूर्ण सरकारी इन्तजाम कैल जाय।
एतेक बात एखन हमर स्मृति मे आयल, एहि मे अहाँ सब क्षेत्र अनुरूप आरो माँग सब जोडि आवश्यक ज्ञापनपत्र जरुर दी। मिथिला राज्य बनत तखनहि ई समस्त माँग प्रमुखता सँ पूरा होयत सेहो भावना जरुर राखी। ओना जँ बिना राज्य सेहो यदि एतेक विकासक कार्य होइत छैक तऽ खतरनाक पलायन रुकत आ मिथिला समान महत्त्वपूर्ण सभ्यता ओ संस्कृतिक रक्षा होयत।
हरि: हर:!!