विराटनगरक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनक मुख्य अतिथि भेष नारायण दाहाल

विराटनगर। अप्रैल २१, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

Bhesh Narayan Dahalआगामी मई १४ आ १५ केँ आयोजित द्विदिवसी अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियन्ता सम्मेलनक प्रमुख अतिथि नेपाल पुरातत्त्व विभागक महानिर्देशक भेष नारायण दाहाल हेता।

विदित हो जे पोरकाँ साल जहिना मैथिली भाषा, साहित्य एवं कला-संस्कृतिक विषय केँ प्रमुखता दैत ई अन्तर्राष्ट्री मैथिली कवि सम्मेलनक रूप मे विराटनगर मे आयोजित भेल छल, तहिना एहि बेर भाषा, साहित्यक संग संस्कृतिक विभिन्न अभियान मे लागल अभियन्ता लोकनिक उपस्थिति मे मुख्य विषय मिथिलाक पुरातात्त्विक महत्व पर सेमिनारक आयोजन संग होयत।

नेपालक मिथिला मे नेपाल पुरातत्त्व विभाग द्वारा कैल गेल विभिन्न खोज आर एहि सँ भेटल उपलब्धिक चर्चा ई. गोपाल झा केर संचालन मे कैल जायत जेकर अध्यक्षता करता स्वयं प्रमुख अतिथि महानिर्देशक दाहाल। आर एहि सत्र मे प्रा. हरिकान्त लाल दास, प्रा. वासुदेव लाल दास, प्रा. चन्द्र प्रकाश यादव, पुरातत्त्वविद् तारानन्द मिश्र द्वारा व्याख्यान एवं कार्यपत्र आदि राखल जायत। एहि सत्र केर समीक्षक भारतीय पुरातत्वविद् व नेपालक नामी-गिरामी इतिहासकार लोकनि हेता।

तहिना पुरातात्त्विक महत्व एवं खोज आदि पर आधारित पावर प्वाइन्ट प्रेजेन्टेशनक संग डक्युमेन्ट्री फिल्म केर प्रदर्शन सेहो कैल जायत। एहि सत्रक संचालन युवा अभियन्ता निराजन झा द्वारा कैल जायत। एहि सत्र मे मैथिली लेल विकिपेडिया पर कार्य कएनिहार युवा मैथिल केर समूह सेहो सहभागी रहता। समीक्षा आ अध्यक्षता पुरातत्त्वविद् लोकनि करता।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुरूप भारत आ नेपालक विभिन्न क्षेत्र सँ जाहि क्रम मे सहभागिताक पुष्टि कैल जा रहल अछि ताहि अनुसारे कार्यक्रम मे फेर-बदल संभव अछि, ई जानकारी संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी देलनि। मधुबनी, सहरसा, कानपुर, दिल्ली आ गुआहाटीक सहभागिता पर एखन धरि प्रतिनिधि लोकनि पुष्टि देलनि अछि आर ई क्रम एखन जारी राखल जायत। पूर्वहि सँ निर्धारित वक्ता, प्रस्तोता, संचालक आदिक लोकप्रिय मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल फरमेट पर ई सम्मेलन आयोजित होयत श्री चौधरी कहलनि। ओ कहलनि जे एहि सम्मेलनक सफलताक वास्ते करुणा झा, धीरेन्द्र प्रेमर्षि, रमेश रंजन झा, अजित आजाद, अनिल झा, अमर नाथ झा, संजीब सिन्हा, बिन्देश्वर ठाकुर, अमित आनन्द, सुभाषचन्द्र झा, गणेश मैथिल, रोशन मैथिल, तेजू मैथिल, विद्यानन्द बेदर्दी, धीरज बर्मा, गोविन्द साह आदि सल्लाहक संग-संग समुचित संयोजन मे सहयोगीक भूमिका निर्वाह कय रहला अछि। आशा कैल जा रहल अछि जे एकटा अभूतपूर्व कार्यक्रम होयत जे अपन असर दूरगामी समय लेल छोड़त। मिथिलाक ऐतिहासिकता केँ पुरातात्त्विक महत्वक व्याख्यान आ डक्युमेन्ट्री आदिक मार्फत एकटा दीर्घकालीन प्रमाणिकताक कार्य ई सम्मेलन करत से विश्वास जतौलनि।

कार्यक्रमक आयोजक दहेज मुक्त मिथिलाक संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती करुणा झा कहलनि जे ई एकटा अभूतपूर्व आयोजन होयत नेपाल मे, राजनीतिक दाबेदारी अपना जगह पर होएत छैक, लेकिन बौद्धिक कार्य करब हमर मिथिलाक वासी सबहक प्रकृति मे रहल अछि। पुरातात्त्विक महत्वक स्थल सब पर वर्तमान समय धरि कि सब खोज कैल जा सकल अछि, सेहो जानकारी होयब वर्तमान पीढीक लेल आवश्यक अछि। ओ एहि कार्यक्रमक प्रचार रेडियो मार्फत होयबाक जानकारी करौलनि आ एहि वास्ते जिंगल सेहो अपनहि स्वर मे रिकार्डिंग करब अपन सौभाग्यक बात मानलनि अछि।

तहिना अभियन्ता आ युवा समाजसेवी निराजन झा अपन तैयारी मे पूरा लगन सँ कार्य कय रहल छी से जानकारी देलनि अछि। पावर प्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन लगभग पूरा भऽ गेल अछि। तहिना डक्युमेन्ट्री फिल्म केँ सेहो एडिट कार्य हम सब कय रहल छी। सहभागी पुरातनविद् सब संग साक्षात्कारक संग हरेक महत्वपूर्ण स्थल सबहक प्रत्यक्ष अवस्था आ जानकारी सब समेटबाक लेल भ्रमण कार्य सेहो कैल जा रहल अछि, ओ कहलनि। विदित हो जे झापा सँ बारा धरिक कुल ११ जिला केँ पौराणिक परिभाषाक आधार पर कोसी, गण्डकी आ हिमालयक बीचक क्षेत्र केँ मिथिला मानल जाएत अछि आर एहि ठाम एखनहु महाभारतकाल अवशेष सब प्राप्त भऽ रहल अछि। आगुओ खोज जारी अछि। एहि सम्मेलनक मुख्य उद्देश्य अपन वर्तमान पीढी केँ एहि महत्व संग जोड़ब सेहो अछि।