जुड़ शीतल माने स्वच्छता दिवस

फोटो साभारः सुजित झा, जनकपुर

जुड़-शीतल माने स्वच्छता दिवस

– प्रकाश कमती, मुम्बई सँ!

फोटो साभारः सुजित झा, जनकपुर
फोटो साभारः सुजित झा, जनकपुर

जुड़-शीतल केर ओना तs मिथिलाक पावैन मानल जाएत अछि मुदा जौं अहि पर सामूहिक चर्चा, प्रचार-प्रसार आ सामाजिक जनमानस द्वारा संरक्षण कएल जाय तs निश्चित अहि पावैनक वैज्ञानिक आ पर्यावरणीय गुणक संपूर्ण दुनिया कायल भs जायत। जुड़-शीतल केर असली माने स्वच्छता दिवस अछि, जेकर तात्पर्य अछि जे अहि दिन संपूर्ण मिथिला में खास कए जाहि ठाम जलक (पानी) सम्बन्ध रहैत अछि जेना नदी-तालाब, पोखैर, कुँआ, नाली, पैनक घैला, टाँकी इत्यादि केर साफ-सफाई कएल जाएत अछि। अहि पावैनक दिन पर्यावरण के स्वच्छ राखब लेल गाछ-वृक्ष केर सेहो जलसँ नहाओल (पटाओल) जाएत अछि जाहि सँ गाछ-वृक्ष में नव उर्जाक संचार होएत अछि आ ओ अपन स्वच्छ हवा सँ संपूर्ण पर्यावरण के पुनः भरि साल महमहौने रहैत अछि।

जुड़-शीतल जहिना भौगौलिक क्रियाकलाप सँ परिपूर्ण अछि ठीक तहिना धार्मिक अनुष्ठान सेहो अहि में समायल अछि। अहि दिन मिथिला में बसिया खेनाय खेबाक प्रचलन अछि जाहि लेल पूरा मिथिला में एकदिन पहिनहिए बेसन केर बरी आ पानीयएल भात (जाहिं सँ अगिला दिन भात खड़ाब नहि होई) बनाके राखि लेल जाएत अछि आ पावैन दिन अपन चूल्हा-चेकी केर विश्राम देल जाएत अछि जहिना गुजराती समाज में जन्माष्टमी में (गुजराती के सातम-आठम पावैन) बसिया खायल जाएत अछि ठीक तहिना इ प्रचलन मिथिला में सेहो अहि दिन होएत अछि। जुड़-शीतल दिन एकटा बड्ड नीक खेला सेहो खेलल जाएत अछि जे ‘धुड़खेल’ नामसँ मिथिला में प्रचलित अछि, इ खेला खेलैक एकमात्र उद्देश्य स्वच्छता सँ अछि जाहिं सँ आस-पड़ोसक कचरा, नाली, पोखैर इत्यादिक जलजमाव, गन्दगी केर सफाई स्वतः खेले-खेल में भs जाएत छैक ताहि कारणसँ अहि दिन ‘धुड़खेलक’ आयोजन होएत अछि जाहि में सबकियो एक-दोसरक देह पर थाल-कादो फेंकी आस-पड़ोस के स्वच्छ करैक भरपूर प्रयाश करैत छथि।

ताहि मिथिलाक अहि सुन्नर आ लोकप्रिय पावैन केर प्रचार-प्रसार, राजनेता लोकैन द्वारा उचित संरक्षण कएल जेबाक चाहि आ जौं अहि तरहक डेग उठल तs जुड़-शीतल प्रधानमंत्री श्री मोदी जी आ पूज्य बापू जीक स्वच्छ भारत मिशन केर सफल बनबैक में एकटा महत्वपूर्ण दिन सिद्ध होयत।