– विद्यानन्द बेदर्दी, राजविराज, सप्तरी
(हाल विराटनगर)
नयाँ सालके नयाँ सवाल अछि
देशमे मचल किये बबाल अछि?
हिलबैय जेना रामझुल्ला सन,
क्षणे क्षण अबैत भूचाल अछि॥
नेता रास रचैए कुर्सी पे वसि,
जन्ताके भाइ बुरा हाल अछि॥
अन्न सँ होइ हरियर जे धर्ती,
शोणित सँ लाले-लाल अछि॥
बारू दिया समानक सरकार,
देखु होइत कते कमाल अछि॥