एक वर्ष मे एक सौ मैथिली पोथीः मैथिली जिन्दाबादक अभियान

विजय कुमार झा, नोएडा। अप्रैल ९, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

bijay kumar jhaमैथिली जिन्दाबाद द्वारा आरम्भ कैल गेल अभियान जे एक वर्ष मे युवा मैथिल स्रष्टाक तरफ सँ एक सौ पोथीक प्रकाशन कैल जाय, एहि तरफ गंभीर ध्यानाकर्षण भेल अछि। एहि सँ पूर्व मे साहित्य लेखन तरफ हमर बहुत रास रुचि नहि छल। परन्तु हमरो जखन एहि अभियान मे संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा जोड़ल गेल तऽ अपनहि मोनक भीतर एकटा प्रश्न उठल जे कि सचमुच हमहुँ लिखि सकैत छी मैथिली भाषा मे किछु साहित्य… आर प्रकाशन करा सकैत छी… एकर जबाब भेटल जे ‘बिल्कुल लिखि सकैत छी। प्रकाशित सेहो करा सकैत छी। अहाँ जतेक करब ओतेक करू। बाकी सहयोग लेल सब अछि’। आइ यैह प्रेरणा भेटलाक बाद हम निरंतर क’-ट’ कय केँ लिखय लागल छी। लोकक प्रतिक्रिया पेबाक लेल हम ओ सब बात फेसबुक पर सेहो पोस्ट कय रहल छी। निरंतर लोकमानस मे स्वीकार्यता बढैत देखि रहल छी। हमर लेखनीक स्तर सेहो दिन-ब-दिन नीक भेल जा रहल अछि ई अनुभूति कय रहल छी। लोक सबहक प्रतिक्रिया आ प्रोत्साहन हमरा लेल रामबाण केर कार्य कय रहल अछि। हम विचारि लेलहुँ जे एहि १०० लेखक केर समूह मे वर्ष २०१६-१७ मे हमहुँ रहब।

एक प्रयास आइयो केलौंः

विद्यापति उगना मिलन आ बिछोरक बियोग

सुनि विद्यापति केर मधुर राग
सुनिते अयलाह भोला ठाढ
तखने केलनि मोन में नियार
उगना भेष में भेलैथ तैयार
 
लगलैथ ओ करय काज
मानैथ नइ ओ कुनु लाज
सगरो ओ पुरैथ भाँज
करैथ ओ सबटा काज
 
एक दिन विद्यापति के लगलैन प्यास
उगना चलल बोन में एहि सँ ओहि कात
जल लेलैन जटा सs बैन महादेव साक्षात्
पिबितहि जल विद्यापति जनलाह गुप्त बात
 
देरी सs अंगना पहुँचबा लेल
देलखिन मैलकाइन खोरनाठी ठेल
विद्यापतिक वचन खंडित भेल
चट उगना तखनहि अदृश्य भेल
 
विद्यापति भाव विभोर भेलाह
गौलनि उगना मोर कतय गेलाह
माय गंगा केँ समीप बजेलाह
ओतै विद्यापति प्राण तेजलाह