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सिम्रौनगढः मिथिलादेशक अन्तिम राजधानी

निराजन झा, विराटनगर। अप्रैल १, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली महायात्राक दोसर वर्षक पड़ाव विराटनगर मे यैह अप्रैल १६ आ १७ तारीख केँ अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियन्ता सम्मेलन – २०१६ केर रूप मे मनायल जेबाक अछि। एहि वर्ष नेपालक मिथिलाक पुरातात्त्विक महत्वक स्थान सब पर परिचर्चा गोष्ठी उपरोक्त कार्यक्रम मे राखल जेबाक भार हमरहि पर अछि। एहि क्रम मे स्थलगत भ्रमण करबाक जिम्मेवारी सेहो हम स्वीकार कएने छी। सप्तरी सँ आरम्भ हमर यात्रा मिथिलादेशक अन्तिम समयक राजधानी सिम्रौनगढ पहुँचि एक चरण पूरा केलक अछि। आउ, किछु बात कैमराक आँखि सँ देखल आ पकड़ल तस्वीरक माध्यम सँ करैत छी।

nirajan1फोटो १ः ई तस्वीर संभवतः सिम्रौनगढ राजधानीक ईष्टदेव शिव केर मुख्य गण भैरव केर थीक। मान्यता अछि जे एहि राज्य मे शिव केँ रक्षक मानल जाएत रहल आर हुनकहि आराधनाक फलस्वरूप राज्यक मुख्य रक्षक भैरव केँ मानल जाएत छल। ई राजधानीक दरबार मे बनल शिव मन्दिरक सोझाँ मे बनाओल गेल तस्वीर थीक। मूर्तिकला आइ सँ ८०० वर्ष पूर्व सिम्रौनगढ राजधानी मे कतेक विकसित आ कलात्मक छल तेकर जिबैत प्रमाण एकरा मानल जा सकैत अछि।

nirajan2फोटो २ः ई थीक दरबारक ऊपरका भागक फोटो। दरबार आब जीर्ण अबस्था मे अछि। विगत ८०० वर्ष सँ कतेको प्राकृतिक कहर केँ झेलैत आइ धरि जँ एकर एहेन स्वरूप बाँचल अछि तऽ स्वतः अन्दाज लगा सकैत छी जे ई अपन नव स्वरूप मे केहेन होयत। मिथिला सनातनकालीन पहिचानक ई अवशेष हमरा समस्त मिथिलावासी केँ अपन मूल पर गौरव करबाक अवसर प्रदान करैत अछि। आवश्यकता एतबे अछि जे हमरा लोकनि अपन अतीत पर अध्ययन केँ गहिंराबी आर एहि सँ बेसी रास सकारात्मक शिक्षा ग्रहण करी।

nirajan3फोटो ३ः ई थीक दरबारक आंगनक भाग। सीढीक डिजाइन देखि एना लगैत अछि जे आर्किटेक्ट डिजाइन ताहू समय मे कम विकसित नहि छल। संभवतः एहि दरबारक संरक्षण पछातिकाल नेपालक राजा जंग बहादूर राणा द्वारा सेहो कैल गेल लोकमानस मे चर्चा अबैत अछि। जंग बहादूर राणा जखन शिकार खेलेबाक निमित्त सँ एहि क्षेत्रक भ्रमण पर अयला तऽ हुनका एहेन ऐतिहासिक महत्वक स्थान सबहक सुरक्षाक जिम्मेवारी सँ बोध भेलनि। एतय मन्दिर निर्माण तथा टूट-फूट मरम्मतिक कार्य सेहो कैल गेल प्रतीत होएत अछि।

nirajan5फोटो ४ः मिथिला मे शिवक आराधनाक संग शक्तिक आराधना सेहो मुख्यता सँ रहल अछि। एहि ठाम भगवती कालीक ओ प्रसिद्ध मूर्ति मुन्डमाल पहिरने शिवक छाती पर पर पैर पड़िते विस्मित होयबाक दृश्य केँ मूर्ति मे दरसाओल गेल अछि। भगवतीक ई स्वरूप आइयो भिन्न रूप मे मुदा परिकल्पना एतबे, डायन आ जोगिन सहित हमरा लोकनि मिथिलाक विभिन्न ठाम जतय दुर्गा पूजा मनायल जाएत अछि, ओतय देखिते छी।

nirajan4फोटो ५ः एतय राज-परिवार कोना शिव एवं शक्तिक आराधना मे लीन होएत छथि, कोना स्त्री आ पुरुष संगे अपन ईष्ट केँ सुमिरैत छथि ताहि दृश्य केँ दरसाओल गेल अछि। भक्ति मिथिलाक विभिन्न साधना मे मुख्य अछि। एतय स्त्रीक बहुल्यता सेहो संकेत करैत अछि जे एक राजा बहु विवाह करैत छलाह, परन्तु सब स्त्री केँ समान रूप सँ सम्मान देल जाएत छल।

nirajan6फोटो ६ः ई ताहि जमानाक इनारक दृश्य थीक। टीनक काज संभवतः बाद मे कैल गेल हो। आजुक अवस्था मे इनारक संरचना सेहो ताहि समयक परिकल्पनाक समृद्धि केँ दरसाबैत अछि। एहि इनारक मुंह केँ पूर्ण सुरक्षित राखल गेल अछि। पेयजल केर सुरक्षा प्रति साकांछ रहबाक संकेत सेहो भेटैत अछि। जखन कि ई इनार मन्दिर प्रांगण मे पूजा निमित्त सेहो अछि, परञ्च पेयजय केर सेहो मुख्य स्रोत ताहि समय मे इनार मात्र होएत रहल अछि।

nirajan7फोटो ७ः एकरा कारागार केर रूप मे पहिचान कैल जाएछ। सजायाफ्ता अपराधी केँ ताहि समय मे एहि ठाम कैद मे राखल जाएत छल। देवाल मे भूर संभवतः हावा आ दृष्टि केँ आरपार होयबाक लेल राखल गेल होयत। ई दुइ मंजिलक अछि। एकटा जमीनी सतह सँ ऊपर आ दोसर सतह सँ नीचाँ बनल अछि।

nirajan8फोटो ८ः ई थीक पोखरिक महार, पक्का मढायल महार! आब ई ध्वस्तरूप मे एना देखाएत अछि। करीब ५ फीट मोटाइ अछि एकर। पोखरिक घाट पक्के मढायब संपन्नताक संकेत थीक। मिथिला मे विपन्नता आइ कोना देखा रहल अछि ई बात दिगर भेल, मुदा ताहि समय मे राजा-रजवाड़ाक सोच कतेक वलिस्ठ छल तेकर जिबैत प्रमाण एकरा मानि सकैत छी।

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फोटो ९ः टूटल दरबारक अवशेष – चारूकात जंगल अछि, आर बीच मे ई अवशेष शेष अछि। एहि ठाम नेपाल पुरातत्त्व विभाग द्वारा खोदाइ केर कार्य सेहो कैल जा रहल अछि। एतय सँ बहुत किछु पुरातात्त्विक अवशेष सब हाल धरि भेटल अछि, जेकर आधार पर मिथिलाक ऐतिहासिकता आरो दृढता पबैत अछि।

nirajan10फोटो १०ः दरबारक सुरक्षाकर्मी लेल किलाक देवाल मे बनल भूर – संभवतः सुरक्षाकर्मी केँ बाहरी आबरजातक पूर्ण ज्ञान भेटय ताहि लेल एहेन संरचना बनायल गेल छल। दरबारक सुरक्षा सेहो हर राज्य केर मुख्य कर्तब्य मानल जाएत अछि। एकर जिबैत प्रमाण एकरा मानि सकैत छी। सुरक्षा प्रति संवेदनशीलताक ई प्रमाण थीक।

nirajan12फोटो ११ः दरबारक अवशेष

nirajan13फोटो १२ः दरबारक खंभा मे बनल कलात्मक आकृति ताहि समयक कलासंपन्नताक द्योतक मानल जा सकैत अछि।

nirajan11फोटो १३ः दरबारक बाहरी फाटक आ भीतर प्रवेश करबाक अनेक तह मे सुरक्षा फाटक समान ई प्रतीत होएत अछि।

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