अब्दुर रज्जाक राइन, दोहा। मार्च २९, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
दोहा-कतारमे मासिक साहित्यिक गोष्ठी ‘साँझक चौपारि पर’ केर आठम मासिक बैसार सम्पन्न
“मातृभाषाक जगेर्णा हमरासबहक प्रेरणा” मूल नाराक संग विगत ८ मास सँ निरन्तर रुप मे आयोजना होइत आबि रहल मैथिली काव्य-सन्ध्या अन्तर्गतक कार्यक्रम साँझक चौपारि पर केर आठम मासक बैसार २५ मार्च २०१६ बितल शुक्र दिन दोहाक सनैया ग्रैंड मौल केर प्रांगण मे संपन्न भेल ।
एहि बेरुक कार्यक्रम आन बैसारक तुलना मे किछु कम श्रोता सहभागी भेलाह। एहि कार्यक्रमक प्रणेता तथा कवि बिन्देश्वरजी तथा सक्रिय अभियानी सह कवि अशरफ जी केर अनुपस्थितिक प्रभाव साफ देखल गेल । बैसारमे नियमित सर्जक सब सँ बहुतो कम नव सर्जक आ श्रोता लोकनिक कम उपस्थिति रहल ।
तहिना भाषा-साहित्यप्रति सदैव सजग सचेत युवा कार्यकर्ता श्री मनिष राय जी लगायत एक सँ एक व्यक्तित्व सबहक उपस्थिती एहि बैसारक विशेषता रहल । कवि सोगारथ जीक संयोजकत्व मे शुरु भेल एहि कार्यक्रम केर पहिल चरण मे सब गोटे अपन -अपन परिचय देलाह । तकरा बाद दोसर चरण मे सम्पूर्ण स्रष्टा सब द्वारा अपन विभिन्न रचना सबहक वाचन कएल गेल ।
रचना वाचन केर क्रम मे बेचन महतो, सोगारथ यादव, प्रणव कान्त झा, अब्दूर रज्जाक जी द्वारा कविता वाचन भेल । तहिना रविन्द्र उदासी जी अपना स्वरमे गाओल गीत सँ सबगोटे केँ मन्त्रमुग्ध कय देलाह । एकर अतिरिक्त आनलाइन सँ पठाओल रचना सब मे कवि प्रयास प्रेमी मैथिल, राजदेव राज जी केर होली विशेष रचना केर वाचन कैल गेल ।
कार्यक्रमक बीच मे मधेश मे भेल राज्य द्वारा दमन आ दर्जनों लोकक शहादति केँ स्मृति मे आनैत – हजारों घायल आन्दोलनीक जीवन मे आयल समस्या प्रति चिन्ता व्यक्त करैत आगामी समय मे यथासंभव योगदान सँ हुनका लोकनि केँ सहयोग करबाक निर्णयक संग-संग एहि वर्ष होली पाबैन नहि मनेबाक निर्णय कैल गेल । शहीद केर सम्मान सोरुप साहित्यकार लोकैन होलि नहि मनेबाक निर्णय केर विषय मे जानकारी देलैन। संगहि हेल्प मधेसी होली बिशेष केर कारणे निमन्त्रणा भेटलाक बादो अनुपस्थित होयबाक लेल कोनो दुःखक अनुभूति नहि करबाक अपील कैल गेल छल।
समग्र मे ईहो बैसार जय-जय रहल । चौपारि-पर उपस्थित सबगोटे बड बेसी उत्साहित भेलाह । कार्यक्रमक अन्तमे प्रमुख अतिथिसब द्वारा प्रवास मे रहियोकय अपन भाषा-साहित्य लेल भऽ रहल एहि प्रयास केर बहुते बेसी सराहना कैल गेल । संगे सदैव साथ-सहयोग रहत आ उत्तरोत्तर प्रगति होइत रहय ताहि तरहक आश्वासन एवं शुभकामनाक संग बैसारक समापन कैल गेल।