ठाढी, मधुबनी। मार्च १७, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
काल्हि १६ मार्च, २०१६ संपूर्ण मिथिलाक संग विश्व भरि लेल एकटा अत्यन्त उच्च मूल्यक ऐतिहासिक दिवस केर रूप मे सोझाँ आयल अछि। ९मी-१०मी सदीक प्रसिद्ध विद्वान् एवं ब्रह्मसूत्र टीकाकार पंडित वाचस्पति मिश्र केर मूर्तिक स्थापना हुनकहि निज गाम मधुबनी जिलाक ठाढी मे कैल गेल अछि, जेकर अनावरण कार्यक्रम समारोहपूर्वक संपन्न भेल अछि।
भामति-वाचस्पति उद्यान् – ठाढी मे स्थापित एहि प्रतिमा केर अनावरण औपचारिक तौर पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति डा. देव नारायण झा द्वारा कैल गेल। एहि अवसर पर आयोजित समारोह केर प्रथम उद्घाटन सत्र मे मुख्य अतिथि कुलपति डा. झा सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय – मिथिला विश्वविद्यालय एवं दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक विभिन्न प्रतिष्ठित विद्वान् लोकनि सेहो भाग लेलनि। पंडित वाचस्पति मिश्र केर कृति पर प्रकाश दैत डा. किशोर नाथ झा कहलैन जे सनातन वैदिक धर्म द्वारा स्थापित सत्य केर रक्षा गोटेक आक्रमणकारी बौद्ध धर्मक कूव्याख्या – कूतर्क केँ गलत प्रमाणित कैल जेबाक अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य छबो आस्तिक दर्शन पर विस्तृत मत राखनिहा पंडित वाचस्पति मिश्र द्वारा कैल गेल।
साहित्य अकादमीक सम्मान सँ सम्मानित आ ठाढी गाम मे पंडित वाचस्पति मिश्र केर स्मृति मे प्रतिमाक संग संग्रहालय आदिक निर्माण करेबाक प्रेरणा देनिहार अति सम्माननीय व्यक्तित्व डा. सुरेश्वर झा अपन संछिप्त मन्तव्य मे प्रतिमाक स्थापना व अनावरण लेल आयोजनकर्ताकेँ भूरि-भूरि प्रशंसा करैत मिथिलाक आरो विभिन्न वेत्ता लोकनि केँ घरहि मे सम्मान देबाक अपन संकल्प केँ दोहरबैत वाचस्पति द्वितीय एवं तृतीय केर सेहो चर्चा केलनि आर दाबी करैत कहलनि जे जँ किछु वर्ष ओ आरो जियैत रहि जेता तऽ हुनको लोकनिक जन्मस्थान पर ई कीर्ति स्थापित होएत जरुर देखता। डा. सुरेश्वर झा अपन एक आगामी पुस्तक केर प्रकाशन शीघ्र होयबाक जानकारी करबैत सभा केँ कहलैन जे ओहि पुस्तक मे बहुत गंभीर शोध सँ तिनू वाचस्पति केर विषय मे वृहत् जानकारी कराओल गेल अछि।
एहि सँ पूर्व अतिथि लोकनि केँ स्वागत करैत भामती वाचस्पति निर्माण समितिक अध्यक्ष श्री रत्नेश्वर झा वाचस्पति प्रतिमा अनावरण सँ पूर्व कोना-कोना आ किनकर-किनकर केहेन-केहेन योगदान रहल ताहि सब पर संछिप्त चर्चा कैल गेल। ओ जानकारी करबैत ओहि समस्त विभूति केँ धन्यवाद सेहो देलनि जे आजुक एहि दिवसक पाछाँ एकटा प्रेरणाक रूप मे रहल छथि। ओ विशेष रूप सँ बिहार विधान परिषद् सभाध्यक्ष पंडित ताराकान्त झा व हुनका द्वारा कैल गेल सहयोग सँ बिहार राज्य केर मंत्री सुनील कुमार पिन्टू एवं वित्त विभाग द्वारा वाचस्पति – भामति भवन लेल स्वीकृत कुल ३५ लाख केर रकम सँ बनल ओहि भवन जेकर उद्घाटन हाल धरि प्रतिक्षीत अछि ताहि सब बातक जानकारी सभा केँ करौलनि। हुनका द्वारा पंडित ताराकान्त झा केर ओ वचन जे सरकार तखनहि कोनो अनुदान-योगदान देत जखन वाचस्पति भवन व उद्यान् या अन्य कोनो निर्माण कार्य लेल जमीन उपलब्ध होयत, आर हुनकर ओहि बातक जबाब मे ग्रामीण जमीनदाता लोकनि द्वारा सहृदयता सँ देल गेल जमीन केर चर्चा करैत – हुनका लोकनि केँ धन्यवाद एवं आभार प्रकट करैत श्री झा समस्त ग्रामीण केर स्वयंसेवा सँ आइ ई मूर्ति निर्माण आर अनावरण एहि तरहें समारोहपूर्वक होयबाक जानकारी देलनि।
अपन स्वागत अभिभाषण मे श्री रत्नेश्वर झा मुख्य अतिथि कुलपति डा. देव नारायण झा सँ विशेष प्रार्थनापूर्वक एहि स्थल पर पंडित वाचस्पति मिश्र एवं भामति सँ जुड़ल महत्वपूर्ण शोधकार्य लेल ध्यानाकर्षण कराओल गेल। ओ मांग केलनि जे विश्वविद्यालय द्वारा एहि स्थान पर संग्रहालय एवं अध्ययन केन्द्र, शोध केन्द्र आदिक स्थापना कैल जाय जाहि सँ शोधकर्ता एवं अन्य जिज्ञासू अध्ययनकर्ता लेल सुविधा होयत आर एहि ऐतिहासिक स्थल केर दीर्घकालीन संरक्षण होयत। एवम् प्रकारेन श्री झा द्वारा एहि भूमिक महत्व केर चर्चा करैत एतय विश्वस्तरीय केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलबाक माँग राज्य सँ करैत ताहू वास्ते ग्रामीण लोकनि तैयार रहबाक बात कहल गेल। ओ कहलैन जे जतेक जमीन आर जतेक आर्थिक कोष केर आवश्यकता होयत ताहि लेल हम सब तैयार छी।
मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति डा. देव नारायण झा अपन गरिमामयी संबोधन संस्कृत भाषा मे करैत कहलैन जे जाहि देश मे संस्कृति केर रक्षार्थ तत्परता नहि रहत ओकर अस्मिता दीर्घकालीन नहि बाँचि सकैत अछि। लेकिन भारतवर्ष केर मूल शक्ति एतुका दर्शन ओ संस्कृति थीक आर एहि वास्ते जन-जन मे जे जागरुकता अछि यैह एकर आध्यात्मिक शक्ति थीक। पंडित वाचस्पति मिश्र केर प्रतिमा स्थापना सेहो एहि जागरुकताक सुखद परिणाम थीक। विश्वविद्यालय द्वारा वाचस्पति-भामति पर शोधकार्य केँ शुरुहे सऽ बढाबा देल जा रहल अछि आर भविष्य मे माँग कैल बुंदा पर सेहो कुलपति सँ जतेक बेसी संभव होयत ताहि दिशा मे कार्य कैल जायत। ठाढी गाम केर जनजागरणक इतिहास पूर्वहि समान आइयो संपन्न अछि आर ताहि लेल ई सब प्रणम्य छथि। हिनका लोकनि यैह सुसंस्कार स्वास्थ्यक प्रतिकूलताक बादो एतय धरि एहि समारोह मे उपस्थिति वास्ते बाध्य कय देलक। डा. झा केर एहि भावुक संस्कृत भाषा मे कैल संबोधन समस्त सभासदगण ग्रामीण व बाहर सँ आयल अतिथि लोकनिकेँ भावुक बना देने छल।
तदोपरान्त डा. झा द्वारा वाचस्पति प्रतिमाक अनावरण औपचारिक तौर पर कैल गेल। प्रतिमा पर फूल-माला चढाओल गेल। प्रतिमा स्थल पर राखल गेल शिलापट केर सेहो अनावरण करैत एकटा अत्यन्त ऐतिहासिक कार्य केँ आम जनमानस लेल खोलि देल गेल।
एम्हर विद्वत् सभा मे विशिष्ट अतिथि लोकनि डा. किशोर नाथ झा, डा. सुरेश्वर झा केर अतिरिक्त कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक दर्शन विभागाध्यक्ष डा. बौआनन्द झा जे स्वयं एहि ठाढी गामक भागिन सेहो छथि हुनका द्वारा पंडित वाचस्पति मिश्र केर विभिन्न ८ कीर्ति पर विस्तार सँ जानकारी देल गेल छल। मिथिला विश्वविद्यालय केर प्राचीन इतिहास विभाग केर प्राध्यापक डा. अयोध्या नाथ झा द्वारा सेहो वाचस्पति केर ‘भामति’ सहित अन्य-अन्य कीर्ति केर विश्व मे भऽ रहल चर्चा पर प्रकाश देल गेल छल। एहि सत्र मे विद्वान् डा. महेश नाथ झा सेहो अपन मन्तव्य दैत वर्तमान उपक्रम सँ महापुरुष केर कीर्ति चौजुगी संरक्षित होयबाक बात कहल गेल छल।
एहि सत्र मे मिथिला कृत्य मीमांसा नामक पोथी जेकर लेखक ठाढी गामक प्रसिद्ध मीमांसक स्व. पंडित वासुदेव झा छथि तेकर विमोचन कैल गेल। एहि पोथी मे मिथिला संस्कृति मे कोन पाबैन कोन तिथि केँ कोन तर्क पर कैल जाएछ, कोना पाबैन मनेबाक दुविधा केर समाधान कैल जाय – एहि सब बातक सहज बुझाइ मुमुक्षु-गुरु वार्ता माध्यम सँ अत्यन्त सरल भाषा मे राखल गेल अछि। विदित हो जे पहिल सत्रक अध्यक्षता पंडित शुभेश्वर झा कएलनि, संचालन स्वयं निर्माण समितिक अध्यक्ष एवं आयोजनक सूत्रधार रत्नेश्वर झा कएलनि। तहिना एहि सत्रक आरंभ मे चन्द्रिका देवी द्वारा भैरवि वन्दना – स्वागत गीत एक संस्कृत तथा एक मैथिली मे गाओल गेल। आर एकटा अत्यन्त विलक्षण अभिनन्दन पत्र सम्मानित अतिथि लोकनिक स्वागत मे श्री हरिदेव झा द्वारा पढलाक बाद मंचासीन विद्वान् लोकनि केँ हस्तान्तरण कैल गेल छल।
एहि समारोहक आयोजन एवं निर्माण समिति मे सचिव काशीनाथ झा, उपाध्यक्ष क्षमाधर झा, कोषाध्यक्ष गणेश झा, उप-सचिव नरेन्द्र झा, ग्राम समितिक सदस्य सत्यनारायण झा, मिहिर कुमार झा, मिथिलेश झा, विनोद कुमार झा, मिथिलेश्वर झा सहित अन्य गणमान्य सहयोगी मे उमेश मिश्र, चेतना समितिक उप-सचिव, डा. संजय झा – पटना विश्वविद्यालय, डा. ज्ञानेश्वर झा केर सहयोग व संग सँ कार्यक्रम अत्यन्त सफल रहबाक जानकारी श्री रत्नेश्वर झा मैथिली जिन्दाबाद केँ करौलनि।
श्री रत्नेश्वर झा अपन संछिप्त प्रतिक्रिया मे कहलैन जे एहि आयोजन मे राजनीति सँ जुड़ल कोनो सहभागिता लेल प्रयास नहि कैल गेल छल, परन्तु राज्य द्वारा निर्मित वाचस्पति-भामति भवन एवं मिश्राइन घाट केर औपचारिक उद्घाटन लेल शीघ्रहि राज्य केर नेतृत्वकर्ता राजनीतिक व्यक्तित्व एवं राज्य केर अन्य सम्बन्धित पक्ष संग बातचीत कैल जायत। ताहि दिशा मे हमरा लोकनिक अपेक्षा अछि आर शीघ्रहि आरो विकासक कार्य एहि ऐतिहासिक स्थल पर कैल जेबाक चाही ताहू लेल हम सब विश्वस्त छी।
कार्यक्रमक दोसर सत्र मे मैथिली साहित्य केर पुरोधा डा. भीमनाथ झा केर अध्यक्षता मे कवि गोष्ठीक आयोजन कैल गेल। एहि गोष्ठी मे नवोदित कवि सँ लैत पूर्ण प्रतिष्ठित-स्थापित कवि लोकनि भाग लेलनि। शुरुआत युवाकवि आनन्द झा केर सरस्वती वन्दना एवं एक गीति रचना केर सस्वर पाठ सँ भेल।
श्री विजय नारायण प्रवासी केर दुइ रचना – एक हिन्दी जाहि मे ओ मैथिली एवं मिथिला केर ऐतिहासिक महत्व तथा वर्तमान अवस्थाक वर्णन कएने छलाह आर दोसर मैथिली रचना जाहि मे ओ एक पिता द्वारा अपन पुत्रीक विवाह मे सब किछु दान-दहेज मे देलाक बादो बेटीक लेल सब खुशी हासिल नहि हेबाक आ पुत्र लेल किछु नहि बाँचल रखबाक कारणे ओहि बेटी एवं परिवारक हर सदस्य पर कोन तरहक असर पड़ैत अछि ताहि सब बात केँ मार्मिक शब्द सँ सजाकय अपन वृद्ध कंठक भरल स्वर आर नम आँखि सँ तेना प्रस्तुति केने छलाह जे सबहक आँखि मे नोर भरि देने छल।
तहिना मैथिलीक वरिष्ठ कवि उदयचंद्र झा विनोद अपन पिता-पित्ती-काकी-पत्नी-पुत्र आदिक संग अपन परिचय केँ कविताक माध्यम सँ तेना रखने छलाह जे ठहक्का-पर-ठहक्का छूटैत रहल उपस्थित अपार दर्शक केर।
मैथिलीक सुप्रसिद्ध कवि एवं गीतकार डा. चन्द्रमणि द्वारा माय केर महत्व मे अपन सदेह मायक सोहारी बिना तरकारी सेहो कतेक स्वदगर होएत अछि, माय केर सिनेहक आँचर केर छाहैर कतेक सुखद होएछ ताहि भाव केँ गीत गाबिकय प्रस्तुत केने छलाह। पब्लिक द्वारा माँग केला पर हुनक अति प्रसिद्ध आर घर-घर मे गाओल जायवला रचना ‘लाले-लाले अरहुल के माला बनेलौं गरदनि लगा लियऽ माँ’ सेहो प्रस्तुत कैल गेल छल। दर्शक सब प्रत्यक्ष डा. चन्द्रमणि केँ आँखिक सोझाँ ओहि प्रसिद्ध गीत केँ गबैत देखि अपना केँ गद्गद् मानब स्वभाविके छल।
स्वयं सिद्ध कवि अजित आजाद द्वारा संचालित एहि कवि सम्मेलन मे श्री आजाद द्वारा डिगडिगिया बजाबय दे – लोक केँ जगाबय दे वला गीत गाबि दर्शक-श्रोता केँ अपन मौलिक अधिकार आर कर्तब्य प्रति सचेतना प्रदान कैल गेल। तहिना रामेश्व पाण्डे निशांत द्वारा ठाढी गामक वर्णन करयवला एकटा टटका गीति रचना प्रस्तुत कैल गेल। दीप नारायण विद्यार्थी एवं ऋषि वसिष्ठ द्वारा मैथिली गजल केर सुमधुर स्वर मे गायन कैल गेल। युवाकवि दिलीप कुमार झा द्वारा स्त्री विमर्श मे भामतिक त्यागक उदाहरण राखि वर्तमान पीढी मे केहेन जागरुकता व लैंगिक समानताक आवश्यकता छैक ताहि दिशा मे ध्यानाकर्षण कराओल गेल रहय। तहिना प्रीतम निषाद द्वारा वर्तमान पंचायती चुनाव मे किनका आ कियैक चुनल जाय तेकरा व्यंग्यात्मक शैली मे गाबिकय दर्शक-श्रोताक बीच राखल गेल छल।
हास्य कवि वंशीधर मिश्र द्वारा समस्त दर्शक-श्रोता केँ आइ-काल्हिक वर-बरियातीक रूप मे कल्पना करैत कोना-कोना पुरान रीति-रिवाज मे बदलाब देखल जा रहल अछि ताहि दृश्य केँ अपन कविताक मार्फत अवलोक करबैत दर्शक सबकेँ हँसैत-हँसैत लोटपोट करबाक कार्य कैल गेल। तहिना मैथिलीक नामी कवि मोहन यादव द्वारा गूढ रहस्य सँ भरल कविताक प्रस्तुति श्रोता लोकनि केँ सोचबाक-गुनबाक दिशा मे अग्रसर केलक। प्रजापति ठाकुर द्वारा एक संस्कृत एवं दोसर मैथिली रचना प्रस्तुति मे प्रशंसित भेल। तहिना प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा दहेज मुक्त मिथिला अभियानक आवाज पहुँचेबाक लेल धी-बेटी सँ आह्वान करैत मैथिली-मिथिलाक रीति-विधि केँ संरक्षित रखबाक चैतावर तर्ज पर गीतक प्रस्तुति श्रोताक कान धरि पहुँचल।
आरा सँ आयल कवि राघव मिश्र द्वारा सेहो कविता प्रस्तुतिक संग एहि विशेष अवसर पर संदेश मूलक संबोधन आर तदोपरान्त एहि सत्रक अध्यक्षता कय रहला मैथिलीक वरिष्ठ पुरोधा कवि स्वयं अपन कविता सँ एहि सत्र केँ अमृतदान करयवला अत्यन्त अविस्मरणीय कार्यक्रम होयबाक प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षय कैल गेल। हर तरहें ई दिवस पंडित वाचस्पति मिश्र एवं भामति केर अमरता समान अमर स्मृति मे बनल रहत एकरा कियो नहि काटि सकैत अछि।
ठाढी गाम मे आयल अतिथि लोकनि केँ चाह-पान-नाश्ता-भोजनक संग मिथिलाक असल अतिथि सत्कार केर दर्शन आर विदाई – सब किछु अत्यन्त विशिष्ट रहल। कार्यक्रमक अन्तिम सत्र मे मिथिलाक प्रसिद्ध गायक लोकनि द्वारा दुर्गास्थान मे सांस्कृतिक कार्यक्रम राखल गेल छल। कुञ्जबिहारी मिश्र, रामबाबु झा, माधव राय, सतीश मुन्ना, राम सेवक ठाकुर केर संचालन मे सांस्कृतिक संध्या भव्यतापूर्वक संपन्न भेल।
(कार्यक्रम मे संपादक प्रवीण नारायण चौधरी सदेह उपस्थित उपरोक्त समाचार संप्रेषण केलनि अछि।)