कोलकाता, मार्च ९, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषा आर साहित्य केर इतिहास मे ऐतिहासिक योगदान करयवाला भारतीय महानगर ‘कोलकाता’ केर वर्तमान फेर सँ मैथिली लेल ओतबे हरियर आ गहिंरगर बनय लागल अछि। एहि नव मंजिल केर दिशा मे कोलकाताक युवा साहित्यकार लोकनिक जतेक प्रशंसा कैल जाय ओ कम होयत।
युवा कवि एवं मिथिमिडिया केर संपादक-संचालक रूपेश त्योथ केर परिकल्पना मे आरम्भ ‘अकास तर बैसकी’ केर २०१६ केर संयोजक चंदनकुमार झा केर नेतृत्व मे कलकतिया मैथिली कविता प्रेमी लोकनिक सत्प्रयाससं वर्ष २०१६ केर तेसर ‘अकासतर बैसकी’ रविदिन तदनुसार ६ मार्च २०१६ केँ कोलकाताक साल्टलेक अवस्थित सिटीसेंटरक सुरम्य प्रांगणमे सफलतापूर्वक आयोजित भेल। एहि गोष्ठीक अध्यक्षता विशिष्ट वैज्ञानिक आ ख्यातिलब्ध साहित्यकार योगेंद्र पाठक ‘वियोगी’ कयलनि।
चन्दन कुमार झाक संयोजकत्वमे आयोजित एहि बैसकीमे आमोद कुमार झा, मिथिलेश कुमार झा, रूपेश त्योंथ, विजय इस्सर, भास्कर झा आ चन्दन कुमार झा अपन-अपन स्वरचित कविताक पाठ कयलनि। अध्यक्ष वियोगी जी सेहो बैसकीक आयोजनपर प्रसन्नता व्यक्त कयलनि तथा स्वरचित कविता पढ़लनि। एकर अलावे मध्ययुगक वैष्णव पद रचयिता राय वसन्त आ बलराम दासक पद, नारायणजीक सद्यः प्रकाशित कवितासंग्रह ‘धरतीपर देखू’क दू टा कविताक आवृति चन्दन कुमार झा कयलनि। तहिना किरण झा, रूपेश त्योंथ आ भास्कर झा चन्दन कुमार झाक बाल कविता संग्रह ‘ बिहुँसि रहल अछि अमलतास’क कतिपय कविताक आवृति कयलनि।
कार्टूनिस्ट सन्तोष मिश्र बैसकीक फॉर्मेटसं आह्लादित भए एकर निरन्तरताक सुभेच्छा व्यक्त करैत जीवनमे कविताक महत्त्व आ कविताक विकास लेल एहि तरहक आयोजनक महत्तापर प्रकाश देलनि। कार्यक्रमक सुरुचिपूर्ण संचालन भास्कर झा कयलनि।
कोलकाता सँ दोसर अनमोल समाचार अछि जे मैथिली साहित्यकार भाइ अनमोल झा ‘मैथिली लघुकथाक स्वरूपः विश्लेषणात्मक अध्ययन’ विषय पर तिलकामाझी विश्वविद्यालय, भागलपुर सँ पीएचडी पूरा कएलनि अछि। एहि उपलब्धि लेल डा. अनमोल झा अपन गुरु (गाइड) डा. केस्कर ठाकुर तथा सह-गुरु (को-गाइड) डा. रविन्द्र कुमार चौधरी केँ धन्यवाद ज्ञापन करैत मैथिली भाषा आ साहित्य केर सेवा मे निरंतर योगदान देबाक प्रतिबद्धता प्रकट केलनि अछि।
तहिना युवा साहित्यकार चंदनकुमार झा अपन कृति ‘धरतीसँ अकास धरि’क बादक अपन काव्य यात्राक दस्तावेजक रूप मे हुनकर छठम पोथी ‘वर्ष २०१६ केर प्रथम भेँट’ केर रूप मे “गामक सिमानपर” कविता संग्रह केँ शीघ्र प्रकाश्य कहैत फेसबुक मार्फत समस्त मैथिली साहित्य जगत् केँ जानकारी करौलनि अछि। विदित हो जे हुनकर साहित्यिक अवदान लेल मैथिलीक प्रसिद्ध सम्मान कीर्ति नारायण मिश्र सम्मान चेतना समिति पटना सँ पहिनहि भेट चुकल छन्हि आर निरंतर अपन लेखनी कार्य सँ ओ मैथिली साहित्य सागर केँ हृष्ट-पुष्ट रखैत आबि रहला अछि।
समस्त कोलकाता संग मिथिलाक साहित्य संसार केँ मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ हार्दिक बधाई!! मैथिली जिन्दाबाद!! मिथिला जिन्दाबाद!!