श्रीचंद कामत, नई दिल्ली : 14 फरबरी, 2016. मैथिली जिन्दाबाद!!
एहि कवि गोष्ठीक अध्यक्षता मिथिलाक प्रसिद्ध गायिका व कवियित्रि श्रीमती कुमकुम झा तथा मंच संचालन मधुर आवाज़क स्वामी टी.वी. उद्घोषक श्री कंत शरण कयलनि । गोष्ठी मे अखिल भारतीय मिथिला संघ केर महासचिव श्री विद्यानंद ठाकुर जी विशिष्ट अतिथि छलाह ।
कार्यक्रमक शुरुआत मैथिली साहित्य महासभाक नवचयनित अध्यक्ष श्री अमरनाथ झाक संबोधन सँ भेल । मैथिली साहित्य महासभा द्वारा निरन्तर प्रयास सँ मैथिली भाषा एवं साहित्य प्रति मैथिल जनमानस केँ जोड़िकय रखबाक संग-संग युवा पीढी केँ एहि दिशा मे समुचित प्रोत्साहन देबाक लेल कार्य करैत रहबाक प्रतिबद्धता प्रकट करैत एहि लेल सब सँ सहयोग करबाक आग्रह सेहो ओ केलनि।
कवि रूप मे सहभागी श्री महेश झा डखरामी, श्री विमल जी मिश्रा, श्रीचंद कामत, श्री वीनित उत्पल, श्री मनीष झा ‘बौआ भाई’, श्री आदित्य भूषण मिश्र, श्री इंद्रकान्त झा अपन-अपन कविता वाचन करैत उपस्थित श्रोता केँ अपन भाषा आ साहित्यक मिठास सँ सराबोर कए देलनि। कार्यक्रमक आकर्षण महेश डखरामी जीक विशेष शैलीक कविता, विमल जीक मनमोहक वेलेंटाईन डे स्पेशल गीत, श्रीचंद कामत जीक टटका रचना “मैथिल सब आब, जागि गेल छै” तथा “हम भेनौ जे ईकट्ठा ओहि ठाम” , मनीष झा ‘बौआभाइ’ केर अपनहि कविता संग्रह पोथी “की निक आ की बेजाय” सँ लेल गेल कविता आ इंद्रकांत जीक “गाछीक कटहर गमकै छै” छल ।
एहि कवि गोष्ठी में विभिन्न बुद्धिजीवी मैथिलक उपस्थिति कवि लोकनिक उत्साहवर्धन मे सहायक रहल। एडवोकेट बबीता झा, मैथिल अभियानी व समालोचक श्री प्रवीण कुमार झा, मैथिली फाउंडेशन केर संस्थापक श्री कौशल कुमार, पत्रकार श्री ब्रजेन्द्र नाथ झा आदिक उपस्थिती विशेष उल्लेखनीय रहल । बीच-बीच में मंच संचालक श्री कन्त शरण जीक मधुर स्वर सेहो गुंजैत रहल । बसंतोत्सव पर आयोजित एहि कवि गोष्ठी मे ५० सँ ज्यादा मैथिलक उपस्थिति छल ।
आयोजक मैथिली साहित्य महासभा सँ हेमंत झा, संतोष सिंह राठौड़, कंत शरण, अमित चौधर, विमल जी मिश्रा, श्रीचंद कामत एहि आयोजन लेल विशेष योगदानक संग अपन उपस्थिति देलनि। संजीब सिन्हा जी मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल पटना मे सभागिता दैत आपसी यात्रा मे देरी होयबाक कारणे उपस्थित नहि भऽ सकल छलाह, परंतु हुनकर अप्रत्यक्ष उपस्थिति सदैव मैसामक हरेक कार्यक्रम मे बनल रहैत अछि। आरो महत्वपूर्ण उपस्थिति मे संजीत कुमार झा, अजय झा, सरोज कुमार सिंह, शिवनाथ झा, पंकज आनंद, प्रेमचन्द्र झा, गोविंद झा, आशुतोष आशु, आदि छलाह ।
कवि सबहक प्रस्तुति सँ आह्लादित मैथिल अभियानी सह मैथिली फाउंडेशन केर सस्थापक कौशल कुमार मिथिलाक्षर प्रशिक्षण केँ निरन्तरता देबाक आवश्यकता पर जोर देलनि । अंत मे कवि गोष्ठीक अध्यक्षा श्री मति कुमकुम झा द्वारा अध्यक्षीय संबोधन देल गेल जाहि मे ओ युवा कवि ओ अभियानी लोकनिक एहि सुन्दर प्रयास केर सराहना करैत कहलनि जे मैथिली भारतक प्राचीन भाषा रहितो एकर वर्तमान समाज सँ साहित्यक कटाव भेलाक कारणे समस्या उत्पन्न भेल अछि आर तेकर समाधान लेल ई छोट-छोट आयोजन बड पैघ महत्वक साबित होयत।
कार्यक्रमक समापन मैथिली साहित्य महासभाक उपाध्यक्ष श्री हेमंत झा केर धन्यवाद ज्ञापन सँ भेल । ओ कहलनि जे एहि तरहें सब साल 14 फरबरी केँ मैथिली कवि गोष्ठीक आयोजन कैल जायत । संगहि मैसाम केर ऐगला वार्षिक आयोजन २१ फरबरी अन्तर्राष्ट्रीय मातृबाषा दिवस पर कंस्टीट्यूशन क्लब मे बेसी सँ बेसी संख्या मे सहभागिता लेल अनुरोध केलनि। कार्यक्रमक समाप्ति पश्चात जलपानक व्यवस्था सेहो छल, जलपानक बाद “अबीर” लगबैत बसंतोत्सव मिलन समारोह मनाओल गेल।