विराटनगर, जनबरी ३०, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
अप्पन विराट गढ द्वारा आयोजित विभेदमुक्त महिला जनजागरण अभियान केर एक कार्यक्रम विराटनगर केर हिमालय सिनेमाक आगाँ मे मुख्य सड़क पर मंच स्थापित कय आम जनमानस समक्ष आयोजन कैल गेल। एहि आयोजन केर अध्यक्षता वसुन्धरा झा केलनि तथा मुख्य अतिथि समाजसेवी सीता यादव छलीह। संगहि विभा कर्ण, वन्दना चौधरी, प्रेम नारायण झा, शिव नारायण पण्डित ‘सिंगल’, विद्यानन्द बेदर्दी आदिक विशिष्ट उपस्थिति रहल।
पुरुष प्रधान समाज मे महिला ऊपर घरेलू हिंसा, अशिक्षा, राज्य द्वारा अधिकार नहि देब व अन्य विभिन्न कूरीति सँ सामाजिक न्याय आदि सँ वंचित राखब - एहेन दर्जनों विभेद मे महिला समाज पड़ल छथि। मुख्य रूप सँ आडम्बरी परंपरा आर अंधविश्वास सँ सेहो महिला समाज केर अधिकार व स्वतंत्रता पर अंकुश लगेबाक कतेको व्यवहार देखल जाएछ। एहि सबहक विरुद्ध एकटा जनजागरण अभियान संचालन करबाक ध्येय सँ शुरु कैल गेल ई प्रयास मे सब कियो अभियानी बनिकय काज करब जरुरी अछि – किछु एहि तरहक गरिमामयी संबोधनक संग प्रकाश प्रेमी कार्यक्रम संचालन शुरु केलनि।
प्रवीण नारायण चौधरी तथा विभा कर्ण सहित समस्त उपस्थित अतिथि व आम जनसमूह द्वारा भैरवि वन्दना सँ कार्यक्रम केँ विधिवत् शुरुआत कैल गेल। मुख्य अतिथि सीता यादव द्वारा दीप्ति प्रज्वलन करैत उद्घाटन कैल गेल। तदोपरान्त विभिन्न सांस्कृतिक-रंगकर्मी समूह सब द्वारा महिलाक अधिकार प्रति सचेतना प्रसार करबाक लेल छोट-छोट नाटक केर मंचन सेहो कैल गेल छल। वक्ताक रूप मे प्रवीण नारायण चौधरी, शिव नारायण पण्डित ‘सिंगल’ द्वारा संबोधन कैल गेल छल।
कार्यक्रम मे विभेद केँ उजागर करयवला कविता सब सेहो वाचन कैल गेल छल। कवि प्रेम नारायण झा, वन्दना चौधरी, विद्यानन्द बेदर्दी द्वारा कविता वाचन कैल गेल। तहिना मुख्य अतिथि सीता यादव द्वारा सभा केँ संबोधित करैत महिलाक अधिकार प्रति संघर्ष केँ एकजुटता सँ जारी रखबाक आग्रह कैल गेल छल।
भिन्न-भिन्न क्षेत्र सँ पहुँचल विभेद मे पड़ल महिला सब सेहो अपना संग घटित घटना सबहक उल्लेख करैत आयोजक संस्था द्वारा हुनका संग भऽ रहल विभेद केँ दूर करबाक लेल संघर्ष जारी रखबाक वचनबद्धता प्रकट कैल गेल छल।
विराटनगर सन शहर केर मुख्य बाजार आर मुख्य मार्ग पर एहि तरहक जनजागरण कार्यक्रम सँ महिलाक अधिकार प्रति स्वयं महिला समाजक अलावे आम जनमानस पर सेहो सार्थक प्रतिक्रिया पड़ल ई भावना ओतय सहभागी दर्शक लोकनि प्रस्तुत कय रहल देखायल।