भारतीय गणतंत्र दिवस: ऐतिहासिक गाथा

२६ जनबरी, १९३०
जनबरी मासक २६ तारीख भारत मे स्वाधीनता संग्राम केर एक अविस्मरणीय दिवस थीक। एहि दिन १९३० ई. मे भारतकेर तिरंगा पहिल बेर स्वाभिमान आर क्रोध केर मिश्रण संग स्वतंत्रता सेनानी सभक द्वारा सार्वजनिक रूप मे फहरायल गेल छल। एहि सोच सँ भारतक स्वतंत्रता केर प्रदर्शन होइक, जे ताहि समय उपस्थित भीड़ – जनमानसक मस्तिष्क केँ एकमात्र माँग रहैक। एहि स्पष्ट धारणा जे भारत स्वतंत्र बनत – एहि नारा संग नेतृत्व गांधीजी देने छलाह मुदा एहिपर अटूट विश्वास एवं एहि लेल संघर्षक प्रतिबद्धता अनेको वीर सपुत देशभक्त जेना नेहरुजी, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस एवं अनेको अन्य राष्ट्रसेवक केर संग जतौने छलाह।
गाँधीजी जखन कि ब्रिटेनके प्रमुख याने British Crown as Head of State मानैत ब्रिटिशक शाही संविधान केँ अपनाबैत भारतलेल स्वतंत्रताक बात कयने छलाह – जेकरा दोसर शब्द मे भारत लेल Dominion Status केे माँग कहल जा सकैत छैक सैह टा उठौने छलाह लेकिन हुनक एहि माँगपर अन्य नेतागण जेना नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आ पंडित जवाहरलाल नेहरु स्वीकार नहि करैत भारत लेल पूर्ण स्वराज्य केर माँग अग्रसर कयलाह – Complete National Independence – जेकरा गाँधीजी शुरुआती दौड़ में ई संभव नहि होयत से तर्क दैत नहि मानैत रहला – तथापि ब्रिटिश द्वारा गाँधीजीक माँग समेत ठुकरा देलापर – कोनो सुधार वा राजनैतिक अधिकार समर्पित नहि कयलापर समस्त नेतागण मे एकता भेल जे आब पूर्ण स्वराज्य केर लेल मात्र संघर्ष हुअय। झंडा केर स्वरूप केँ अंगीकार १९३१ मे भेल।
“ब्रिटिश सरकार भारत मे नहि केवल भारतीय जनताक स्वतंत्रता सँ वंचित कयने अछि बल्कि अपन बुनियाद जनमानस केँ शोषण करैत भारत केर आर्थिक, सांस्कृतिक आर आध्यात्मिक स्वरूप केँ सेहो बर्बाद कय देने अछि..। अतः भारत अपन सम्बन्ध ब्रिटिश सँ विच्छेद अनिवार्य रूपसँ करय आर पूर्ण स्वराज अर्थात् पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करय।”
– एहि तरहें भारतीय स्वतंत्रताक घोषणापत्र गाँधीजी द्वारा तैयार (ड्राफ्टिंग) कैल गेल आ एहि घोषणापत्रक पहिल बेर प्रकाशन जनबरी २६, १९३० ई. मे कैल गेल।
दिग्गज नेता, जेना: नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरु, श्री बालगंगाधर तिलक, श्री औरविन्दो, श्री बिपिन चन्द्र पाल, ई सभ ब्रिटिश राज सँ पूर्ण स्वतंत्रताक पक्ष मे रहलाह।
जखन ब्रिटिश १९४७ ई. मे भारत छोड़ि देलक, तखन भारत मे संविधान सभाक द्वारा भारतीय संविधानकेर निर्माण आ मंजूरी दैत जनबरी २६, १९५० ई. मे एकरा घोषित कय देल गेल। एहि दिवस केँ भारत एकटा गणतंत्रक रूप मे स्थापित भऽ गेल। ताहि लेल हम सभ भारतक गणतंत्र दिवस २६ जनबरी केँ मनाबैत आयल छी – आजुक दिवस विशेष रूपमें स्वाधीनता संग्राम मे राष्ट्र केर स्वतंत्र अस्मिता केँ निर्माण लेल संघर्ष करैत जे अपन जीवनक बलिदान देलाह ताहि शहीद सभ केँ स्मरण करैक लेल, आ संगहि आजुक भारतक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र केँ अक्षुण्ण राखय लेल सदिखन जीवन बलिदान करय लेल तैयार भारतीय थल सेना, वायु सेना आ जल सेना केर जोश एवं उत्साह केँ बरकरार राखय लेल आ संगहि समाज निर्माण मे सहायक महत्त्वपूर्ण समाजिक विचारक आ निर्माणकर्ता प्रति सम्मान प्रदर्शन लेल आजुक दिवस केँ मनाओल जयबाक परंपरा बनल अछि।
शुभकामना! शुभकामना! शुभकामना!
शुभकामना एहि लेल नहि जे केवल झूठ मे हम सभ मात्र इतिहास केँ ताहि अपूर्व क्षण आ बलिदानी शहीद केर शहादत मात्र स्मरण करैक लेल बाँटी बल्कि एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण बात जे एहि तिनू पक्ष केर पोषण लेल स्वयं मे व्यक्तित्वक विकास लेल सेहो प्रतिबद्ध बनी, संकल्प ली आ ताहि अनुरूपे आचरण करी।
देखय में आबैछ जे समयक महत्त्व केवल अपन स्वार्थपूर्ति हेतु उपयुक्त मानयवाला मानसिकता मे दिन-ब-दिन वृद्धि भऽ रहल अछि। एहि पर ध्यानाकर्षण जरुरी जे केवल स्वार्थपूर्ति हेतु लगन बनत तऽ राष्ट्रक स्वाधीनता संग्राम लेल के लड़त? के सोचत जे आइयो अनेको विन्दुसँ राष्ट्र पराधीन अछि। ओ भ्रष्टाचारीक बात हो, कालाबाजारीक बात हो, ओ राजश्व चोरीक बात हो, ओ अनावश्यक होड़बाजीक बात हो वा समाज मे विभिन्न वर्गक बीच बढैत अन्तर जे मूलतः समस्त अपराधकेर सृजक होइछ तेकर अनियंत्रित होयबाक बात हो। असमानताक विरुद्ध लड़ब आइयो ततबी मुश्किल काज छैक जे जमाना मे भारतक महान् सपुत स्वाधीनता संग्रामकर्ता कयलन्हि। समस्त प्रतिबद्ध राष्ट्रसेवी केँ बेर-बेर नमन् करैत अपन जीवन सेहो ईमानदारी आ सच्चाई संग बितैक – ईश्वर संग यैह प्रार्थना करैत आजुक दिवसकेर उपलक्ष्य एक बेर फेर अपने लोकनिकेँ शुभकामना दैत छी।
हरिः हरः!
नमः पार्वती पतये हर हर महादेव!
Salutation to such a great soul manifested on earth – Tum Mujhe Khun Do – Mai Tujhe Aazaadi doonga!! Great Man on Earth Comes Rarely!! Harih Harah!!
Advertisement through posters for righteous war – the inevitable World War! Harih Harah!
British Queen’s Dominions! Harih Harah!
Shri Bal Gangadhar Tilak – Salutation again and again! Amar rahe!! Harih Harah!!
Shri Bipin Chandra – Salutation to all great souls!! Harih Harah!!
Pt. Jawaharlal Nehru – a great sacrifice of luxurious life – simply for country and countrymen! This is commendable and impressive example for today’s billionaire to learn from him. Harih Harah!
The Flag adopted in 1931! Harih Harah!
Shri Arubindo! Salutation to all great spirit who put a great effort for India’s freedom. Harih Harah!!
डर्बन, लंकाशायर me Textile workers ke sang Gandhi Jee – Harih Harah!
बोर युद्ध (१८९९ई.) एम्बुलेन्स प्रहरीके सेवाकाल – गाँधीजी! हरिः हरः!
चंपारण आ खेडा के सत्याग्रहके समयमें गाँधीजी! हरिः हरः!
गाँधीजीके बचपन के फोटो! हरिः हरः!
गाँधीजी के स्मृति स्वरूप पुरान पोस्टल स्टाम्प! हरिः हरः!
महात्मा गाँधी – अमर रहैथ! हरिः हरः!
साबरमती आश्रम – गाँधीजीके निवास स्थान – गुजरात! हरिः हरः!
राजघाट – गाँधीजीके स्मारक! पुण्यभूमि! हरिः हरः!
गाँधीजी १८९५ में साउथ अफ्रीकामें! हरिः हरः!
आत्मनिर्भरता के पाठ – गाँधीजी भारतीय लेल कपड़ाके पुर्तिक हेतु चरखा चलाबय लेल प्रेरणा संचरण करैत – स्वयं सेहो चरखा सँ सूत काटैत। नमन्! हरिः हरः!
गाँधीजी आ ठाकुर रविन्द्रनाथ टैगोर जी के संग! हरिः हरः!
महात्मा गाँधी – कस्तुरबा गाँधी संग! हरिः हरः!
वायसराय के पत्र पढैत महादेव देसाइ – बिरला भवन – १९३९ में! हरिः हरः!
नमक सत्याग्रह में गाँधीजी संग उमड़ल भीड़! हरिः हरः!