रंग पेठिया – त्रिदिवसीय रंग उत्सव दरिभंगा मे

दरिभंगा, जनबरी १८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

rang pethaथियेटर युनिट – दरभंगा केर तत्त्वावधान मे हराही पोखैर पर अवस्थित गीत एवं नाटक प्रभागक कैम्पस मे ‘रंग पेठिया’ – त्रिदिवसीय रंग आयोजन दरिभंगा मे आयोजित कैल गेल।

पटना, बेगुसराय आ दरिभंगा केर रंग-समूह द्वारा नाटक, नुक्कर नाटक, नाटक पर सेमिनार आदिक कार्यक्रम एहि आयोजन मे प्रदर्शित भेल। भोरक ९ बजे सँ रातिक ९ बजे धरिक विभिन्न चरण मे एहि कार्यक्रम सबहक प्रस्तुति होयबाक समाचार आयोजनकर्ता सँ भेटल।

विभिन्न प्रस्तुतिक बीच मे मिथिलाक लोक-संस्कृति सँ जुड़ल लोकगायनक प्रस्तुति सेहो कैल गेल। गोदना, झिझिया गान, पमरिया आदिक प्रस्तुति राखैत मिथिलाक अपन लोकसंस्कृतिक झाँकी सब राखल गेल, आयोजन मे सहभागी जितेन्द्र नाथ जितू बतौलनि।

एक्कहि कैम्पस मे कुल ४ टा मंच केर निर्माण कैल गेल अछि जाहि मे एक मंचक नाम मिथिलाक सुप्रसिद्ध कथा-नायक गोनू झा केर नाम पर राखल गेल छल। प्रकाश बंधु रंगकर्मी एहि कार्यक्रमक सुत्रधार छथि, ओत्तहि सागर सिंह समान चर्चित रंगकर्मी एहि मे भरपूर सहयोग कयने छलाह। एहि प्रस्तुति मे मैथिली नाटक तऽ प्रदर्शित नहि कैल गेल, धरि मंच संचालन व संबोधन आदि सब बात मैथिली भाषा मे राखल गेल सेहो जानकारी आयोजनकर्ता सँ भेटल।

मैथिली साहित्य ओ अभियानक हस्ताक्षर अजित आजाद एहि रंग समारोह मे भाग लेबाक लेल दरिभंगा पहुँचल छलाह आर मैथिली जिन्दाबाद संग वार्ता करैत जानकारी करौलनि अछि जे ऐगला बेर सऽ मैथिली नाटक केँ सेहो शामिल कैल जायत, ई जानकारी आयोजनकर्ता संग बात कएला पर भेटल।

एहि समारोह मे दोसर दिन कवि सम्मेलनक आयोजन सेहो कैल गेल छल। श्री आजाद कहैत छथि जे दरिभंगा मे बहुत दिनक बाद एहेन समारोहपूर्वक नाटकक आयोजन संपन्न भेल अछि। एहि सँ वातावरण केर पुनर्निर्माण भेल अछि। ई क्रम जारी रहय ताहि लेल हम समस्त अभियानी व साहित्यसेवी – समाजसेवी कार्यरत छी।

सुरुचि वर्मा मैथिलीक अभिनेत्री सेहो विलक्षण प्रस्तुति सब देने छलीह। ओ मुम्बई मे टेलिविजन धारावाहिक सब मे काज करैत छथि। भगौन वाली धारावाहिक मे मामी केर भूमिका मे हिनकर अदाकारीक चर्चा होएत अछि।

पटना सँ नामी रंगकर्मी अनिश अंकुर, बेगुसराय केर प्रवीण कुमार, गुंजन सहित अनेक वरिष्ठ रंगकर्मी लोकनि भाग लेलनि एहि रंग उत्सव मे। मुम्बई सँ आयल जितेन्द्र नाथ जितू कहलैन जे मैथिली नाटक मिथिलाक मूल भूमि पर रंग उत्सव मे नहि समेटल जाएब कनेक चिन्ताक विषय बुझाएछ, लेकिन आगामी साल सँ एकरा समेटल जाएत ताहि सँ संतोष कय रहल छी। एहि आयोजन सँ दरिभंगाक रंगभूमि एक बेर फेर अपन रंग मे देखाय लागल अछि।