बिसैर गेलाह मैथिल – “विशिष्ट आंदोलन कर्ता भोलालाल दासक मैथिली लेल योगदान।”
भोलालाल दास जी एकटा महान् आंदोलनकर्मी भेलाह जिनक कतबो वर्णन करब त संक्षिप्ते होयत। हिनकर जन्म कसरौर गाम में 1897 ईश्वी में भेल छलैन। विधि स्नातक भय लहेरियासराय में ओकालति सँ शुरु होईत इ महान् कवि केर संग संग प्रसिद्ध मैथिल आन्दोलनी एवम् कुशल सम्पादक सेहो छलाह।
सन् 1929 में यैह ओ लाल छलाह जे दरिभंगाक एम. एल. एकेडमी में बाबा विद्यापतिक जयन्ती आरम्भ केलैन। जे आब देशभरि में मैथिलक प्रतिक आ मिथिलाक आन्दोलनक मंच बनि गेल अछि। विश्वविद्यालय एवम् शिक्षा विभाग द्वारा मैथिलीक स्वीकृति हिनके प्रयाश सँ भेटल अछि।
सन् 1931 में ‘मैथिली साहित्य परिषद’क गठन केनिहार मिथिलाक लाल भोलालाल दास के मैथिल कोना बिसैर सकताह, अहि सँ पहिने 1929 में ‘मिथिला’ नामक पत्रिका केर प्रकाशन पुस्तक भंडार द्वारा आरम्भ भेल छल जेकर सम्पादक भोलालाल दास जी आ कुशेश्वर कुमार जी केर बनाओल गेल छल। इ पत्रिकाक मुख्य उद्देश्य मैथिली भाषाक आंदोलन के सुनिश्चित दिशा देबाक छल।
जखन सन् 1940 में सरकार द्वारा प्राथमिक एवम् माध्यमिक स्तर पर मैथिली केर स्वीकृति भेटलैक तखन यैह भोलालाल दास धिया-पुताक लेल मैथिली व्याकरण चंद्रोदय सुबोध व्याकरण आ सरल व्याकरण लिखि मैथिली के शिक्षाक पटल पर स्वरुप ठार करबाक प्रयास सेहो कयलैन।
अंतोगत्वा ओ दिन सेहो आबि गेल जाहि दिन 28 मई 1977 में एकटा प्रखर मातृभाषानुरागि संग मैथिली उद्धारक महान् अन्दोलनिक देहावसान भ गेल।
साभार- 12वीं कक्षाक मैथिली किताब में आय पढ़लौं।
उपरोक्त आलेख ‘मातृभाषानुरागी भोलालाल दास’ निबंध जाहि केर लेखक डॉ बासुकीनाथ झा छैथ ताहि सँ लेल गेल अछि।
– प्रकाश कमती, मुम्बई।