विमलजी मिश्र, प्रगति मैदान, दिल्ली। जनबरी १४, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
दिल्लीक प्रगति मैदान मे लागल विश्व पुस्तक मेला २०१६ मे एहि बेरुक थीम “भारत केर सांस्कृतिक धरोहर” राखल गेल अछि । अनेको देशक पुस्तक प्रर्दशनी केर बीच मे रोजीना अनेको कवि गोष्ठी, सेमीनार, पुस्तक विमोचन कार्यक्रमक अलावे, अलग-अलग राज्य केर लोकसंस्कृति पर आधारित, नृत्य, गायन, वादन आदि पुस्तक मेला केँ खूबे आकर्षक बनौने अछि ।
एहि विभिन्न राज्यक प्रस्तुतिक क्रम मे काल्हि 13/01/2016 केँ मिथिलाक तरफ सँ विद्यापति केर रचना पर आधारित गायन कार्यक्रम संध्या पाँच बजे सँ राखल गेल छल। जाहि मे मिथिलाक स्वर-सम्राज्ञी रंजना झा जी केँ अतिथि गायिकाक रूप मे भारत सरकार केर तरफ सँ बजायल गेल छलन्हि।
रंजना जी केर गायन सभागार मे सब केँ मन्त्रमुग्ध कय देलक। विद्यापति रचित कुल छ: टा (6) रचना सुनेने छलथि। जाहि मे पहिल गोसाउनीक गीत, जय जय भैरवि, दोसर मे सुनु सुनु रसिया, तेसर मे गे माई कौने विधी केलौं जमाई, चारिम मे पिया मोरा बालक, पाँचम मे आजु नाथ एक व्रत, एहि मे शिव ताण्डव स्त्रोत कें गायन मिलाकय जानदार प्रस्तुति देल गेल छल । छठम मे विद्यापतिक ओ प्रसिद्ध गंगा स्तुति ‘बड़ सुखसार पाओल तुअ तीरे…. छाड़इत निकट नयन बह नीरे’ समदाउनिक गायन तऽ मानू सबहक आँखि मे महाकविक शब्दक संग – रंजनाजीक भाव-विभोर करयवला प्रस्तुति मे नोर भरि देलक।
एक घंटा धरि चलल कार्यक्रम बहुत सुन्दर रहल। रंजना जीक माता-पिता जी केर संग-संग केदार नाथ चौधरी जी कें जमाय कामेश्वर चौधरी जी सेहो कार्यक्रम मे सहभागी भेल रहथि।
विडंबना जे मैथिली भाषाक एतेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम मे मैथिलीभाषीक संख्या न्युन छल जखन कि दिल्ली सन जगह पर मैथिली अकादमी अछि, बस गोटेक दिन पहिनहि एकटा कवि गोष्ठीक आयोजन सेहो कैल गेल छल… लेकिन व्यवस्थापकक सजगताक कमी कही वा स्वयं मैथिलीभाषीक पुस्तक मेला मे कम रुचि… आर तऽ आर…. सामाजिक संजालक मार्फत स्वयं रंजना झा अपन फेसबुक मार्फत सब केँ अग्रिमे जानकारी करौने छलीह एहि कार्यक्रमक मादे, तथापि मैथिल दर्शक व सहभागीक कम संख्या कतहु न कतहु हतोत्साहित करयवला देखायल।