अपन मूल पहिचान भाषा आ संस्कृतिः मिस बालीवुड दिवा ‘ऋचा सिंह’

मिस बालीवुड दिवा - ऋचा सिंह केर विचार मैथिली जिन्दाबाद पर

साक्षात्कार

richa singh2हालहि मिस बिहार प्रतियोगिता मे उप-विजेता ऋचा सिंह जिनका ‘मिल बालीवुड दिवा’ केर टाइटल प्रदान कैल गेलनि, हुनका संग संपादक प्रवीण नारायण चौधरी दूरभाष पर विस्तारपूर्वक बात कएलनि। ओहि बातचीतक आधार पर मिथिलाक कोसी क्षेत्रक बेटी ऋचा सिंह अपन मूल पहिचान भाषा आर संस्कृति मे होयबाक बात कहैत नव पीढी केँ एकटा महत्वपूर्ण संदेश देबय चाहली अछि। ओ कहलैन जे भाषा आर संस्कृति सँ दूर होयब भविष्य केँ अन्हार करबा समान अछि। आउ पढी, हुनका संग भेल विशेष वार्ताः

प्रवीणः ऋचा जी! मिस बालीवुड दिवा चुनेबाक लेल मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ बधाई! केहेन रहल अनुभव?

richa singh3ऋचाः धन्यवाद अपने लोकनि हमर मनोबल केँ बढेलहुँ। अनुभव आत्मविश्वास बढेलक। दुनिया केँ एकटा मैसेज गेल जे हम सब केकरो सँ पाछू नहि छी। फैसनक दुनिया मे बेटी जखन प्रवेश करैत छैक तऽ ओकर भीतर रहल विश्वास बहुते बढैत छैक। ई साधारण काज नहि भेल जे छोट कपड़ा पहिरिकय कैमरा केँ फेस कय सकब। लेकिन एकरो पाछाँ बहुत पैघ आत्मबल काज करैत छैक आ एकटा भविष्य लेल अमिट कार्य करबाक सोच एवं प्रेरणा रहैत छैक ई स्पष्ट करय चाहब।

प्रवीणः आयोजक केर भूमिका पर किछु प्रकाश देल जाउ।

ऋचाः आयोजक बिहारक बेटीक प्रतिभा केँ संवर्धन-प्रवर्धन करैत आबि रहला अछि। जतेक हम जनैत छी, हिनका लोकनिक सोच मे बेटी केँ आत्मबल प्रदान करब आ एकटा नव कैरियर देब तेहेन दृढसंकल्प अछि।

richa singh5प्रवीणः कतेक गोटे सहभागी रही प्रतियोगिता मे आ अन्तिम चयन धरिक प्रक्रिया सँ संतुष्ट छी कि नहि?

ऋचाः शुरु मे अडिशन लेल करीब २० हजार बिहारक बेटी आयल छलीह आ अन्तिम काल धरि २० गोटे मे मूलतः प्रतिस्पर्धा भेल छल। विभिन्न प्रक्रिया – अपन सुन्दरताक प्रदर्शनक संग-संग अपन बौद्धिक क्षमताक प्रस्तुति सबहक आधार पर चयन होइत रहल छल। हमर आत्मविश्वास शुरुए सँ एहि लेल गवाही दऽ रहल छल जे आगू विजेता बनबे टा करब। अन्तिम समय धरिक प्रक्रिया पूर्ण निष्पक्ष आ नीक अनुभव देमयवला भेल। हम काफी सन्तुष्ट छी आर आब आगाँ आरो नीक करबाक संकल्प लेलहुँ अछि।

richa singh6प्रवीणः कोसीक बेटी – यानि मिथिलाक हृदय-स्थली सँ बहि रहल हिमालयक ग्लेशियर सँ गंगाक धार मे समाहित होमयवाला पवित्र नदी कोसी आर एकर पुबाइर भाग ‘कोसी क्षेत्र’ केर बेटी – ‘बेटी बचाओ’ मुहिम पर कार्य करबाक उद्देश्य सँ ‘मिस बिहार’ प्रतियोगिता मे भाग लेलहुँ, ई प्रेरणा कतय सँ भेटल?

ऋचाः हमरा गर्व अछि जे एकटा संपन्न संस्कृति आ सभ्यताक विकास भेल मातृभूमिक बेटी छी। शुरुए सँ किछु ठोस आ महत्वपूर्ण करबाक इच्छा रखैत रही। माता-पिता आ परिजन सेहो सदैव सहयोग दैत रहला। एनसीसी मे सेहो नीक कैडेट रही। बाहर घूमबाक आ सब संग वार्ता करबाक सामर्थ्य पहिने सँ विकसित रहबे करय। कला मे पेन्टिंग करब हमरा बाल्यकालहि सँ नीक लागल। कला प्रति लगाव हमर खानदानी गुण कहि सकैत छी। बाबा शखे सऽ मुदा एकटा प्रसिद्ध मूर्तिकार छलाह। पुस्त-दर-पुस्त गाम मे होमयवला पूजा मे मूर्ति अपनहि बनबैत छलाह। शायद हुनकर ओ प्रसिद्धि हमरा भितरे-भीतर कलाक्षेत्र मे बढबाक संबल देलक। एतय पटना मे एलाक बाद आरो प्रशिक्षण लेलहुँ। हम एकटा डिजाइनर सेहो छी। हर तरहें जीवन मे एकटा अकाट्य पहचान बनेबाक आत्मनिर्णय हमरा एहि प्रतियोगिता मे भाग लेबाक लेल प्रेरित केलक। संगहि एहि प्रतियोगिताक मूल नारा जे बेटी बचाओ वला मुहिम छैक ताहि प्रति एकटा बेटीक रूप मे काज करब आत्मसम्मान अर्जित करब समान बुझायल। हम निर्णीत छी जे अपन निजी कर्मठता आ प्रेरक उदाहरण सँ आगामी पीढी केँ आदर्श मार्ग पर चलबाक लेल प्रेरित करब। लोकक मानसिकता बदैल देब आर बेटी कतेक जरुरी होइत छैक से स्थापित करब। बिना अपने किछु केने कियो केकरो किछु करबाक वा बनबाक लेल प्रेरणा नहि दय सकैत छैक।

प्रवीणः ‘बेटी बचाओ’ – एकर यथार्थ अनुभूति अहाँ केँ अपन गाम-समाजक बेटी देखिकय कतेक आवश्यक या जरुरत बुझाइत अछि सच मे?

richa singh7ऋचाः जरुरी छैक। बेटी मे अशिक्षा आ पिछड़ापण आइयो चरम पर अछि। अभिभावक मे कतहु न कतहु हतोत्साहक अवस्था तऽ छहिये। दहेज गनबाक समस्या – बेटी केँ परघरक धन बुझब – आदि-आदि बहुत रास व्याप्त भ्रांति सँ सेहो लोक बेटी केँ आगू नहि बढय दैत छैक। मुदा कहबे केलहुँ… हम अपने उदाहरण बनबैक तखने दोसरो केँ उदाहरण देबैक। बेटी धन मे कतेक सृजनशीलताक गुण छैक ताहि दिशा मे समाजक लोक केँ जगायब। हम संकल्पित छी।

प्रवीणः कि सच मे बेटी संग विभेद छैक त? किछु उदाहरण जे अहाँक मन केँ छूने हो…। कोना काज करय चाहि रहल छी अहाँ एहि मुहिम लेल? कि सब योजना अछि?

ऋचाः शिक्षित परिवार मे विभेद आब नहि के बराबर छैक। लेकिन कम पढल-लिखल आ पिछड़ल वर्गक समाज मे एखनहु बेटी प्रति घोर विभेद छैक। उदाहरण गाम-घर मे बेटी सँ घरक काज करबायब, बोनि-मजदूरी करायब, मुदा पढाई प्रति प्रोत्साहन नहि देब… शिक्षाक संग-संग कलाजीविताक लाभ जन-जन केँ बतायब। विभिन्न संस्था संग आबद्ध छी। आरो कतेक रास प्रस्ताव सब सोझाँ आबि रहल अछि। अपना सँ सेहो जतेक संभव होयत करब। किछु प्रशिक्षण कार्यक्रम सब सेहो चलबायब।

प्रवीणः दहेजक केहन अवस्था अछि अहाँक बिहार मे? अहाँक गाम-समाज मे? अहाँक गृहजिल्ला सहरसा मे? कोनो अनुभव? कोनो उदाहरण?

ऋचाः दहेज दिन-ब-दिन समाज केँ कमजोर केने जा रहल अछि। ई एतेक जल्दी समाप्त भऽ जायत सेहो नहि संभव अछि। हमर गृहजिल्ला हो आ कि बिहार राज्य आ कि देश… ई समस्या सब तैर अलग-अलग रूप मे अछि। शिक्षाक समुचित प्रसार सँ आर स्वेच्छाचारिताक संस्कृति केर विकास सँ ई कम जरुर होमय लागल अछि। लेकिन एखनहु लोक परंपरावादी सोच जे अपन बेटी लेल पैघ घर-वर करब, ताहि सँ समस्या बढैत अछि। लेकिन जेना-जेना बेटी सब आत्मबल बढाओत ई समस्या आप सँ आप कम होइत चलि जायत। हमर प्रयास बेटीवर्ग मे आत्मबल बढेबाक वास्ते स्वरोजगार आर विभिन्न आयमूलक शील्प सिखेबाक दिशा मे होयत।

प्रवीणः मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक लेल अहाँक किछु शुभकामना संदेशक संग मैथिली भाषा ओ मिथिला संस्कृति लेल अहाँक योगदान पर अन्त मे किछु बताउ।

ऋचाः अपन मूल पहिचान भाषा आ संस्कृति सँ होइत छैक। जे एकरा बिसरत ओ कतहु भऽ कय नहि रहत। हमरा शुरुहे सँ अपन मिथिला संस्कृति सँ बहुत किछु सीखबाक अवसर भेटल अछि आर यैह कारण सँ हमरा कतहु कियो एकटा अलगे सम्मान देलक अछि। मिस बिहार केर प्रतियोगिता मे सेहो हमर सफलताक एकटा मूल आधार अपन सांस्कृतिक जुड़ाव सँ भेटल। देशक कोनो भाग मे रही मुदा सदिखन अपन परिवारक संस्कार आ समाजक योगदान केँ सदैव ध्यान मे राखी। जीवन बहुत अनमोल अछि। एकरा आगामी पीढी लेल स्मरण योग्य बनाबी। हमरा लोकनिक भाषा बड मीठ अछि। एकरा बचाकय राखी। धन्यवाद! मैथिली जिन्दाबाद!!

बहुत-बहुत धन्यवाद ऋचा!! मैथिली जिन्दाबाद परिवार अहाँक उज्ज्वल भविष्य लेल शुभकामना दैत अछि।

richa singh4संगहि मधेपुरा टाइम्स द्वारा आरंभ कैल गेल अभियान ‘सेव डाटर – सेव फ्युचर’ केर ब्रान्ड एम्बेसेडर सेहो चुनल गेली ऋचा सिंह केँ हार्दिक बधाई। निकट भविष्य मे दहेज मुक्त मिथिला लेल सेहो महत्वपूर्ण कार्य करती ई आश्वासन देलनि अछि।