मैथिली भजन
– विमलजी मिश्र, मैथिली गीतकार
॥जय श्री सीता राम ॥ जय हनुमान॥
राम सिया के दूत, सुनु हनुमान जी,
द्वार अहीं कें ठाढ, करै गुणगान छी!!
मंगल मुरत रुप, करू कल्याण जी,
चारू जुग मे नाथ, अहीं बलबान छी,
हे अंजनी पुत महान, कियै नहि सुनै छी,
भक्ति रस के ज्ञान, कियै नहि बुनै छी,
ऋद्धि सिद्धी बुद्धि, भरल गुण खान छी,
द्वार अहीं के ठाढ, करै गुणगान छी!!
राम सीया कें दुत सुनु हनुमान जी,
चारौं जुग मे नाथ अहीं बलबान छी।
पूजा जप तप ध्यान, अहीं केर करै छी,
कियै नहि बुझि संतान, कष्ट केँ हऽरै छी,
करुणा के अवतारी, रुद्र भगवान जी,
द्वार अहीं के ठाढ, करै गुणगान छी!!
राम सीया कें दुत, प्रिय हनुमान जी,
चारौं जुग मे नाथ, अहीं बलबान छी ।
पापी हम नादान दर दर भटकै छी,
काम क्रोध मद मोह मे, पड़िकेँ अटकै छी,
हे बजरंगी संकटमोचन, हम अज्ञान छी
द्वार अहीं केर ठाढ, करै गुणगान छी,
राम सीया केर दूत, सुनू हनुमान जी
चारौं जुग मे नाथ,अहीं बलबान छी!
हर हर महादेव!!