घूरन राम केर सम्मानः मैथिल चमारक प्रतिभाक उच्च मूल्यांकन

सरिसव पाही, मधुबनी। जनबरी १, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

ghuran ramमधुबनी जिलाक प्रसिद्ध गाम सरिसव पाही मे श्री घूरन राम केँ परसू ३० दिसम्बर, २०१५ केँ सम्मानित कैल गेलनि अछि। ई सम्मान श्री राम द्वारा मिथिलाक कलाक्षेत्र मे कैल गेल महत्वपूर्ण योगदान केँ कदर करैत कैल जेबाक समाचार भेटल अछि।

मिथिलाक समाज मे जातीय वर्गीकरणक आधार कलासंपन्नता आ पेशा रहल अछि। जातीय समरसता हरेक जाति ओ समुदायक आपसी एकता आर पारस्परिक आवश्यकता सँ मानल जेबाक इतिहास कायम अछि। एहि ठामक जीवन मे कर्मकाण्डीय व्यवहारक सीधा दखल अछि, जाहि मे हरेक जाति आधारित विध-व्यवहारक आवश्यकता सँ जातीय समरसता केँ बरकरार राखल जेबाक विधान अछि। जेना, विवाह हो या श्राद्ध या मुन्डन या उपनयन अथवा कोनो धार्मिक अनुष्ठान आदि कियैक नहि हो, नौआ, कुम्हार, चमार, सोनार, ब्राह्मण, धोबी, मल्लाह, डोम, दुसाध, धुनियां, कुजरा, कोइरी, माली एवं पेशाक आधार पर वर्गीकृत विभिन्न जातीय समाजक योगदान अलग-अलग विध केँ पूरा करबा मे देखल जाएछ। बिना एक-दोसरक योगदान सँ एहि ठामक जीवन पद्धति अकल्पनीय अछि।

सरिसव पाही मे आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम मे घूरन राम केँ सम्मानित कैल जेबाक समाचार आयल अछि। आइ धरि अपन जीवन-यापन लेल घूरन राम पैटघाट होइत बनल हाइवे (फोर लेन ‍- एनएच ५७) केर पूलक नीचाँ जुत्ता-चप्पल-छाता केर मोचीगिरी करैत चला रहला अछि। लेकिन हिनकर पुस्तैनी कला मे बाँसुरीवादन, पिपही (शहनाई) वादन, रसनचौकी मे प्रयुक्त लगभग सब बाजा केँ बजेबाक कला मधुबनी ओ दरिभंगाक अनेको गाम धरि प्रसिद्धि पेने अछि।

साहित्यिकी – सरिसव केर संयोजक तथा एहि कार्यक्रमक पर्यन्त संयोजन कएनिहार अमल झा जानकारी दैत कहलैन अछि जे श्री घूरन राम केर कला क्षेत्र मे देल गेल महत्वपूर्ण योगदान केँ सम्मान करैत नगद एक-हजार-एक टाका सहित पाग तथा दोपटा प्रदान करैत समारोहपूर्वक सम्मान कैल गेलनि अछि। एहि सम्मान समारोह केर अध्यक्षता विशेश्वर मिश्रा कएलनि, संचालन डा. सती रमण झा कएलनि। मैथिली भाषा एवं साहित्यक संग समाज सेवा मे लागल अनेकानेक लब्ध-प्रतिष्ठित सज्जनवृंद केर उपस्थिति मे घूरन राम केँ सम्मानित कैल गेलनि अछि। एहि सम्मान सँ मैथिली-मिथिला पर लागि रहल एकजातीय वर्चस्वक आरोप निराधार साबित भेल अछि।