प्रकाश कमती, विरार, मुम्बई। दिसम्बर २३, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
बारहम अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मलेन केर आगाज महाराष्ट्रक उपनगर केर विरार HDIL मैदान में द्विदिवसीय आयोजन २२ दिसम्बर मैथिली अधिकार दिवस केर उपलक्ष्य आरम्भ भऽ चुकल अछि। ई 23 दिसंबर धैर चलत।
कार्यक्रम केर आयोजन शोभा यात्रा सँ शुरू भेल जे शायद प्रथम बेर मैथिल केर भीख नै अधिकार चाहि, हमरा मिथिला राज्य चाहि सन नारा महाराष्ट्रक धरती पर जैम कऽ गरजल। विरार केर फूलपाड़ा तालाब सँ कार्यक्रम स्थल धैर रथयात्रा केर आयोजन भेल जाहि में साक्षात् महादेव, माँ जानकी, जामवंत संग हनुमान जीक प्रतिरूप मंत्रमुग्ध कय रहल छल।
सम्मेलनक विधिवत् शुभारंभ दीप प्रज्वलन सँ भेल। मुख्य अतिथिक रूप मे विनोद नारायण झा, विनोद नारायण चौधरी एवं संजय सरावगीक उपस्थिति रहल छल। विशिष्ट अतिथिक रूप मे विभिन्न संघ-संस्थाक प्रतिनिधि लोकनिक बहुत पैघ जमघट भारत ओ नेपाल सँ सहभागिता देने छलाह। गैर-मैथिल संस्था मे सेहो उल्लेखणीय सहभागिता एहि कार्यक्रमक खासियत छल। भारत प्रसिद्ध डमरूवादक बिपिन मिश्रा द्वारा डमरूक उद्घोष सँ महाराष्ट्रक मैथिल केँ जाग्रत रहबाक चेतना देल गेल। तहिना स्वस्तिवाचन ओ वेदपाठ सेहो कार्यक्रमक आरम्भहि मे प्रस्तुत कैल गेल छल।
कार्यक्रम केर दोसर पड़ाव विद्वान लोकनिक मिथिला आंदोलन प्रति सम्बोधन रहल जाहि में प्रमुख आंदोलन कर्ता बैजू बाबू, भाजपाक बिहार प्रवक्ता एवं पूर्व बेनीपट्टी विधायक विनोद नारायण झा, साहित्यकार ओ रेडियोकर्मी मणिकांत झा, दरभंगा मिथिला विश्वविद्यालय केर कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा, गायत्री परिवार सँ प्रमोद भटनागर, सुप्रसिद्ध मैथिली गीतकार श्याम बिहारी राय सरस, साहित्यकार उमाकांत बक्शी, नेपाल सँ आयल दहेज मुक्त मिथिला सहित विभिन्न अभियानक अगुआ नेत्री करुणा झा, मैथिली ओ हिन्दीक सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवियित्री सैफालिका वर्मा, बिस्फी सँ शिवशंकर राय, मिथिलाक बुजुर्ग अभियानी एवं कवि-साहित्यकार डॉ बुचरु पासवान अपन विशिष्ट हुंकार सहित उपस्थित विशाल मैथिल जनमानस केँ मैथिल पहिचान केँ आरो सशक्त करबाक लेल मिथिला राज्यक आवश्यकता आर मैथिलक एकजुटता पर जोर दैत भाषा, साहित्य, संस्कृति आदिक संरक्षण लेल जोरदार अपील केलनि।
मिथिला ओ मैथिली आनंदोलन केँ आगा बढ़ाबैक कोन तरहें रणनीति बनाओल जाय अहि लेल दिशानिर्देश सेहो उपरोक्त वक्ता लोकनि अपन संबोधन द्वारा जानकारी करौलैन। कार्यक्रमक तेसर पड़ाव कवि गोष्ठी रहल। जाहि में एक सं एक कवि लोकनि साहित्यक विभिन्न रस सँ सराबोर कविता मार्फत प्रस्तुति देलैन।
कार्यक्रम में भारत आ नेपाल केर एक सँ एक विद्वान आ आंदोलनकर्मी भाग लेलैन। कार्यक्रम केर चारिम पड़ाव मैथिली संगीत रहल जाहि में मिथिलाक स्वर सम्राट कुञ्ज बिहारी मिश्र, रामबाबू झा, विकाश झा, दिलीप दरभंगिया, कुमकुम मिश्र, पूनम मिश्रा, जुली झा, ममता राजे, श्रुति झा सन गायक ओ गायिका मैथिली संगीत केर सातम आसमान पर लय केँ चलि गेलाह।
पूरा कार्यक्रम में दहेज मुक्त मिथिला महाराष्ट्र ईकाई केर युवा टीम जाहि में आशुतोष ठाकुर, सगुण मिश्र, राजेश राय आर प्रकाश कमती द्वारा समाज में दहेज लोभी केर खात्मा लेल अपील रुपे परचा बाँटल गेल।
कवि लोकैन DMM केर सराहना रुपे अपन कविता में दहेज केर त्याग लेल अपील केँ प्राथमिकता देलैन।
कार्यक्रम केर आयोजक में धनंजय झा, कमल झा, कुणाल ठाकुर, रवि मंडल, विनीत झा, पंकज झा संग सम्पूर्ण महाराष्ट्र मैथिली समाजक मेहनत देखैबला छल।
बहुत रास कलाकार समयाभाव में अपन उपस्थिति नै द पेलैन जे दोसर दिन माने 23 दिसंबर केँ देताह। आयोजन स्थल पर 20 हजार सँ बेसी कुर्सिक व्यवस्था, अग्निशामक दल, बम निरोधक दस्ता, हैलीपैड संग मैथिली पोथी बिक्री केंद्र आ प्रशासनिक व्यवस्था में कतौ कुनो चूक नै छल।
किशलय कृष्ण आर कमलकांत झा केर उद्घोषण अविस्मरणीय छल।