मुम्बई, दिसम्बर २२, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
महाराष्ट्र मैथिल समाज केर तत्त्वावधान मे आइ २२ दिसम्बर – मैथिली अधिकार दिवस केर शुभ उपलक्ष्य पर ‘अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन’ १२म बेर आयोजित कैल जा रहल अछि।
भोरे भव्य शोभायात्राक संग १० घोड़ा जोतल रथ पर साक्षात् विद्यापति विराजमान् आर संग मे ईष्ट महादेव एवं सिया-राम भगत हनुमानजी सहितक झाँकी प्रस्तुति सहित मैथिल जनमानस सब पाग पहिरिकय नगर परिक्रमा करैत कार्यक्रम स्थल पर पहुँचला।
कार्यक्रमक उद्घाटन विधिवत् दीप्ति प्रज्वलनक संग आरंभ भऽ चुकल जानकारी मणिकान्त झा फेसबुक स्टेटस मार्फत कार्यक्रमक तस्वीर सहित करौलनि अछि।
विदित हो जे एहि कार्यक्रमक आयोजन वर्ष २००३ मे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा मैथिली केँ संविधानक आठम अनुसूची मे शामिल केलाक बाद सँ निरंतर दुनू दिन यानि २२ दिसम्बर लोकसभा द्वारा मान्यता आ २३ दिसम्बर राज्यसभा द्वारा मान्यता भेटबाक उपलक्ष्य आयोजन कैल जाएछ।
कहल जाएछ जे सम्माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मैथिली केँ सम्मान देलाक बाद अगुआ अभियानी डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु सँ एकटा वचन लेल गेल छल जे मैथिलीक झंडा भारत देश मे फहराइत रखबाक लेल अन्य सब मान्य भाषाक संग सहकार्य करैत साहित्यिक गतिविधि विश्वस्तर पर निरंतर जारी राखब आवश्यक अछि, अटलजीक ताहि मनोकांक्षा अनुरूप ई कार्यक्रम भारत, नेपाल ओ अन्य देशक विभिन्न भाग मे आयोजित कैल जाएत अछि। एहि सँ पूर्व गुआहाटी, काठमांडु, जनकपुर, राँची, मुम्बई, कोलकाता आदि विभिन्न शहर मे ई आयोजना कैल गेल अछि जाहि मे देश व विदेश सँ मैथिल साहित्यकार, कवि, विद्वान्, नेतृत्वकर्ता, अभियानी लोकनिक विशेष उपस्थिति रहैत अछि, संगहि देशक प्रतिष्ठित पदधारी नेताक सहभागिता सेहो एहि कार्यक्रमक विशेषता रहल अछि। पैछला वर्ष ई आयोजन नेपालक जनकपुर मे भेल छल जाहि मे राष्ट्रपति डा. रामवरण यादव मुख्य अतिथिक रूप मे सहभागिता देने छलाह।
मैथिली भाषा-साहित्यक विकास, संवर्धन ओ प्रवर्धनक संग मिथिला संस्कृति केर जाग्रत अवस्था मे रखबाक मूल उद्देश्य सँ संचालित एहि कार्यक्रम मे अहु बेर विद्वत् सभा, कवि गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम निरंतर दुइ दिन धरि चलबाक अछि।