पटनाक साहित्यिक चौपाड़ि – ५

बाल मुकुन्द पाठक, पटना। दिसम्बर २२, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

patna sahityik chaupariजौं-जौं संसार निरंतर आगाँ बढ़ि रहल अछि..साइन्स प्रगति क’ रहल अछि..लोक बेसी सँ बेसी टेक्निकल फ्राईन्डली भ’ रहल अछि..एक-दोसरा सँ संवाद स्थापित करबाक नव-नव माध्यमक ईजाद भ’ रहल अछि, लोकक बीच संवाद धर्मिता निरंतर घटल जा रहल अछि..एक पीढ़ी सँ दोसर पीढ़ी कें मध्य गैप दिनानुदिन घटल जा रहल अछि, से खाली आम लोकक संगे टा नहि साहित्यिक लोक संगे सेहो भ’ रहल छैक एहिना मे बीतल पाँच मास सँ आपसी संवाद स्थापित करबाक दिशा मे कयल जा रहल प्रयास साहित्यिक चौपाड़ि ‘क पांचम बैसकी इको पार्क पटना मे सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल.

बेमार रहबाक कारणे पछिला बैसकी मे उपस्थित नहि भेलाक बाद एहि बैसकी मे अयबाक कछमच्छी जे की पछिला डेढ़ मास सँ मोन केँ गुदगुदबैत रहैत छल आइ इको पार्क मे एहि चौपाड़िक बादे खत्म भेल.

अपराह्न तीन बजे सँ सुनश्चित भेल एहि अनौपचारिक गोष्ठीक आरंभ आधा घंटा विलंब कें उपरान्त साढ़े तीन बजे सँ भेल जकर श्री गणेश गुंजनश्री अपन कथा ‘जय भगवान’ कें पाठ सं केलनि..जकरा बाद हम अपन तीन टा लप्रेक कें पाठ केलहुँ..तदुपरान्त पंकज चौधरी नवलश्री अपन एकटा कविता आ गजल आओर जीएस गुरू नाम सँ प्रसिद्ध राकेश झा दू टा कविता सुनौलनि. आजुक एहि आयोजनक मुख्य आकर्षण वरिष्ठ साहित्यकार आ मैथिलीक प्राध्यापक विभूति आनंद मैथिली रंगकर्म कें चिंताजनक आ दयनीक स्थिति कें विस्तार सँ चित्रित करैत अपन एकटा लेख पढ़लनि जिनका सुनब हमरा सभ कें लेल एकटा अविस्मयणीय अनुभव रहल. हुनक एहि लेख कें सुनलाक बाद मैथिली रंगकर्म सँ सम्बन्धित बहुत रास जानकारी हमरा सभ कें बुझबाक भेटल.

एकरा सभक बाद आभासी जगत सँ भेटल अश्विनी कुमार तिवारी, महेश झा डखरामी आ राजदेव राज कें रचनाक पाठ सेहो कयल गेल. कार्यक्रमक अंत मे हम आ गुंजनश्री अपन-अपन एकटा गजलक पाठ सेहो केलहुं.

एहि अवसर पर तौसीफ आलम, कुणाल, रवि दीप अओर कौशल कुमार झा सेहो उपस्थित रहथि.