काठमांडु, दिसम्बर १४, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

कार्यक्रमक अध्यक्षता कएनिहार सुप्रसिद्ध भाषाशास्त्री डा. रामावतार यादव, प्रमुख अतिथि नेपाल सङ्गीत तथा नाट्य प्रज्ञा-प्रतिष्ठानक कुलपति सरुभक्त श्रेष्ठ, राजनीतिज्ञ तथा साहित्य-चिन्तक रामचन्द्र झा, पत्रकार तथा साहित्यकार धर्मेन्द्र झा ‘विह्वल’, साहित्यकार तथा समाज-सांस्कृतिक अभियन्ता धीरेन्द्र प्रेमर्षि आ पुस्तकक लेखक रमेश रञ्जन संयुक्त रूपेँ एहि पुस्तकक लोकार्पण कएलनि।


राजनीतिज्ञ रामचन्द्र झा अपन गम्भीर साहित्यिक अध्ययनक परिचय दैत नाटककेँ काव्यक उत्कर्ष बतौलनि आ कहलनि जे काव्य कानक माध्यमसँ मोनकेँ झंकृत करैत अछि मुदा नाटक आँखिक बाटे पैसिकऽ हृदयकेँ द्रवित कऽ दैत छैक। श्री झा नेपालक सत्तावृतमे बढैत असहिष्णुता एवं अस्वीकार्यतादिस इंगित करैत कहलनि जे जाहि गोपालवंशीद्वारा नेपालक नामकरण कएल गेल, जाहि विदेह गणतन्त्रक नेपाल अंग छल ओहि मधेश आ मधेशीक नेपाली पहिचानपर अखनुक शासकसभ प्रश्नचिह्न ठाढ करैत अछि।

नेपाल पत्रकार महासङ्घक पूर्व अध्यक्ष तथा कवि धर्मेन्द्र झा रमेश रञ्जनक बहन्ने अढाइ दशक पहिने जनकपुर क्षेत्रमे मैथिली साहित्यक क्षेत्रमे बढल जागरुकता एवं युवा सक्रियताक शब्दचित्र प्रस्तुत करैत कहलनि जे अपन तुरियासभमध्य रमेशजी जाहि तरहक उँचाइ प्राप्त कएलनि अछि ताहिसँ मैथिली साहित्यक संगसंग व्यक्तिगत रूपमे हमहूँ गौरवान्वित भेल छी।
पुस्तकक लेखक रमेश रञ्जन एहि नाटकक पचाससँ अधिक मञ्चन भऽ चुकल जानकारी दैत मैथिली भाषाक लेल शहादत देनिहारि विशिष्ट अभिनेत्री रञ्जू झाक अभिनय अही नाटकमे अन्तिम बेर प्रस्तुत भेल प्रसङ्ग उद्घाटित कएलनि।
शिल्पीक संस्थापक तथा सञ्चालक घिमिरे युवराजद्वारा सञ्चालित कार्यक्रममे बृहत्तर जनकपुर विकास परिषदक अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, नेपाल सङ्गीत-नाट्य प्रज्ञा-प्रतिष्ठानक पूर्व उपकुलपति प्रचण्ड मल्ल, प्राज्ञ पुष्कर गुरुङ, अभिनेता अमितेश साह, युवा फिल्म निर्देशक पूर्णेन्दु झा, पत्रकार अमरेन्द्र यादव आ जीतेन्द्र झा, समीक्षक शिव रिजाल, कवि श्यामशेखर झा आदि विशिष्ट महानुभावसभक उपस्थिति छल।