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भारत मे मिथिला राज्य केर मांग पर धरना

विमलजी मिश्र, दिल्ली। दिसम्बर ६, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

jantar mantar dharnaदिनांक 4/12/2015 कें, लोकसभाक शीतकालिन सत्र मे, अखिल भारतिय मिथिला राज्य संघर्ष समिति द्वारा, “मैथिली माध्यम सँ प्राथमिक शिक्षाआर मिथिला राज्य केर माँग करैत एक दिवसिय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम दिल्लीक जंतर मंतर पर राखल गेल ।

एहि धरना मे सैकड़ोक संख्या में प्रर्दशनकारी वक्ता, राजनेता, बुद्धिजीवी लोकनि भाग लेलनि। भोरे दस बजे सँ साँझक पाँच बजे धरि प्रदर्शन कैल गेल। करीब पैंतिस टा वक्ता लोकनि अपन ओज भरल भाषण सँ ठंढी मे गर्मीक एहसास कराबैत रहला।

प्रमुख वक्ता मे जखन माननीय सांसद कीर्ति झा आजाद अपन क्रान्तिकारीवाणी मे कैल संबोधन सँ चौका-छक्का लगाबय लगला तँ मानू एना लागल जे युद्धक बिगुल फुँका रहल अछि । मिथिलाक संबंध मे हजारों लाखों सालक पन्ना केँ उनटाबैत एक सँ बढिकय एक उदाहरण देलथि । जखऩ बिहार केँ कियो जानितो नहि छलै ताहु समय मे मिथिलाक नाम दुनिया भरिक लोक जानैत छल । ओ बाजलथि जे तेलांगना जकां सभ केँ लड़य पड़त । आब तीर कमानक संग जागै पड़त । जाहि धरती पर माँ सीता केर वास अछि, ओ धरती एना कानैत नहि रहत । संसद मे जरुर मांग राखब ।

कीर्ति जी नेपालक संबंध मे सेहो बाजलथि जे हमरा सभक बेटी-रोटीक संबंध अछि । हमरा सभक संबंधी केँ दुःख होयत तऽ हम सब वर्दास्त नहि करब । दु हजार सोलह मे सुगौली संधि पुरा भऽ रहल अछि । हम पार्लियामेंट मे जरुर बाजब सरकार सँ जे किछु करु । जाहि सं हमर मधेश केर दुख दूर हुअए । ईहो गप्प कहलथि जे बँटबारा भेला सँ जखन ओहि ठामक नागरिक केँ भारत मे पूर्ण भारतीयता प्राप्त छैक, कोनो तरहक भेद भाव नहि छैक तखन नेपाल सरकार कोना दु नीति रीति चला रहल अछि । नेपाल अगर मधेश केर वास्ते नहि सोचत तऽ दुस:परिणाम भुगतय पड़तैक । हम सब चुप कोना रहब । अपन विवेकपुर्ण गर्म आ शोधल भाषण सं सब कें अन्दर जोश जुनुन भरि देलनि सांसद आजाद ।

आरो वक्ता सब नीक नीक बिचार प्रस्तुत केलथि । एहि क्रम में हम अपन संछिप्त वकतव्य आ गीतक माध्यम संबोधित केलहुँ । जागु जागु यौ मैथिल जागु..! आ, चुप बैसल कियै छी आँखि कान मुइन कै…!

मिथिला राज्य केर मांग संग मैथिली ओ मैथिलक सर्वथा हित केर चिन्तक वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता एवं अभियानी डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजु फोनक माध्यम सँ संदेश देलथि, मुदा तकनिकि गड़बड़ीक कारण पता नहि चलि सकल जे स्पष्टतः हुनकर संबोधन मे कि सब कहल गेल छल । बस हुनकर चीर-परिचित नारा “भीख नहि अधिकार चाही – हमरा मिथिला राज्य चाही” तथा “मिथिला राज्य हो संविधान मे” लगबैत सब केओ हुनकर भाषणक स्वागत केलनि।

गृह मंत्रालय भारत सरकार केँ माननिय सांसद कीर्ति झा आजाद सहित सहभागी समस्त आन्दोलनकारीक हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन पत्र देल गेल । अनेको प्रेस मे विज्ञप्ति सेहो देल गेल । प्रो. अमरेन्द्र झा केर संयोजन, शिशिर झा केर संचालन आ डॉ. श्यामोले नवी, सदस्य अखिल भारतिय काँग्रेस समिति केर अध्यक्षता मे दिन भरिक धरना काबिले तारीफ छल ।

मिथिला मैथिली प्रति शिशिर झा केर गंभीर दुरदर्शितापूर्ण विचार अत्यन्त सराहनीय रहल । आओर वक्ता सब मे.. डॉ. प्रसन्न मोहन झा, मिहिर झा, दिवाकान्त झा, मदन कुमार झा,  हेमंत झा, ललित झा, रविन्द्र मिश्र, काशीनाथ चौधरी, ललित सुमन, पं वचन देव झा, आदि समर्पित अभियानी अपन सुन्दर वक्तव्य देलनि । पाँच बजै धरि जोर शोर सँ अनवरत भाषण चलल । मंच केर तरफ सँ सब केँ धन्यबाद देल गेल ।

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