विकास झा, हैदराबाद। दिसम्बर १, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
भारतक सुदूर दक्षिण मे मैथिली साहित्यिक प्रतिनिधिसंस्था ‘देसिल बयनाक’ सातम वार्षिकोत्सव केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबादक स्कूल ऑफ़ ह्यूमैनिटीज़क सभागार मे दिनांक २९/११/२०१५ केँ संपन्न भेल ।
कार्यक्रमक श्रीगणेश मंचासीन अतिथिक हाथे दीप प्रज्वलन आ महाकवि विद्यापतिक प्रतिमा पर उपस्थित समस्त साहित्यप्रेमी द्वारा पुष्पांजलि सँ कयल गेल। तदोपरांत विदुषी द्वय श्रीमती अर्चना झा आ श्रीमती शारदा झा द्वारा गोसाउनिक गीत आ स्वागत गीतक कोकिल प्रस्तुति सँ समस्त सभागार मुग्ध भ’ उठल, जकरा बाद उपस्थित विद्वान ओ साहित्यकार लोकनि महाकविक स्मृतिकेँ नमन करैत अपन-अपन वक्तव्य रखलनि।
संस्थाक संयोजक/संस्थापक श्री दयानाथ झा अपन उद्गार आ आशीर्वचन मे नवतुरिया केँ आगु आबि अपन साहित्य आ संस्कृति केँ अक्षुन्न रखबाक विह्वल इक्षा सोझा रखलनि। दिल्ली सँ आयल विशिष्ट अतिथि श्री अरुणाभ सौरभ विद्यापति केँ मैथिलीक पहिल ‘सेक्युलर’ कवि घोषित करैत कहलनि जे विद्यापति मैथिलक लोकल परिवेश सँ उठल ग्लोबल हीरो छथि। ओ आगु विद्यापतिक समकालीन विश्व-साहित्य केर उद्धृत करैत ई सिद्ध कयला जे कोना विद्यापति साहित्याकाशक भोरुकबाक तरेगन सन सदिखन विशिष्ट भ’ एखन धरि प्रेरणाक दिव्य पुंज बनल रहलाह अछि।
मुख्य अतिथि श्री बुद्धिनाथ झा अपन वक्तव्य मे विद्यापतिक अनुपम श्रृंगार शास्त्र पर प्रकाश दैत कहलाह जे मैथिल सबकिछु बिसरि जँ मात्र विद्यापति केर मोन राखैथ त’ कहियो मैथिली केँ अनकर मुँह तकबाक प्रयोजन नहि हेतैन। श्री झा अपन पांडित्य-पूर्ण व्याख्यान मे महाकवि विद्यापतिक जिनगी सँ जुड़ल बहुत रास प्रसंग श्रोताक आगु रखलनि। हुनक कहब छलनि जे विद्येपति सँ प्रेरित भ’ आनो आनो ठाम लोकसाहित्यक उद्भव भेल अछि चाहे वो ओड़िशा होइ वा असम वा बंगाल। ओ कहलनि जे विद्यापतिक साहित्य एकटा एहन अाइना अछि जाहि सँ विश्वसाहित्य खगता पड़ला पर एखनो अपन बगय ठीक करैत अछि। ओ रविन्द्रक कविता मे, चैतन्यक नृत्य मे, उगनाक उन्माद मे, लखिमाक श्रृंगार मे आर शिवसिंहक कौशल मे एखनहु माथ पर ललका पाग पहिरने, ललाट पर धप-धप त्रिपुण्ड कयने सद्यः अपन विद्यापति केँ मिथिलाक कण -कण मे बसल देखैत छथि।
आगु संस्थाक नवनिर्वाचित महासचिव आ चर्चित युवा कवि श्री मनोज शांडिल्य संस्थाक साल भरि केँ पेटारी श्रोताक मध्य फोललनि । हुनक कथ्य मे संस्थाक गौरवबोध ई कहैत भेटल जे कोना देसिल बयना आँकुर सँ लत्ती बनि मैथिली साहित्य मे एकटा बेस चतरल, फूल आ बतिया सँ पाटल एकटा हिलसगर कनक लता सन अभरैत अछि। ओ निवेदन करैत मैथिली पोथी कीनि क’ पढ़बाक लेल कहला आर ताहि मादे SappyMart.com (मैथिली पोथीक पहिल आनलाइन स्टोर) क’ उपयोगिताक सम्बन्ध मे सेहो उपस्थित जनसमुदाय केँ अवगत करौला।
संस्थाक अध्यक्ष श्री चंदमोहन कर्ण अपन अध्यक्षीय भाषण मे सय प्रतिशत ईमानदार होइत समस्त सहियोगिक प्रति अपन विनम्र आभार प्रकट करैत संस्थाके आरो मौलिक आ उद्देश्यक प्रसांगिकताक मादे सदस्यक संख्या मे बृद्धिक बात रखलनि।
संस्थाक उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर झा अपन विलक्षण उद्घोषण सँ पहिल सत्र केँ विशेष प्रभावकारी बना अंत धरि रखलाह। पहिल सत्रक समाप्ति संस्थाक उपाध्यक्ष डॉ सुनील चौधरीक धन्यवाद ज्ञापन सँ भेल। तदुपरान्त भोजनावकाश आ पोथिक स्टॉल लग एकटा छोट सन मिथिलाक अनुभूति समस्त आगंतुक अतिथि के ‘देसिल बयना’क मुक्त कंठ सँ प्रसंसा करबाक लेल बाध्य क’ देलक।अहुना जखन मंच सँ साहित्य आब हेरायल सन लगैत अछि ताहि अन्हार मे मैथिलीक लेल ई बड्ड पैघ उपलब्धि छैक जे मात्र साहित्य ध’ भरि दिन कार्यक्रम होइत अछि आ भोर सँ साँझ धरि श्रोता पूर्ण तन्मयता सँ ओहि मे रमल रहैत अछि। निश्चय देसिल बयना विद्यापतिक ओ अएना अछि जाहि मे आनो सँस्था सब देखि अपन बगय सँवारि सकैत अछि।
एहि सत्रमे संस्था द्वारा प्रकाशित बहुचर्चित स्मारक पत्रिका ‘देसिल बयना’क छठम अर्घ्यक विमोचन आमंत्रित अतिथिगण तथा संस्थाक पदाधिकारीगण द्वारा कयल गेल।
दोसर सत्र मे कवि गोष्ठी साहित्य अकादमी सँ पुरस्कृत जनवादी तेवर केँ ‘खुदरंग’ कवि अरुणाभ सौरभक अध्यक्षता मे भेल जाहि मे लगभग दू गाही कवि/कवियित्री लोकनि अपन अपन कविता पाठ केलनि। कविता पाठ केनिहार मे सभाध्यक्ष अरुणाभ सौरभ स्वयं सहित बुद्धिनाथ झा, चन्द्रमोहन कर्ण, मनोज शांडिल्य, मोहन मुरारी झा, विकाश झा, शारदा झा, मीनाक्षी चौधरी, अर्चना झा, श्रीमती प्रेम चौधरी, संतकुमार मंडल ‘जागृति’, मनोजकुमार झा, शम्भुनाथ झा, जयचंद्र झा आदि रहथि।
दोसर सत्रक मुख्य आकर्षण श्री बुद्धिनाथ झा जी केर कविता रहलनि जे अहि बातक पुष्टि करैत अछि जे एखनहुँ मैथिली मे श्रोताक अभाव नहि छैक जँ उत्कृष्ट मंचीय परम्पराक माँजल कवि समक्ष होइथ।
कार्यक्रमक समापन संस्थाक उपाध्यक्ष डॉ अजित कुमार ठाकुरक धन्यवाद ज्ञापन सँ भेल।