कोसी बराज, सुनसरी। नवम्बर २८, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
नेपालक मधेस मे पैछला तीन महीना सँ ऊपर सँ आन्दोलन निरन्तरता मे अछि। आम जनमानस मे एहि आन्दोलनक कारण कि अछि ताहि बारे चर्चा केला सँ ज्ञात होइत अछि जे किछु हद धरि अस्पष्टता विद्यमान् अछि।
मैथिली जिन्दाबाद एहि दिशा मे एकटा सर्वेक्षण वर्तमान सीमांकन अनुरूप प्रदेश एक तथा प्रदेश दुइ केर संगम केन्द्र कोसी बराज पर आयोजन केलक। एहि मे स्थानीय नेतृत्वकर्ता लोकनिक सेहो नीक सहभागिता रहल छल। भगत मंडल केर संयोजन मे संपन्न एहि सर्वेक्षण मे मधेस केर आन्दोलन व एकर मांग पर पूर्ण जानकारीक अभाव देखल गेल। सबहक विचार एक्कहि टा छल जे पहाड़ी शासक वर्ग मधेस संग बेईमानी करैत विभेदपूर्ण संविधान बनेलक अछि। नागरिकताक कानून मे सेहो पेंच लगौलक अछि। प्रदेशक सीमांकन मे मधेसक भूमि केँ पहाड़ संग जोड़िकय प्रतिनिधित्व मे पर्यन्त बदनीयत सँ काज केलक अछि। इत्यादि।
अन्त मे निर्णय लेल गेल जे कियैक न कोनो स्थानीय नेता सँ एहि विषय मे जानकारी लेल जाय। संयोजक भगत मंडल तुरन्त सप्तरी क्षेत्र-२ केर एकटा जानल-मानल नेताजी विरेन्द्र माझी केँ फोन लगेला आर हुनका संग मैथिली जिन्दाबाद केर प्रधान संपादक प्रवीण नारायण चौधरी बात करैत जानकारी लेलनि।
श्री माझी स्पष्ट रूप सँ किछेक रास मुख्य मांग केर कारण ई आन्दोलन निरंतरता मे रहबाक बात कहलनि। प्रदेश सीमांकन मे मधेसक भूमि केँ पहाड़ संग जोड़ि पुरने नीति कायम रखैत मधेसी केँ विभेद मे रखबाक षड्यन्त्र पहाड़िया शासक वर्ग द्वारा कैल गेल अछि, ई मधेस केँ कहियो स्वीकार नहि होयत आब। दोसर बात जे मधेसी केँ समान अधिकार जनसंख्याक आधार पर समानुपातिक सहभागिताक गारंटी वर्तमान संविधान मे नहि कैल गेल अछि। जतेक अधिकार देबाक बात करैत अछि ओहि मे नियत साफ नहि छैक शासकवर्गक लोक केँ आर ओ मधेसीक हाथ मे प्रतिनिधित्व देबा सँ नकारैत अछि। जनसंख्याक आधार पर निर्वाचन क्षेत्रक निर्धारण ताहि लेल मधेस मे चैल रहल आन्दोलनक एकटा मुख्य मांग रहल ओ बतौलनि। तहिना नागरिकता मे विभेदक नीति सेहो घोसियायल गेल अछि, जेना मधेसी मूल केर लोकक विवाह भारतीय संग होइत अछि आर ओहि भारतीय केँ अंगीकृत नागरिकता देल जाएछ, विडंबना एहेन अछि जे ओहि अंगीकृत नागरिकक संतान केँ नागरिकता सँ वंचित रखबाक लेल कुत्सित योजना एहि संविधान मे बनायल गेल अछि।
वर्तमान आन्दोलनक स्वरूप मे परिवर्तन अनबाक कोनो सोच या विचार अछि वा नहि ताहि पर श्री माझी कहलनि जे केन्द्रीय स्तर पर सक्रिय नेता लोकनि मोर्चाक आगामी बैसार मे एहि विन्दु पर निर्णय लेता। मुदा मधेसक आम जनताक इच्छा छैक जे ई अन्तिम लड़ाई थीक। जाबत समान अधिकार नहि देल जायत, ई आन्दोलन चलैत रहत। स्वरूप मे बदलाव आनल जा सकैत अछि, कारण मानवीय संकट सँ सब कियो आहत अछि। आन्दोलनकारी समझौता करबाक लेल तत्पर रहितो सरकार वार्ताक नौटंकी कय रहल अछि। जहाँ आन्दोलन शान्त होयबाक दिशा मे आगाँ बढैत अछि तखनहि राज्य द्वारा कोनो न कोनो उपद्रव मचाकय आन्दोलन केँ आरो भड़कायल जाएत अछि। राज्य केर निर्देशन पर प्रहरी आतंक सँ आन्दोलन केँ दमन करबाक कुत्सित प्रयास कैल जाएत अछि। पचासो सँ बेसी लोक शहीद भऽ गेल अछि एखन धरि। मोदी को छोरो – मरे पछि दस लाख पाउंछस् कहैत नेपाल प्रहरी द्वारा बिना कोनो चेतावनी देने गोलीक बौछार कैल जाएछ। पहाड़िया शासकवर्ग पूर्ण रूप सँ बदनियत रखैत मधेस व मधेसी केँ शोषण कय रहल अछि। मधेसक शान्तिपूर्ण आन्दोलन केँ बदनाम कय रहल अछि। झूठक कतेको आरोप लगा रहल अछि। श्री माझी अन्त मे समझौताक संभावना न्यून रहितो समाधान निकलबाक आत्मविश्वास रहबाक बात कहलनि। वीभत्स परिणाम यदि निकलत तऽ पृथक् देश केर मांग उठय लागत, अहु बातकेँ दरकिनार नहि कैल जा सकैत अछि। राज्य द्वारा उठि रहल डेग सँ मधेसी व पहाड़ी जनमानस बीच एकटा बड पैघ दरार बनि रहल अछि, मुदा संयोग नीक अछि जे मधेस मे रहनिहार पहाड़ी जनमानस मधेस आन्दोलनक संग अछि। जनता-जनता मे एकता रहब एहि आन्दोलनक शान्तिपूर्ण होयब प्रमाणित करैत अछि, मुदा राज्य द्वारा एकरो भड़केबाक कुत्सित प्रयास कैल जा रहल अछि, कहलनि माझी।
मैथिली जिन्दाबाद नेपाल मे विद्यमान् मानवीय संकट सँ चिन्तित रहैत आगामी समय मे जल्दिये अनुकूल समाधान होइक ताहि लेल कामना करैत अछि। आर्थिक नोकसानीक संग-संग रोजी-रोटी कमेबाक कतेको अवसर बर्बादीक दिशा मे बढि गेल अछि, ताहि कारण आन्दोलनक स्वरूप मे बदलाव आनब आवश्यक अछि। राज्य केँ मधेस व मधेसीक उत्पीडण दूर करबाक लेल समान अधिकार केर गारंटी करब आवश्यक अछि। ईमानदारी सँ मधेसी केँ राष्ट्रीयता प्रति सकारात्मक सोच अनैत देशक विकास केर दिशा मे अग्रसर करबाक लेल कोनो तरहक विभेद नहि करैत शीघ्र समाधान करब जरुरी अछि। शान्ति तखनहि आओत जखन मधेसीक मन मे स्थापित भेल अविश्वास दूर होयत।