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अभावहि-अभाव मे जनजीवन त्रस्तः नेपालक वर्तमान

नेपालक स्थिति पर विशेष

petroleum crises nepalकरीब १०० दिन सँ बेसी सँ चैल रहल आन्दोलन सऽ समूचा नेपाल अस्त-व्यस्त बनि गेल अछि। ५० सँ बेसी आन्दोलनी शहीद भऽ गेल अछि तऽ दर्जनक आसपास सुरक्षाकर्मी शहीद भऽ गेल अछि, तैयो आन्दोलन रुकबाक नाम नहि लय रहल अछि आर एकर असैर चौतर्फा समस्त नागरिक व जनजीवन पर पड़ि रहल अछि।

माँग बड छोट मुदा बड उच्च बनि गेल अछि। सत्ता-संचालक व आन्दोलनी वर्ग बीच दूरी बढि गेल अछि। अविश्वास आर शंका मे द्वंद्व विस्फोट भेल प्रतीत होएत अछि जे स्पष्टतः मधेसी आ सरकार बीच युद्ध केर स्थिति बना देने छैक। एहि तरहक अशान्तिक निबटारा लेल भारत द्वारा देल गेल सुझाव केँ सम्मान नहि कएलाक कारण नेपाल मे आपूर्ति व्यवस्था पूर्णरूपेण असहज बनि गेल छैक। परिणाम स्वरूप मानव जीवन लेल जरुरी समानक अभाव सँ जनजीवन अस्त-व्यस्त बनि गेल अछि।

रसोई गैसक किल्लत – पेट्रोल-डिजलक अभाव – औषधिक अभाव – खाद्यान्नक अभाव – खायवला तेलक अभाव – अभावहि अभाव मे जीवन आर कालाबाजारीक वर्चस्व सँ मानव जीवन त्रस्त बनि गेल अछि। विद्यालय मे पढाई करयवला विद्यार्थीक जीवन पर सेहो असर पड़ि रहल अछि। एहेन अभावक समय कृत्रिम अभाव केर मारि भयावह रूप सँ प्रभावित कय रहल अछि। सरकारी संयंत्र केर नियंत्रण मे स्थिति नहि रहि जेबाक कारण अनैतिकता चरम पर ताण्डव कय रहल अछि। एहेन घड़ी सरकार तथा आन्दोलनी पक्ष केँ जिद्द छोड़ि स्थिति सहज करबाक दिशा मे सोचब अत्यन्त जरुरी अछि।

समाधानक डेग पर विश्वास बढेबाक वातावरण बनब जरुरी अछि नहि तऽ देश मे स्थिति दिन-ब-दिन असामान्य बनैत जाएत आर गृहयुद्ध केर वातावरण बनत एहि आशंका केँ नहि काटि सकैत छी। एकटा ठोस समझौता आर एकटा निश्चित समयावधि मे संविधान संशोधन सहित मधेसी केर माँग संबोधन करबाक उपाय एकमात्र सही बाट प्रतीत होइत अछि।

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