विद्यापति_पर्व_समारोहक_की_औचित्य
- राकेश झा ‘जीएस गुरु’, ठाढी, मधुबनी (हाल पटना)
किछ-किछ त्योहारक सीजन होईत अछि । मुदा किछ त्योहार, फैशन के भेंट चढ़ि एतेक ने पॉपुलर भ जाईत अय जे 12मासा भ जाईत अय । विद्यापति पर्व समारोह किछ ऐहने देक्सी वा देखांऊस में फंसी गेल अय ।
ई पर्व जतेक प्रवासी मैथिल के करीब अय ओतेक मूल आम गरीब मैथिल स दूर भ गेल अय । कियैक त पर्व त्योहार आय के आर्थिक युग में प्रदर्शन प्रभाव में फंसी सुखी सम्पन्न वर्ग के हर्षोउल्लास के प्रतीक बनि गेल अय ।
मिथिला जे अदौ स पिछड़ल रहल ओतअ आई विद्यापति पर्व समारोहक की औचित्य अय पर सोचनाई आवश्यक अय ल क बुझना जा रहल अय जे की मिथिलाक लोक विद्यापतिक मिथिला निर्माण लेल ई पर्व मना रहल छाईत या मगधिया संस्कृती स उपजल कुंठा स निकलै लेल दू या तीन राईत सुच्चा मैथिल बनै के ढोंग करैत छाईत ।
ई अकाट्य सत्य अय जे मिथिलाक कला-सांस्कृतिक रक्षार्थ ई एकटा पैघ प्रयास अय , मुदा की मिथिलाक कला-संस्कृतीक रक्षा विद्यापति टा क सकैत छाईत या चंदा झा, मंडन मिश्र आ वाचस्पति एकर रक्षार्थ नक्कारा छाईत की ? अय में कतौ स दू राय नय जे विद्यापति पर्व समाहरोह मिथिलाक कलाकार के अपन प्रतिभा के उजागर करै लेल एकटा पैघ प्लेटफार्म दैत अय मुदा जाही तरहे बारम्बार एके कलाकार जे आब स्थापित छाईत, हुनके मंच परर्फोमेंस के मौका द कय तरहे नव प्रतिभा के बढ़ावा भेंट रहल अय ई हमर समझ स परे अय ।
हयो हमरा त लागैत अय जे जतेक प्रवासी मैथिल अय तरहक समारोह के आयोजक होईत छाईत , ओय में स बहुत कम के घर में मैथिली बेटी बनि किल्काईर रहल अय नय त अधिकांश त एकरा अपने हाथे उरहाईड़ देने छथि ।
क्षमा चाहब यदि हमर गप्प स कष्ट भेल होई मुदा अय स कतौ नय मुँह मोरल जा सकैत अय जे की जाही तरहे विद्यापति के नाम पर करोड़क करोड़ स्वाहा करल जा रहल अय ओकर एक्को मिसिया यदि माँ मिथिलाक दामन के गरीबी भूख बेरोजगारी स होईत नित दिन के बलात्कार स बचाबै पर खर्च होइतै त अय स पैघ विद्यापति पर्व समाहरोह आ विद्यापति के प्रति हमर आहाँ श्रद्धांजलि किछ नय भ सैकतै ।
हम आब बेसी किछ नय बाजब नय त फ़ेसबुकिया सुच्चा मैथिल के अपमान भ जेतैन मुदा यदि हमर बात स सहमत होई त आऊ विद्यापति पर्व समाहरोह नय मना #अशिक्षा_मुक्त_मिथिला बनाबी #दहेज_मुक्त_मिथिला बनाबी #बेरोजगार_मुक्त_मिथिला बनाबी । mithome ngo