कुर्सों मे संपन्न भेल ‘विद्यापति स्मृति पर्व समारोह’

कुर्सों, दरभंगा। अक्टुबर २०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

vsps kurson1छैठिक अवसर पर कुर्सों गाम मे सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन आब क्रमशः विद्यापति स्मृति पर्व समारोह केर स्थान लेलक कहि सकैत छी। एहि गाम केर इतिहास मे १९७५ ई. सँ १९८० ई. केर बीच मे एहि तरहक शुरुआत यैह गामक प्रखर पुत्र ईन्डियन नेशन पत्रिकाक संपादक व चेतना समिति (पटना) केर संस्थापक एवं सचिव गजेन्द्र नारायण चौधरीक नेतृत्व मे भेल छल। कहल जाएछ जे ओहि समय मे मुख्य अतिथिक रूप मे बिहार विद्युत विभाग केर अधिकारी श्री बी एन ओझा आयल छलाह जे एहि गामक संस्कार व मैथिली-मिथिला लेल कैल जा रहल प्रयास सँ प्रभावित होएत सीधे सकरी सँ कुर्सों धरि बिजली आपूर्ति व्यवस्था लेल आदेश देलनि। आइ धरि एहि इलाका केर लोकक बीच ई कथनी अत्यन्त लोकप्रिय अछि आर स्व. गजेन्द्र नारायण चौधरी उर्फ फेकन बाबुक नाम एहि आयोजन एवं हुनकर लब्धप्रतिष्ठित व्यक्तित्व सँ राष्ट्र प्रति समर्पित सेवा आइ अमर बनि गेल अछि। तेकरे पुनः निरन्तरता देबाक कार्य एहि गामक सपुत प्रवीण नारायण चौधरीक नेतृत्व मे कुर्सों युवा विकास समिति द्वारा पैछला साल २०१४ सँ पुनः आरम्भ कैल गेल अछि।

vsps kurson2हलांकि एहि गामक माटि ओ पानि मे संस्कृतिक संग सांस्कृतिक आयोजन करब प्राकृतिक रूप मे भेटैत अछि, परञ्च विशेष आयोजन हेतु अति विशेष हिम्मत आ मेहनत करब एहि गामक युवा समाज केर विशेषता कहल जाएछ। वर्तमान अपसंस्कृतिक युग मे पुनः अपन मातृभाषा व मूल संस्कृति प्रति जुड़ाव बनायब ओना तऽ बड कठिनाह छैक, लेकिन एकर मिठास आ सहज भाव सँ ग्रहण करय योग्य रहबाक तर्क सेहो आम जनमानस मे विस्मृति होइत संस्कार केँ पुनःस्थापित करैत छैक। एहि सकारात्मक कार्य मे सब समाज व खास कय युवा पीढी केर आगू रहब एकटा पैघ संदेश दैत छैक। मिथिला व मैथिलीक संरक्षण मे ग्रामीण भूभाग मे महाकवि विद्यापतिक स्मरण करैत हुनकहि समान विद्याक मूल्य आ मान्यता केँ जनमानस अपनाबय – अही उद्देश्य सँ समारोहपूर्वक आयोजन कैल जाएछ – अपन भावना रखैत प्रवीण नारायण चौधरी एहि बेरुक समारोहक उद्घाटन सत्र मे सहभागी दर्जनों विद्वान्, कवि, समालोचक तथा अभियानीक संग उपस्थित समाज केँ संबोधित केलैन।

vsps kurson4सीतामढी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा आ दिल्ली सँ अनेकानेक मैथिल विद्वान्, अभियानी, संस्कृतिकर्मी लोकनिक सहभागिता रहल छल। कुर्सों गामक युवा विकास समिति द्वारा सहभागी समस्त अतिथि लोकनि केँ पाग-दोपटा एवं माला सँ स्वागत कैल गेल छल।

vsps kurson5किसलय कृष्ण केर प्रसिद्ध मंच संचालन मे आरंभ एहि समारोह केर मुख्य अतिथि मिथिलाक सुप्रसिद्ध गीतकार-कवि एवं सामाजिक अभियंता श्री श्याम बिहारी राय सरस एवं अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक प्रदेश अध्यक्ष श्री सदरे आलम खान द्वारा संयुक्त रूप मे कैल गेल। कार्यक्रमक उद्घाटन करैत प्रमुख अतिथिद्वय आयोजनक भरपूर प्रशंसा करैत अपन स्वराज्य केर महत्व पर प्रकाश देलनि आर उपस्थित जनमानस सँ अपन राज्य व भाषा हेतु हर तरहक संघर्ष मे संग रहबाक आह्वान केलनि।

कार्यक्रमक उद्घाटन सत्रः परिचर्चा गोष्ठी

vsps kurson6एहि समारोहक उद्घाटन सत्र मे ‘परिचर्चा गोष्ठी’क तर्ज पर मंचासीन विद्वान् एवं अभियानी लोकनि अपन महत्वपूर्ण विचार रखैत समारोह केँ गति प्रदान करैत रहलाह। कुर्सों, नदियामी, मछैता, जयदेवपट्टी, ठेंगहा आदि सँ पधारल विशाल दर्शक लोकनि एतेक रास विद्वान् व अभियानी लोकनि केर दर्शन कय अपना केँ कृत्-कृत्य मानि रहल छलाह। सब कियो एक स्वर मे एहि तरहक आयोजन गाम-गाम मे हो ताहि बात पर जोर दैत वर्तमान राजनैतिक परिवेश सँ भेट रहल नाफा-नोक्सान आर मिथिला राज्य केर आवश्यकता पर मंथन कय रहल छलाह।

vsps kurson7घंटों धरि चलल एहि परिचर्चा गोष्ठी मे विषय प्रवेश कार्यक्रम संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी केलनि, तहिना विषय पर पूर्ण व्याख्या मैथिली कवि, पत्रकार, विद्वान् एवं अभियानी सहित बहुप्रतिभावान् व्यक्तित्व श्री अजित आजाद जी द्वारा कैल गेल छल। श्री आजाद लोकभाषा एवं मानव जीवन केर व्यवहारिक पक्ष सबहक विलक्षण उदाहरण रखैत राजनीतिक अधिकार प्रति सजग बनबाक लेल जनमानस सँ आह्वान केलनि। ओ बेर-बेर मोन पारैत कहलखिन जे मात्र चुनाव बेर मे ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचाँ केला सँ उपेक्षा व दमन केर युगक अन्त नहि होयत। अपन अधिकार लेल जनमानस मे जागरण सदिखन बनल रहबाक चाही। ओ मिथिला राज्य केर औचित्य पर बजैत कहला जे जखन अपन राज्य होयत तखनहि टा अपन समस्या पर अपन सब लोकक नजैर रहत। हाल धरि जे गुण व धर्म विधायक वा सांसद वा राजनीतिक दल आदि मिथिला प्रति देखौलनि अछि, ओ बस वोट टा लूटबाक लेल आर अपन व्यक्तिगत फायदा पेबाक लेल मात्र सब तरहक प्रपंच चलैत रहल। जरुरत अछि जे अपन समस्या केर समाधान कएनिहार लोकक चुनाव करी, नहि कि औपचारिकता लेल। हर तरह सँ अपन स्वराज्य अपना लेल हितकर होयबाक भावना हुनक सारगर्वित संदेश सँ झलकैत रहल छल।

vsps kurson8सब सँ खास बात जे श्री आजाद द्वारा एकटा भविष्यवाणी करैत कहल गेल जे मात्र ५ वर्ष मे मिथिला राज्य बनि जायत, जाहि पर बादहु मे विभिन्न वक्ता-ओ-श्रोता समाज सँ विशेष प्रतिक्रिया अबैत रहल छल।

vsps kurson3नेपाली मिथिलाक सप्तरी जिला मुख्यालय राजविराज सँ पधारल श्रीमती करुणा झा एहि मंचक एकमात्र नारी-प्रतिनिधि छलीह। ओ अपन संबोधन मे एकजुट प्रयास पर जोर देलनि। राजनैतिक अधिकार सँ लोक केर जुड़बाक लेल मिथिला राज्य केर मुद्दा वा मैथिली भाषाकेर मुद्दा कतेक कारगर अछि ताहि पर सेहो मंथनक आवश्यकता दिशि आंगूर देखबैत श्रीमती झा समर्पित अभियान केर निरंतरता मे अपन सहयोग सब दिन रखबाक आस्वासन सेहो देलीह।

मिथिला राज्य निर्माण सेनाक अध्यक्ष सह अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक प्रतिनिधि श्री श्याम सुन्दर झा सेहो अपन वक्तब्य मे जनजागरण जरुरी रहबाक बाक कहलनि। संगहि कोनो लक्ष्य केर प्राप्ति हेतु एकजुटता आवश्यक रहबाक नियम पर ओ जोर दैत हर तरह सँ मिथिला लेल संघर्ष करैत रहबाक प्रतिबद्धता प्रकट केलनि।

मिरानिसे केर दरभंगा जिला अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश महतो ‘वैद्यजी’ सेहो राजनैतिक अवस्था मे विखंडित समाजक चर्चाक संग निज मातृभाषा व संस्कृति प्रति उदासीन जनमानसकेँ मूलधारा मे नहि जोड़ि सकबाक कारण मिथिला राज्यक मुद्दा गौण रहबाक तथ्य उजागर करैत एहि लेल वृहत् स्तर पर कार्य करबाक अनुरोध केलनि। संगहि, ओ इच्छा प्रकट केलनि जे एहि तरहक समारोह जँ गाम-गाम व हरेक क्षेत्र मे होयत तऽ निश्चित रूप सँ जनजागरण तथा स्वराज्य केर महत्व आम जनमानस धरि पहुँचत। श्री महतो अपन संबोधन मे वर्तमान अभियान तथा राजनीति मे ‘मिथिला नेता’ केर भाषणबाजी प्रवृत्ति पर प्रहार करैत यथार्थ भूमि पर उपस्थित जनमानसक सरोकारक विषय पर कोनो तरहक गतिविधि नहि करबाक बात कहि कठोर आलोचना सेहो केने छलाह।

मिरानिसे केर सदस्य एवं अभामिपा केर प्रतिनिधि श्री संजय मिश्रा, श्री राजेश राय, श्री अशोक झा, श्री अंकित राय सहित दर्जनों स्थानीय कार्यकर्ता लोकनि अपन-अपन विचार रखने छलाह। जोश सब मे छैक, बस जरुरत छैक जे ईमानदार नेतृत्व नीक मार्गदर्शन मे एहि अभियान केँ संचालन करय। एहि भावनाक संग युवा पीढी अपन स्वराज्य प्राप्त करबाक लेल कटिबद्ध छी से जाहेर केलनि।

सहरसा सँ, वरिष्ठ समाजसेवी तथा मैथिली-मिथिला अभियानी श्री सुमन खाँ समाज, पत्रकार-कवि-अभियानी श्री सुभाषचंद्र झा एवं युवा स्रष्टा तथा मैथिली-मिथिला जगत् केर सूचना संग्रहकर्ता प्रखर अभियानी श्री अमित आनन्द सहभागी भेलाह। हिनका लोकनि द्वारा सेहो अपन गरिमामय संबोधन मे स्वराज्य केर आवश्यकता पर जोर देल गेल। संगहि आम जनमानस सँ बिना कोनो जातीय वर्गीकरणक आपसी एकता सँ हर उपेक्षा दूर करबाक बात कहल गेल।

दरभंगा सँ मिथिला राज्य संयुक्त संघर्ष समिति केर सचिव एवं विभिन्न अभियान केर संचालन कएनिहार स्रष्टा प्रो. उदय शंकर मिश्र द्वारा मिथिला राज्य नहि बनि सकबाक कमजोर पक्ष पर प्रकाश देल गेल। ओ साहित्य तथा भाषा केर सेवा मे रहनिहार मैथिल स्रष्टा सब पर सेहो मिथिला व मैथिली प्रति आन्तरिक रूप सँ दुर्व्यवहार करबाक स्थिति खतरनाक बतौलनि। ओ कहलनि जे लज्जास्पद स्थिति छैक जे जिनका सबकेँ मैथिली सँ साहित्य अकादमी पुरस्कार भेटल ओ अपन धियो-पुता सँ मैथिली व्यवहार नहि करैत छथि आर एहि तरहक कृतघ्न व्यवहार सँ मैथिलीक मृत्यु नहि होयत तऽ प्रगति कोना होयत। तहिना ओ वर्तमान राजनीतिक दल और ओकर मानसिकता मे मैथिली विरोध केर दृष्टान्त हालहि संपन्न विधानसभा चुनाव मे दुनू गठबंधन केर चुनावी घोषणापत्र केँ रखलनि, कहला जे कियो देखाबय कि एहि दुनू गठबंधन द्वारा अहाँक भाषा वा संस्कृति वा पहिचान वा आर्थिक उदारता लेल केहन विजन राखल गेल अछि।

दिल्ली सँ मैथिली फाउन्डेशन केर संस्थापक तथा मिथिला राज्य निर्माण सेनाक प्रखर अभियानी श्री कौशल कुमार केर जोरदार अपील जे अपन विकास केर जिम्मा अपनहि हाथ मे लैत स्वराज्य केर स्थापना करू कहल गेल छल। हिनका द्वारा मधुबनी खादी सहित मिथिला गृह उद्योग आदिक परिकल्पना पर प्रकाश दैत स्वरोजगारी बनबाक संग-संग मिथिलाक्षर सिखबाक आवश्यकता पर सेहो संबोधन कैल गेल छल।

कार्यक्रम केर परिचर्चा गोष्ठी मे स्थानीय विद्वान अवकाश प्राप्त शिक्षक श्री रामाश्रय चौधरी अपन गरिमामय संबोधन मे विद्यापतिक विभिन्न रूप पर विस्तार सँ चर्चा करैत मैथिल केर राजनैतिक अधिकार केर विपन्नताक दोषी स्वयं मैथिल रहबाक बात कहलनि। अपन महत्वपूर्ण संबोधन ओहो एहि बात पर जोर देला जे कम सँ कम एहि तरहक विचार-गोष्ठीक आयोजन समय-समय पर निरन्तर होएत रहबाक चाही, आर संगहि, हम सब जे बाजी से व्यवहार मे सेहो अपनाबी।

उजान सँ श्री रामजी चौधरी केर नेतृत्व मे विशिष्ट सहभागिता दैत साहित्यिक टोली मे स्वयं श्री चौधरीक अतिरिक्त मिथिलाक महान् स्रष्टा स्व. डा. काञ्चीनाथ झा किरण केर विद्वान् एवं कर्मठ नेतृत्वकर्ता पुत्र प्रो. केदारनाथ झा, अनेको विषयक विद्वान् श्री सतीरमण झा, विद्वान् विचारक एवं कवि श्री लखनजी चौधरी केर अत्यन्त सराहनीय उपस्थिति छल। श्री रामजी चौधरी द्वारा किरणजी केर समय सँ अपन भाषा प्रति कैल गेल संघर्ष केर संस्मरण करैत वर्तमान युग धरि मैथिल केर केहन स्थिति अछि ताहि पर विचार राखल गेल छल। मिथिला राज्य केर माँग तखनहि सान्दर्भिक होयत जखन जन-जन मे अपन भाषा प्रति आत्मगौरव केर बोध आओत, बिना भाषाक सम्मान बुझने लोक राज्य नहि बुझि सकत, ओ अपन विचार सँ स्पष्ट केलनि।

प्रो. केदारनाथ झा द्वारा कुर्सों गाम केर ऐतिहासिकता आ खासकय मैथिली आन्दोलन मे देल गेल योगदान पर प्रकाश स्व. डा. किरण केर लिखल संस्मरण केर पाठ करैत कैल गेल। विदित हो जे मैथिली भाषाक पहिल चर्चित गद्य-संग्रह ‘बिछल फूल’ केर कथाकार प्रबोध नारायण चौधरी एहि गाम कुर्सों सँ छलाह जिनक आत्मीय सहयोग केर भरपूर प्रशंसा स्व. किरण द्वारा अही पोथीक प्रकाशन काल मे कैल गेल अछि। स्व. किरण द्वारा अपन सहपाठी स्व. प्रबोध नारायण चौधरी केर भूमिका जाहि सँ हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी मे मैथिलीक पठन-पाठन आरंभ भेल छल ताहि प्रकरण केँ स्मृति मे अनबाक संग-संग व्यक्ति द्वारा निष्काम भाव सँ कर्म करैत रहब ताहि व्यक्तिक नाम प्रबोध नारायण चौधरी थीक कहल गेल छल। निश्चित रूप सँ एतेक प्रखर स्रष्टा अपना कृतिकेँ अपने सँ प्रकाशित नहि करा सकबाक कारणे आइ अन्हार मे पड़ल होइथ, मुदा किरणजीक किछु पाँति हुनकर महत्व केँ स्पष्ट करैत अछि। अन्त मे प्रो. केदार नाथ झा द्वारा समस्त कुर्सों ग्रामीण सँ एहि गामक एकटा अज्ञात स्रष्टाक अनेको हस्तलिखित कृति केर प्रकाशन मे सहयोग हेतु अपील सेहो कैल गेल। हुनक अपील केँ सकारात्मक रूप सँ ग्रहण करैत आगामी समय मे एहि दिशा मे कार्य करबाक प्रतिबद्धता आयोजक समिति द्वारा देल गेल छल। एहि तरहें संबोधनक क्रम मे श्री सतीरमण झा तथा श्री लखन जी चौधरी सेहो अपन भाषाक संग राजनैतिक अधिकार प्राप्ति लेल संघर्ष तेज करबाक बात कहल गेल छल।

मधुबनी सँ सहभागी मैथिली कवि व विद्वान् श्री रामेश्वर निशांत, श्री ऋषि वशिष्ठ, श्री सतीश साजन सेहो वर्तमान राजनीति केर रूप व ताहि पर आम जनमानस मे विद्यमान् भ्रम, ताहि बीच मे मैथिली ओ मिथिला केर भूमिका आर भविष्य मे एहि सब बीच मे आपसी समन्वय करबाक नीति अपनबैत एकजुट संघर्ष करबाक आवश्यकता पर जोर देलनि।

सभाध्यक्ष अवकाशप्राप्त शिक्षक श्री रत्नेश्वर नारायण चौधरी द्वारा एहि आयोजन केर निरंतरता देबाक लेल वचनबद्ध रहबाक बात कहल गेल। गामक सांस्कृतिक पृष्ठभूमिक रक्षक श्री मुक्ति नारायण चौधरी द्वारा आगन्तुक समस्त अतिथि व विद्वानक संग सभासद लोकनिक स्वागत कैल गेल। तहिना, गामक नेतृत्वकर्ता मे सँ एक श्री प्रेम नारायण चौधरी द्वारा कुर्सों गामक परिचयक संग वर्तमान अभियान मे सेहो एहि गाम केर आगू रहबाक बात केर भरपूर सराहना कैल गेल छल।

कार्यक्रमक दोसर सत्रः कवि गोष्ठी

एहि समारोहक मुख्य अतिथि श्री श्याम बिहारी राय सरस केर कविता पाठ सँ प्रारंभ कवि-गोष्ठीक अध्यक्षता श्री सतीश साजन द्वारा कैल गेल तथा मंच संचालन श्री अजित आजाद केलनि।  एहि सत्र मे श्री ऋषि वशिष्ठ, श्री रामेश्वर निशांत, श्री लखन जी चौधरी, प्रो. केदारनाथ झा, प्रो. उदय शंकर मिश्र, श्री किसलय कृष्ण व स्वयं श्री अजित आजाद केर कविता पाठ सँ भेल। एहि सत्र मे गीत, गजल, कविता आदिक मात्रा तऽ प्रचूर छल, मुदा गाम-घरक लोक मे साहित्य प्रति उदासीन लगावक नमूना तखन देखय लेल भेटल जखन दर्शक-दीर्घा मे बस गोटेक लोकक उपस्थिति बाँचल। सत्रक मंच संचालक श्री अजित आजाद एहि विन्दु पर चूटकी लैत किसलय जी केर आँखि मुंदिकय कविता पाठक चर्चा करैत लोकमानस केँ एकटा नीति सेहो सिखौलनि। हलांकि गाम-घर मे जाड़क मास सूर्यास्त सबेरे हेबाक कारण सकाले भोजन करबाक आदति सेहो एकर एकटा कारण भऽ सकैत छैक, तथापि समारोह केर एहि महत्वपूर्ण घड़ी लोकक उपस्थिति पर प्रश्नचिह्न एकटा सवाल तऽ छोड़िते टा अछि।

अन्तिम सत्रः सांस्कृतिक संध्या

मधुबनी सँ मिथिलाक सुप्रसिद्ध गायक श्री पवन नारायण तथा कंचन पाण्डे एवं जनकपुर सँ श्री नविन मिश्राक हेल्लो मिथिला सांस्कृतिक टोलीक प्रस्तुति सँ अहोरात्रिक सांगीतिक आयोजना कैल गेल छल।

भैरवि वन्दना सँ आरंभ सांस्कृतिक संध्या सेहो दुइ सत्र मे कैल गेल छल। पहिल सत्र मे मैथिली गीत-संगीतक संग विभिन्न तरहक नृत्य केर संंङोर छल। तहिना दोसर सत्र मे भारतीय राष्ट्रभाषा हिन्दी केँ सम्मान दैत गोटेक रास गीत तथा गोटेक रास नृत्य हिन्दी फिल्म सँ सेहो लेल गेल छल।

मैथिली गीत गायनक एकटा अलगे शैलीक संग उदित आ प्रसिद्ध कलाकार पवन नारायण केँ अपन प्रशंसक बनबय मे बेसी समय नहि लगलैन, तहिना कंचन पाण्डे दिल खोलिकय कखनहु गर्दा उड़ेलीह तऽ कखनहु दरभंगाक झुमका मंगाबय लेल सजना सँ अपील केलीह। स्नेहा संग साजन केर नृत्य आ मैथिली फिल्म सजना के अंगना मे सोलह श्रृंगार केर गीत – एहि दुनूक तालमेल दर्शक केँ खूब लोभेलक। तहिना मैथिलीक पारंपरिक नृत्य जट-जटिन केर सेहो भरपूर सराहना कैल गेल।

राति तीन बजेक बाद हिन्दी गीत-संगीत-गजल ओ नृत्यक दौड़ मे सेहो गायक पवन नारायण व गायिका कंचन पाण्डे केर संगत सँ दर्शक भरपूर मनोरंजन केलैन। तहिना नर्तकी कुमार पायल केर हिन्दी रौक गीत आदि पर नृत्य सँ युवा हृदय खूब थिरकल। महिला व पुरुष केर नीक सहभागिता सँ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भोरक ५ बजे धरि चलैत रहल छल। लोक सब मैथिली व हिन्दीक एक संग संगम देखि खूब प्रसन्न छलाह आर सब कलाकार केर प्रशंसा करैत अघा नहि रहल छलाह।

कार्यक्रमक मिठास दूर-दूर केर लोक केँ अपना संग जोड़ि लेने छल। घनश्यामपुर, पाली, दसौत, हरिहरपुर, दादपट्टी, मदरिया, महिया, मोतनाजे, देवना सहित कुर्सों गामक पड़ोसी गाम जयदेवपट्टी, मछैता, नदियामी, लालापट्टी, ठेंगहा सँ हजारों-हजार दर्शक एहि कार्यक्रम भरपूर आनन्द उठौलनि।