व्यक्तित्व परिचयः संतोष कुमार मिश्र, वैज्ञानिक
न्यूरोसाइंस केर क्षेत्र मे कतेको रास महत्वपूर्ण शोध कएनिहार दरभंगा सँ संतोष कुमार मिश्र हाल नौर्थ कैरोलिना युनिवर्सिटी मे असिस्टेन्ट प्रोफेसर केर पद पर कार्यरत छथि।
दरभंगा जिलाक चौगमा गाम केर मूल निवासी संतोष कुमार मिश्र बच्चहि सँ प्रतिभावान् आ कुशाग्रताक प्रमाण दैत रहला आर जेना सब छात्र भविष्य मे किछु बनबाक सोच रखैत ताहि तरहें मेहनत करैत आगू बढैत अछि तहिना हिनको मे वैज्ञानिक बनब आ अमेरिका जयबाक एकटा ललक बच्चहि अवस्था सँ भेल छलन्हि। कहैत छथि, “सपना देखब मानवक जन्मसिद्ध संपदा थीक। किछु सपना तऽ अनायासे आबि जाएत अछि, मुदा किछु सपना लोक अपन इच्छा सँ देखैत अछि आर ओकरा पूरा करबाक लेल कड़ा परिश्रम करैत अछि। ई सब सपना हमरा लोकनिक जीवनक हिस्से होएत अछि।”
एकटा सुशिक्षित परिवार मे पलल-बढल श्री मिश्र अपन सपनाक बारे बतबैत कहला, “केकरो सपना होइत छैक जे हम डॉक्टर बनब, कियो इंजीनियर, कियो अधिकारी, वैज्ञानिक, लेखक बनय चाहैत अछि। एहि सब सपनाक कोनो अंत नहि छैक। हम बच्चे मे रेडियो पर सुनैत रही जे जखन अपना सब ओतय दिन होएत अछि तऽ अमेरिका मे राइत होएत छैक, तहिये हम सोचि लेने रही जे ओहि देश जरुर जाएब। बस यैह हमर सपना छल जेकरा हम पूरा करय मे सफल बनलहुँ।”
वर्तमान युवातुर आ खासकय मिथिलाक हरेक छात्र-छात्रा सँ ओ अपन एकटा संदेश देबय लेल विशेष इच्छा रखैत छथि, “हम युवावर्ग सँ कहय चाहब जे अगर अहाँक कोनो सपना नहि हो तऽ आइये सऽ सपना देखब शुरु करू आर शीघ्र अपन जीवन मे परिवर्तनक क्रान्ति सँ स्वयं आत्मबोध करू।”
अपन प्रेरणाक स्रोत दिल्ली पुलिस मे कार्यरत पिता महंत मिश्राक बारे मे कहैत छथि संतोषजी, “पिता हमेशा कहल करैथ जे उच्च शिक्षा टा सँ विकास केर मार्ग प्रशस्त होएत छैक। ताहि कारण सँ गाम छोड़ि एतेक दूर दिल्ली आबि गेल छी। जाहि सँ तोरा सबकेँ उच्च शिक्षा हासिल करबा मे कोनो तरहक परेशानी नहि होउक।”
“निश्चित रूप सँ पिताक सपना केँ पूरा करबाक लेल ओ गाम सँ दिल्ली धरि आयल छलाह। बहुत कड़ा संघर्ष करैत ओ दिल्ली पूलिस मे भर्ती भेल छलाह। शुरु मे हुनकर सैलरी यानि तनखा मात्र पांच सौ रुपया छल, तैयो ओ हमरा सबकेँ नीक शिक्षा दियौलनि। हम अमेरिका केर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ केर हिस्सा रहलहुँ। आब नार्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी मे बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नव जिम्मेदारी सम्हारि रहल छी।” संतोषजी भाव-विभोर बनैत पिताक सपना आर ओकर पूरा होएबाक कठिन संघर्ष केँ स्मृति मे आनैत कहलनि।
आगाँ ओ प्रदेशक पिछड़ापण पर प्रहार करैत कहला जे “बिहार मे जागरूकताक प्रसार केला सँ बहुते कार्य कैल जा सकैत अछि। ओतय पैसाक कमी केर कारण हजारो बच्चा प्राइमरी, हाईस्कूल या इंटर केर बाद पढ़ाइ छोड़ि दैत अछि। एहेन कतेको रास स्कॉलरशिप छैक जाहि सँ गरीब छात्र केँ उच्च शिक्षा हासिल करब सहज छैक।”
अपना द्वारा सेहो सामुदायिक सामाजिक जिम्मेदारी केर निर्वाह करबाक ठोस अवधारणा रखैत श्री मिश्र कहलनि, “हम जल्दिये एहेन अभियान चलायब जे बिहार केर युवा केँ एहि सब विषय पर जानकारी देत। सबकेँ उच्च शिक्षा हासिल करबाक लेल प्रेरित करब। हमरा जतेक भेटल अछि ताहि सँ बेसी हम समाजकेँ वापस करबाक लेल प्रतिबद्ध छी। जल्दिये एकर शुरुआत बिहार सँ करब। ई करय मे समय लागत, मुदा अहू सपना केँ पूरा करबाक लेल पूरा मेहनत व लगन सँ कार्य करब।
राज्य केर शिक्षा नीति पर संतोषजी अपन विचार रखैत कहलनि, “सरकार केँ सेहो शिक्षा सुदृढ़ करबाक वास्ते विशेष ध्यान देबाक चाही। प्राइमरी सँ लैत उच्च शिक्षा, रिसर्च सब स्तर पर समान रूप सँ ध्यान देनाय जरुरी अछि। हम अमेरिकाक शिक्षा व्यवस्था केर चर्चा करय चाहब, एतय 12वीं तक केर शिक्षा नि:शुल्क अछि। एतय बहुत कम्मे लोकक बच्चा कोनो निजी विद्यालय मे पढैत अछि। भारत मे से बात नहि छैक। अमेरिकाक शिक्षा विशेषज्ञ यैह मानैत अछि जे जौँ नींव मजबूत हेतैक तखनहि टा घर कतबो मंजिलाक बनय, ओ कदापि खसतय नहि। बिल्कुल एहि तर्ज पर बच्चा केँ प्राइमरी शिक्षा केर नींव मजबूत होयत तखनहि ओ बुलंदी हासिल करत। अमेरिका मे बच्चा केँ जाहि क्षेत्र मे रुचि व लगन जाएत छैक, ओकरा शिक्षक ओही क्षेत्र मे आगू बढय लेल मेहनत करबैत छैक। जे बात हम नौंवी कक्षा मे बायलोजी मे पढने रही से बात एहिठाम अमेरिका मे दूसरे कक्षाक छात्र केँ हर जीव केर शारीरिक क्रियाक बारे मे जानकारी रहैत छैक। एतय रीडिंग और राइटिंग पर फोकस रहैत छैक। एतुका सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल सँ कम नहि छैक। अंतर केवल यैह छैक जे प्राइवेट मे 10 छात्र पर एक शिक्षक रहैत छैक ओतय सरकारी स्कूल मे 20-22 छात्र पर एकटा शिक्षक। हम जतय काज करैत छी ओतुका डायरेक्टर केर बच्चा पर्यन्त सरकारी स्कूल मे पढ़य जाएत अछि।”
अमेरिका मे हिनका संग हिनकर पत्नी वर्षा शुक्ला और बेटा सिद्धांत तथा वेदांत सेहो रहैत अछि। हिनकर प्राइमरी शिक्षा दिल्ली मे पूरा भेलनि। ई दिल्ली यूनिवर्सिटी सँ १९९७ मे बॉटनी आनर्स स्नातक केलनि। डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा सँ एमएससी केर डिग्री लेलनि। अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई सँ 2002 मे एम-टेक केलनि। हिनका काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च सँ सेहो रिसर्च करबाक अवसर भेटलनि मुदा ई जॉन वोल्फगैंग गोथे यूनिवर्सिटी फ्रैंकफर्ट जर्मनी सँ न्यूरोबायोलॉजी सँ पीएचडी करब नीक मनलनि।
संतोष कुमार मिश्र न्यूरोसाइंस केर क्षेत्र मे महत्पवूर्ण शोध केलनि। हिनकर दर्जनों साइंटिफिक रिपोर्ट विश्व केर प्रतिष्ठित जर्नल मे प्रकाशित कैल जा चुकल छन्हि। हिनका द्वारा इच सेंसेशन (खुजलाहट) केर क्षेत्र मे महत्वपूर्ण खोज कैल गेल अछि। हिनका अमेरिका, जापान, जर्मनी और इंडिया मे कतेको रास प्रतिष्ठित सम्मान सेहो भेटलनि अछि। एकर अलावे सोसाइटी ऑफ न्यूरोसाइंस, जापान न्यूरोसाइंस सोसाइटी, इंटरनेशनल ब्रेन रिसर्च आर्गनाइजेशन, अमेरिकन पेन सोसाइटी, जर्मन न्यूरोसाइंस सोसाइटी सहित अनेको अंतरराष्ट्रीय संस्था केर सदस्य सेहो छथि। एकर अलावे अमेरिका, जर्मनी, भारत, जापान केर प्रतिष्ठित संस्था मे गेस्ट लेक्चर सेहो दैत आबि रहला अछि।
हिनकर परिचय जरुर मिथिलाक माटि-पानि मे विद्यावान् मैथिल केँ प्रभावित करत। संगहि श्री मिश्र केर आगामी सपना सेहो पूरा हो – ताहि लेल शुभकामना।