कुल १९ मे सँ १५ सीट पर जीतक उम्मीद पक्का: अभामिपा राष्ट्रीय सचिव संजय मिश्रा

फारबिसगंज, अक्टुबर ३१, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

abmp sanjay mishraबिहार विधानसभा चुनाव २०१५ मे पहिल बेर जोर-शोर सँ लागल मिथिलावादी दल अखिल भारतीय मिथिला पार्टी केर राष्ट्रीय सचिव मैथिली जिन्दाबाद केँ जानकारी करौलनि अछि जे एतेक साम-दाम स आ पेपर वर्क के साथ अभामिपा पहिले कहियो नहि चुनाव लड़ने छल, एहि बेर मिथिलावाद केर जीत तय अछि। कुल १९ ठाम सँ चुनाव लड़ि रहल अछि पार्टी। एहि १९ मे सँ १५ ठाम जीतबाक संभावना प्रबल अछि।

संजय मिश्रा एहि बेरुक अनुभव केँ आधार मानि आ स्वयं मात्र ४ महीना पहिने पार्टी मे सक्रिय सदस्य बनि काज आरंभ करबाक छोट अनुभव केँ आत्मसात करैत आगाँ लेल नीक रणनीति एखनहि सँ बना रहबाक बात सेहो कहलनि। ऐगला चुनाव धरि बिहार सरकार केर नाक मे दम करबाक जोश देखबैत मिश्रा एहि लेल आमजनक सहयोग केर आवश्यकता पर सेहो जोर देलनि। हुनकर कहब छल जे आम जनमानस केर भावना मे अलग मिथिला राज्य केर बात शंका-उपशंकाक बीच फँसल अछि। मिश्रा भावुक बनैत कहलनि जे जखन मैथिलक दुर्दशा आ बिहार सरकारक उपेक्षा आदिक चर्चा करैत मिथिला राज्य केर दरकार पर लोक केँ बुझबैत छी तऽ लोकक आँखि डबडबा जाएत अछि। लोकक दिमाग मे स्वराज्य प्रति प्रेम पहिने सँ भरल अछि, लेकिन उचित प्रतिनिधित्व नहि रहबाक कारणे बस उजागर टा नहि भेल अछि।

संपूर्ण मिथिलाक्षेत्र मे उम्मीदवारीक बात छल। लेकिन उम्मीदवार केँ टिकाकय राखय मे पार्टीक सामर्थ्य ओतेक मजगूत एखन धरि नहि हेबाक बात स्वीकार करैत मिश्रा कहला जे प्रदेश अध्यक्ष सदरे आलम खान केर नेतृत्व मे आगामी पाँच वर्ष धरि हमरा सब जमीन सँ जुड़ल राजनीति पर ध्यान देब आ ऐगला चुनाव मे पार्टीक एहेन खस्ता हालत एकदम नहि रहत, से विश्वास दियबैत छी। अही पाँच वर्ष मे मिथिलाक जन-जन धरि मिथिला राज्यक आवश्यकता पर सेहो पूर्ण रूप सँ नीति उजागर कैल जायत से विश्वास प्रकट केलनि।

चुनाव मे ओना तऽ पटनाक गद्दी पर आरोहण केर संघर्ष विभिन्न दलक बीच छैक, लेकिन पृथक् मिथिला राज्य केर मुद्दा पर एहि बेर अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक अतिरिक्त आदर्श मिथिला पार्टी सेहो चुनावक मैदान मे अछि। मात्र चुनावहि टा लेल ई सब दल अछि आ कि जमीनी राजनीति करैत एहि क्षेत्रक उद्धार करबाक लेल कोनो योजना सेहो छैक, एहि सब पर आम मतदाता मे बहस चलिये रहल छैक। लेकिन पार्टी सचिव केर आत्मविश्वास केर प्रशंसा मिथिलावादीक जगत् मे खूब कैल जा रहल अछि।

परंपरावादी पार्टी सब एहि क्षेत्र सँ वोट टा लैत अछि, कहियो कोनो दीर्घकालीन विकास केर योजना तऽ दूरे छोड़ू, जेहो किछु अंग्रेजक जमाना मे विकसित कैल गेल तेकरो स्वतंत्र भारत मे ध्वस्त कैल गेल आर एहि क्षेत्रक लोक केँ घर छोड़ि सस्ता मजदूर बनि प्रवास करबाक लेल मजबूर कैल गेल। एहेन अवस्था मे क्षेत्रक विकास केर मुद्दा पर ई मिथिलावादी दल जरुर लोकमानस केर मस्तिष्क मे अपन अलग छाप छोड़ि रहल अछि, बस जरुरत एकर छैक जे चुनावक अतिरिक्त सेहो जनताक सरोकार पर राजनीतिक संघर्ष मिथिलावादी दल द्वारा निरंतर कैल जाय आ तखन नैतिकताक आधार पर सेहो चुनाव मे कन्टेस्ट कैल जाय।