महरैल, झंझारपुर। ३० अक्टुबर, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिल ब्राह्मण परिवार मे एहेन वीभत्स घटना गोटेक सुनय मे अबैछ – दहेज केर मांग लेल पुतोहु केँ प्रताडित करब आ नैहर सँ संबंध विच्छेद करबैत हिंसा-अत्याचार दैत-दैत एकटा अबला नारीक जान तक लऽ लेब – जान लऽ लेलाक बाद अपना संग आरो परिजन व समाज केँ हत्याक दोख मे शामिल कय लेब – लाश केँ ठेगाना लगेबाक लेल संपूर्ण मानवता केँ कलंक लगाबयवला घटिया काज करैत बिना कोनो संस्कार केने नदीक कछेड़ मे भैर मर्द खधा खुनिकय लाश गाड़ि देब – आरो जघन्य अपराध करय सँ नहि चूकब।
जी हाँ! ई घटिया आ नृशंस अपराध मिथिलाक हृदयस्थलीक रूप मे सुविख्यात मधुबनी जिलाक महरैल गाम (झंझारपुर बाजार सँ नजदीक अवस्थित) मे घटल अछि। एहि गामक एक पियक्कर आ चरित्रहीन ससूर हरिमोहन झा अपनहि पुतोहु केँ हत्या करबाक दोष मे हत्या मे सहयोगी आ लाश केँ ठेगाना लगाबय मे सहयोग केनिहार किछु अन्य परिजन तथा समाजक पड़ोसी आदिक संग जेल पठायल गेला अछि।
निज कोजगराक दिन भवानीपुर (पण्डौल) सँ भावना झा केर भाइ अपन बहिनक बिदागरी लेल बोलेरो गाड़ीक संग बहिनक सासूर महरैल आयल छलाह। कतेको बेर भावनाक सासु एवं ससूर संग निवेदन केलाक उपरान्त बहिन केँ नैहरा लऽ जेबाक लेल कोजगरा सनक खास अवसर पर कोजगरा मनेनिहार भाइ उत्साहित होएत बहिन केँ गाड़ी मे सेहो बैसा लेने छलाह। लेकिन प्रकृति केँ किछु आरे मंजूर छलैक। भावनाक सासु झगड़ा करिते अपन पुतोहु केँ बोलेरो गाड़ी सँ घीचिकय उतारि लेली, बिदागरी नहिये टा होमय देली आ तेकर बाद जे सब घटल तेकर परिणाम सबहक सोझाँ अछि।
कोजगरा मनेबाक जोश मे भावनाक नैहर परिवार लाखो विनती केला पर जखन बहिनक विदागरी सँ वंचित रहलाह तऽ ओ अपन गाम लौटि गेलाह। एम्हर महरैल मे नशेरी ससूर हरिमोहन झा सासु व अन्य संग मिलिकय भावना केँ एतेक प्रताड़ित केलनि जेकर परावार नहि रहि गेल। अवस्था एतेक तक बिगैड़ गेल जे क्रोधावेशमे चूर ससूर अपन पुतोहु केँ गला दबाकय मारि देला। भावनाक मृत शरीर केँ ठेगाना लगेबाक लेल अपन विश्वासी लोक सब सँ सहयोग माँगि लाश केँ बोरा मे बन्न कय साइकिल पर राखि गामक बगलहि सँ बहि रहल कमला-बलान नदीक कछेड़ मे अवस्थित एकटा कुशियारक खेत जे कि लगभग २० बीघा मे पसरल छल ताहि मे करीब ७ फूट खधा खूनि गाड़ि देला आ निश्चिन्त भऽ भोरे सँ दारू पीबय मे हत्यारा ससूर मस्त भऽ गेला। लड़कीक भाइ सब केँ भोरे दारूए पीबाक अवस्था मे ओ चाण्डाल ससूर पकड़ेला पर हत्याक कोनो भान तक नहि देलनि। जखन कि भावना संग मारि-पीट आ झगड़ा-झंझटिक खबैड़ भाइ सब तक पहुँचि चुकल छल। अन्त मे पूलिस मे शिकायत कैल गेलाक बाद लखनौर, झंझारपुर तथा महरैलक निज थाना रुद्रपुर केर तदारुकता सँ कैल गेल कार्रबाईक परिणाम भेल जे लाश केँ ठेगाना लगाबय मे सहयोग केनिहार एकटा दोसर पियक्कड़ पूलिसक मारिक डरे लाश कतय नुकायल गेल अछि से बैक देलक। एवम् प्रकारेन् पूलिस द्वारा लाश बरामद कैल गेल आ हरिमोहन झा केँ अन्य सहयोगी सहित गिरफ्तार सेहो कैल गेल अछि।
भावनाक खास ममियौत भाइ ईशनाथ झा संग भेल मैथिली जिन्दाबाद केर वार्ता अनुरूप:
ईशनाथ झा:
“भाय, हम श्रोत्रिय अपितु दहेज क दानव सँ अदौ सँ अभिशप्त सोदरपुरिये मूलक शांडिल्यगोत्री मैथिल ब्राह्मण छी। भावनाक पिता, हमर पीसा ७१ वर्षीय साधारण सरकारी नौकरी सँ निवृत्त छथि। भावना हुनक पाँचम पुत्री छलनि जकर विवाह ओ अपन आर्थिक स्थिति सँ बेसिए खर्च कए २०१२ मे केने छलाह। विवाहोपरान्त दुरागमन मे यथासाध्य सामग्री क संग संग मोटर साइकिल सेहो देने छलखिन। मुदा ओहि दुष्ट सभ के संतोष नहिं भेलैक। ओकर राक्षसी सासु आ पतित ससुर बारंबार ओइ परम धार्मिक स्वभावक पुतोहु के शारीरिक यंत्रणा दैत रहैत छल। तातकालिक कारण कोजागराक दिन ओकर विदागरी मे ओकर सासु ओकरा गाड़ी पर सँ नीचा खीच कॅ लए गेल रहै। आ राति मे पियक्कड़ ससुर मिलि कए ओकर जघन्य हत्या कॅ देलकै। ई सभ सब बात ओकर पड़ोसक अन्य महिला आ किछु अविवाहित लड़की सब कहलक। सात आठ गोटा मिलि लाश के बोरा मे ठूसि साइकल पर दू किमी दूर बीसेक बीघा मे पसरल कुसियारक खेत मे राता राती सात फुट गहीँर खाधि मे गारि निश्चिंत भए गेल। ओकर ससुर भोर मे दारू पीबैत पकरायल रहै हमरा सभ के। लाश गाड़बा मे सहयोगी एकटा गिरफ्तार अपराधी जँ पुलिसक मैरक डरे जगह नहिं कहितै तँ लाशो नहिं भेटितै।
सासु भावनाक आठ मासक अबोध बेटा के लए अपन नैहर पड़ा गेल छल। ओत सँ पुलिसक सहयोग सँ बच्चा तँ अनलहुँ मुदा ओ कलंकिनी के प्रायः एहि गामक (खड़रख, पैटघाट) मुखिया शरण देने छथिन से सूचना प्राप्त भए रहल अछि।
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दहेज मुक्त मिथिला अभियान केर पूर्ण सहयोगक आस्वासन सेहो देल गेल अछि। हाल कानूनी कार्रबाई केर चरण मे अछि ई मामिला। एहि गाम महरैलक एक लब्धप्रतिष्ठित व्यक्तित्व अमरनाथ झा द्वारा जानकारी भेटल अछि जे समस्त ग्रामीण एहि घटना केँ निन्दा कय रहला अछि। स्वयं अमरनाथ झा एहि नृशंस अपराधक कुचिस्टा करैत अपन भावना चीर-परिचित पद्यशैली मे ‘ओह’ शीर्षक सँ एना रखलनि अछि:
ओह !!!
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छी अवाक; निस्शब्द
की बाजू ?
कएल गेलै लोमहर्षक काज
घोंटल गेलै एक अवलाक घेंट
फेर चढ़लै दहेज-दानवक भेंट
रोइयाँ भुलकल अछि
लज्जित छी, समाजक ऐहि रूप पर ।
के करतइ एहन कल्पना
एहनो होइछै कुदरूप मनुक्ख
भावनाक गरदनि मचोड़ि
हरि लेलकै परान
नहिं रहलै पिहुओक धियान
हा दैव ! हे भगवान !
भारतीय संस्कृति मानैये
जेकरा घ’रक लक्ष्मी
मिथिला मे लक्ष्मी घ’र होथि
कोजगराक साँझ मे
मुदा, ओही साँझ झाँपल गेलीह
घरक लक्ष्मी ।
कहबैछै व्रह्म जननिहार
मुदा छै व्रह्मराक्षस
ओह! ओह!! ओह !!!
दहेज लोभी समाज मे महिला पर हिंसा, उत्पीडण आ हत्याक ई टटका मामिला सँ सुन्दर गाम महरैलक खूब बदनामी भऽ रहल अछि। सुकर्मे नाम आ कि कूकर्मे नाम…. अफसोस लेकिन सच यैह अछि जे सुकर्म आइ-काल्हि बहुत दूर तक नहि पसैर पबैत अछि, कारण मिथिलाक लोक आब विदेह कम आ सदेह बेसी छथि, निज स्वार्थ ओ व्यक्तिगत विकासक अलावे समाज ओ समुदायक हित लेल त्याग कएनिहार नगण्य भेटत। ताहि हेतु कूकर्मी लोक जल्दिये नाम कमाएत अछि आ अपन गाम व समाजक माथ पर कलंकक टीका सदा-सदा लेल छोड़ि जाएत अछि। महरैल गामक माथ पर लागल ई कलंकक टीका एहि गाम-समाजक दृढसंकल्प सँ पूरा होयत जाहि सँ भविष्य मे एहेन दोसर घटना नहि घटय। अमरनाथ झा केर पद्य मे राखल गेल मर्म सँ समाज परिचित होइथ, यैह कामना।