
जासु कृपा सो दयाल, द्रवहु सकल कलिमल-दहन।”
विधि- प्रभु राम केर पूजा करैत वृहस्पति दिन सँ कमलगट्टाक माला पर २१ दिन धरि प्रातः और सायं नित्य एक माला (१०८ बेर) जप करी।
लाभ – प्रभु केर कृपा प्राप्त होयत अछि। दुर्भाग्य केर अन्त होएत अछि।रामजी केर अनुकम्पा पेबाक मंत्र
“बन्दउँ नाम राम रघुबर को। हेतु कृसानु भानु हिमकर को।।”
विधि – रवि दिन सँ रुद्राक्ष केर माला पर १००० बेर प्रतिदिन ४० दिन धरि जाप करी।
लाभ – निष्काम भक्त केर लेल प्रभु श्रीराम केर अनुकम्पा पेबाक अमोघ मंत्र अछि।
“प्रनवउँ पवनकुमार खल बल पावक ज्ञानघन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥”
विधि – भगवान् हनुमानजी केँ सिन्दूर युक्त प्रतिमा केर पूजा करैत लाल चन्दन केर माला सँ मंगलवार सँ प्रारम्भ करैत २१ दिन धरि नित्य १००० बेर जाप करी।
लाभ- हनुमानजी केर विशेष कृपा प्राप्त होएत अछि। अलाय-बलाय, कैल-करायल अभिचार केर अन्त होएत अछि।
सफलता पेबाक मंत्र
“प्रभु प्रसन्न मन सकुच तजि जो जेहि आयसु देव।
सो सिर धरि धरि करिहि सबु मिटिहि अनट अवरेब॥”
विधि – प्रतिदिन एहि मंत्र केर १००८ बेर पाठ करबाक चाही। एहि मंत्र केर प्रभाव सँ सब कार्य मे अपुर्व सफलता भेटैत अछि।