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विजयादशमीक शुभकामना आर दहेज प्रथाक दानवी रूप सहित समसामयिक विषय पर चर्चा

विराटनगर, अक्टुबर १८, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

shubhkamna1दहेज मुक्त मिथिला – विराटनगर द्वारा आयोजित कार्यक्रम महेन्द्र मोरंग कैम्पस केर समीक्षालय मे संपन्न भेल। कार्यक्रमक अध्यक्षता कैम्पस प्रमुख प्रा. सरोज कुमार चौधरी केलनि, तहिना मुख्य संरक्षक प्रा. डा. कामेश्वर यादव, प्रा. महेन्द्र यादव, प्रा. पशुपति मिश्र, प्रा. दिनेश साह, महिला नेत्री एवं अभियानी वसुन्धरा झा, मैथिली साहित्यकार कर्ण संजय, राजनीतिकर्मी तथा फिल्मकार सलीम अंसारी, राजनीतिकर्मी भक्तिनाथ माझी, पत्रकार तथा अभियानी जितेन्द्र ठाकुर आ नवीन कर्ण, अभियानी पंकज वर्मा, रेडियोकर्मी व मैथिली मंचक उद्घोषिका राधा मंडल, मैथिली भाषा युवा गीतकार एवं स्रष्टा विद्यानन्द बेदर्दी सहित दर्जनों महत्वपूर्ण छात्र नेता, संस्कृतिकर्मी, राजनीति विश्लेषक, लेखक, विद्वान् तथा बुद्धिजीवीक सहभागिता रहल।

छात्र नेता धीरज बर्मा केर संयोजन मे आयोजित एहि कार्यक्रम मे स्वागत मन्तव्य संयोजक बर्मा तथा पंकज वर्मा द्वारा कैल गेल छल। ओतहि विषय प्रवेशक संग कार्यक्रमक परिकल्पना पर प्रकाश दैत मंच संचालनक भार प्रवीण नारायण चौधरी द्वार कैल गेल छल। कार्यक्रम मे दहेज मुक्त मिथिलाक संकल्प लेबाक संग एहि अभियानक सफलता लेल आपसी संवाद सँ समाजकेँ स्वच्छ बनेबाक विषय पर मूल चर्चा कैल गेल। तहिना सम-सामयिक विषय नेपालदेश मे राजनीतिक अस्थिरता, नव घोषित संविधानक आलोक मे मधेस तथा मधेसी असन्तोषक अवस्थाक संग कैल जा रहल आन्दोलन व ओकर दुष्परिणाम या फेर उपलब्धि पर सेहो भरपूर चर्चा कैल गेल।

shubhkamna2मधेसक मुद्दा पर कार्यरत राजनीतिक दल केर अवस्था पर सेहो विश्लेषणात्मक चर्चा एहि कार्यक्रमक एकटा उपलब्धि छल। जतय एक तरफ सलीम अंसारी द्वारा नेताक वृत्ति एवं प्रवृत्ति पर आक्रमण करैत कार्यकर्ता कोना हतोत्साहित होएत अछि ताहि पर प्रकाश देल गेल छल, ओतहि प्रा. महेन्द्र यादव द्वारा सर्वदलीय एकजुटता आ आन्दोलनक उद्देश्य केर पाछाँ सबहक रहबाक बात कहल गेल।

तहिना डा. कामेश्वर यादव द्वारा दहेजक विषय समाज लेल अत्यन्त गंभीर चुनौती बनिकय देखा रहल अछि आ एकर समाधान केवल शिक्षा तथा जागृतिक प्रसार टा अछि, से कहलनि। हुनकर मतानुसार अपन भाषा, भेष, संस्कृति प्रति समाज मे जागृतिक आवश्यकता अछि, क्रमश: समाज आगाँ बढैत एहि दानवी प्रवृत्ति सँ मुक्ति भेटत कहल गेल। तहिना राजनीतिक समस्याक समाधान एकजुट संघर्ष मे अछि जे मधेस लेल निरंतरता मे अछि, नेतृत्वकारी वर्ग पर अनावश्यक भार देबाक बदले आम जनक बीच यैह तरहक अन्तर्क्रिया सँ जनताक जागरुकता बढत, तखनहि नेता सेहो सतर्क होयत। प्रा. दिनेश साह अपन मातृभाषा मे आयोजित कार्यक्रम मे सहभागिता सँ प्रसन्नता प्रकट केलनि आ एहि तरहक अन्तर्क्रिया आरो बेसी आयोजित करबाक बात पर बल देलनि। राजनीतिक संघर्ष सँ सब वर्ग प्रभावित होयबाक बात कहैत एखुनका कठिन समय मे एकजुटता आवश्यक रहल से कहलैन।

प्रा. पशुपति मिश्र अपन कटु अनुभव सुनबैत कहला जे दहेज मुक्त विवाह केर समाज मे जाहि तरहक आलोचना कैल जाएछ ओ एहि प्रथाक पोषक थीक। जाहि ठाम दहेज मुक्त विवाह केर बात अबैत अछि, लोक मे अनावश्यक शंका घर करैत अछि जे आखिर कि बात छैक जे लड़का कोनो डिमान्ड नहि केलकैक, जरुर कोनो न कोनो ऐब हेतैक, आदि प्रकारक कूचर्चा सँ प्रथा विरोधीक कटु आलोचना अपना घरो मे कैल जाएछ। हालहि संपन्न कैल अपन बेटीक दहेज मुक्त विवाह पर सोझें बैसल पत्नीक सोझाँ हुनकर ई बात समाजक आँखि खोलयवला छल। ओ एहि कूप्रथाक प्रथा रहबाक समय धरि ठीक रहल, मुदा क्रमश: एकर रूप बदलैत आइ भ्रूण हत्याक कारण पर्यन्त बनि जेबाक बात केर व्याख्या करैत समाधान एकमात्र बेटी केँ शिक्षित कय स्वाबलंबी बनेबाक सिद्धान्त अपनेबाक आग्रह केलनि।

shubhkamna3महिला नेत्री वसुन्धरा झा विराटनगर मे आयोजित विद्यापति पर्व समारोह केँ स्मरण करैत स्वयं अपन भाषा आ मिथिला संस्कृति प्रति काज करबाक प्रेरणा पेबाक बात कहली। ओ अपन अनुभव आ अभियानक चर्चा करैत बजली जे दहेज मुक्तिकेर एहि आन्दोलन मे ‘दहेज मुक्त मिथिला’क नामे सुनि प्रेरित होएत एखन धरि कतेको ठाम जागृतिमूलक जुलूस आ सामाजिक बैठक पर्यन्त कएलीह। अपन कार्यक्रम करबाक समये मे ठामहि एकटा असहाय आ गरीब परिवारक बेटीक लेल ओ खूलल समाज सँ दूलहा केर माँग करैत सामाजिक सहयोग सँ सहजे विवाह करेबाक अनुपम उदाहरण सेहो रखलीह। तहिना हरेक वर्ष विराटनगर मे आयोजित जितिया पर्व समारोह सँ कोना अपन भाषा आ संस्कृति प्रति लोक मे जागरण बढि रहल अछि तेकर चर्चा केलीह। राजनीतिकर्मीक रूप मे किछु कटु अनुभव सब रखैतो अपन निजी योगदान सदैव ईमानदारिता सँ देबाक लेल वचनबद्ध छी, से कहली।

महिला अधिकारकर्मी आ रेडियोकर्मी मैथिलानी राधा मंडल निरंतर कार्य करब आवश्यक रहल बतौलनि। अपन रेडियो कार्यक्रमक माध्यम सँ आर एहेन छोट-छोट आयोजन सँ समाजक लोक केँ बहुत फायदा पहुँचैत छैक। महिला सब सेहो अपन अधिकार लेल सजग भऽ रहली अछि। रेडियो पर फोन द्वारा हुनका सब संग चर्चा करैत बहुत किछु स्पष्ट होएत अछि जे कनेक मौका देला सँ पुरुष समाज केँ असगरे परिवार सम्हारबाक बाध्यता सँ ऊबार भेट सकैत छन्हि। महिलाक कार्य-दक्षता बहुते छैक। पुरुषक तूलना मे कनेक कमे सही लेकिन महिला मे उद्यमशीलता आ आय उपार्जन करब एकदम जरुरी अछि, कारण जे पुरुषक आकस्मिक बीमार पड़ि गेला सँ वा मृत्यु भऽ गेला सँ महिलाक जीवन कष्टकर बनि जाएछ, तैँ पहिनहि सँ किछु न किछु उद्यम महिला लेल जरुरी अछि। दहेज मुक्तिक वास्ते सेहो स्वाबलंबी महिला क्रान्ति आनि सकैत छथि।

कर्ण संजय अपन संबोधन मे कार्यक्रमक आयोजन प्रति आभार प्रकट केलनि। हुनकर मानब छन्हि जे एहि तरहक कार्यक्रम आरो बेसी होइक, तखनहि समाजक बीच जागरुकता बढत। मैथिली लेखन सँ मनोरंजन हर क्षेत्र मे उपयोग बढेला सऽ एकर जीवन बढत। जितेन्द्र ठाकुर सेहो वर्तमान आन्दोलन आ एकर दशा-दिशा पर संबोधन केलैन। हतोत्साहित होयबाक आवश्यकता नहि छैक, संघर्ष कठिनाह होइते छैक। धैर्य सँ अपन अधिकारक संघर्ष मे लागल रहबाक विषय पर ओ जोर देलनि।

राजनीतिकर्मी भक्तिनाथ माझी द्वारा मधेसवादी दल केँ संसदक सदन केर बहिष्कार पर समीक्षा होएबाक आवश्यक रहल कहल गेल। समीक्षा अहू बातक होयब जरुरी अछि जे सदन छोड़ि खाली सड़क सँ संघर्ष कतेक कारगर भेल। संविधान मे संशोधन लेल पूर्वहु मे सदन मे संघर्षक आवश्यकता रहल, लेकिन सदन बहिष्कार सँ ई सब संभव नहि भऽ सकल। राज्य आ असन्तुष्ट पक्षक बीच अडान आ जिद्द केर कारण आम जनमानस एखन धरि कष्ट भोगि रहल अछि। नहि जानि आब एहि आन्दोलनक अन्त कतय होतय। तहिना अपन नेता विजय गच्छदार जी केर सरकार मे सहभागिताक बचाव करैत ओ कहलनि जे सरकारक भीतरो मे रहिकय बहुत समस्याक समाधान ताकल जा सकैत छैक। अपन हक व अधिकार लेल सब ठाम सँ आवाज उठायब जरुरी छैक।

प्रमुख अतिथि – सभाध्यक्ष कैम्पस प्रमुख खुलिकय सब विषय पर अपन विचार देलनि। ओ कहला जे साइन्स छोड़ि बाकी कतहु संपूर्ण शुद्धता भेटब संभव नहि अछि। विचार मे भेद होयब स्वाभाविके छैक। लेकिन नेताक संग जनताक तालमेल सँ विभेद आर उत्पीडणक अन्त होयब तय छैक। दहजे मुक्तिक आन्दोलन केर भरपूर प्रशंसा करैत अपन भाषा, साहित्य एवं संस्कृतिक लेल काज करबाक जोश तथा जज्बा केँ आरो बढेबाक लेल जोर देबाक बात कहलनि। बेटी केँ पढाउ, दहेज मुक्त समाज बनाउ।

कार्यक्रमक शुरुआत जेना भैरवि वन्दना सँ कैल गेल तऽ मध्य मे विद्यानन्द बेदर्दीक जोशीला पद्य-गायन सँ क्रान्तिकारी संबोधन भेल, तहिना अन्त मे महिला लोकनि द्वारा भगवतीक पारंपरिक मिथिला गीत गायन कैल गेल आर प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा विद्यापतिक प्रसिद्ध रचना ‘उगना रे मोर कतए गेलाह’ केर गायन संग कार्यक्रम समापन कैल गेल।

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