मिथिला राज्य केर माँग करैत नामांकन करौलनि विमल कान्त झा: महिषी विधानसभा – सहरसा

किसलय कृष्ण, सहरसा। अक्टुबर १४, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

bimalkant1एम्हर बिहार मे पहिल चरणक वोट १२ अक्टुबर २०१५ केँ भेल सम्पन्न आ चीर प्रतिक्षा करैत मिथिलावाद केर असल समर्थक तथा मातृभूमिक सेवा मे सदैव समर्पित रहल व्यक्तित्व विमल कान्त झा आइ १४ अक्टुबर, २०१५ केँ महिषी विधानसभा क्षेत्र – सहरसा जिला सँ मिथिला राज्य केर माँगक नारा बुलन्द करैत एकटा निर्दलीय उम्मीदवारक रूप मे नामांकन करौलनि अछि।

मिथिला वादक गूँज संग विमलकान्त निर्दलीय रुपमे महिषी सँ प्रत्याशी – समर्थन मे उमडल जनसैलाब – जुलुसमे सहभागी भेल करीब २५ हजार लोकक महाजुटान।

“लालू राज ने मिश्रक राज । हमरा चाही मिथिला राज ॥

नइ लालटेन नइ तीर कमल । महिषी के चाही मात्र विमल ॥”

यैह गगनभेदी नारा दैत करीब ५०० बाइक २५० टेम्पो आ १०० चरिपहियाक जुलुस सहित आइ सहरसा जिलाक एकाढ़ स्थित विमलकान्त झाक आवास सँ निकलि मोहनपुर, मझौल, शाहपुर, बलवा, नवहट्टा, पंचगछिया, सिंहौल, रहुआ आदि भ्रमण करैत सहरसा समाहरणालय पहुँचि एकटा ‘निर्दलीय प्रत्याशी’ केर रुपमे नामांकन करौलनि श्री विमलकान्त झा। एहि अवसर पर विद्यापति धाम लछमिनिया सँ सेहो सैकड़ों मिथिलावादी समर्थन देबाक लेल पहुँचल छलाह।

मिथिलाक हृदयस्थली अछि सहरसा आ सहरसामे आइ जे विमलकान्त झाक नेतृत्व मे मिथिला राज्य केर मुद्दा उठल ताहि सँ जिला प्रशासन कार्यालय मे पर्यन्त चर्चित भऽ गेल जे “मिथिला राज्य का भी माँग जबरदस्त तरीके से हो रही है”।

कोसी बान्हक भीतर केर जमीनक मालगुजारी माफ, प्राथमिक शिक्षा मे मैथिली, मिथिला राज्य निर्माण करबाक प्रतिबद्धता, भारती मण्डन तकनीकी विश्वविद्यालय केर स्थापना आदिक अनेको प्रमुख चुनावी एजेन्डाक संग श्री विमल कान्त झा अपन नामांकन अन्ततोगत्वा एकटा निर्दलीय उम्मीदवारक रूप मे दर्ज करौलनि अछि।

मैथिली जिन्दावाद द्वारा ई पूछला पर जे आखिर मिथिला राज्य लेल एतेक रास राजनीतिक दल केर रहितो अपने स्वतंत्र उम्मीदवार केर रूप मे अपन नामांकन कियैक करेलहुँ, ताहि पर श्री झा कहलनि जे केवल पार्टी खोलिकय राजनीति केला सँ नहि संभव छैक राजनीति करनाय। ओ स्पष्ट रूप सँ कहलैन जे मिथिलावाद केर नाम पर आइ धरि मात्र ढकोसला भेल अछि, आम जनमानस मे ओहि दल केर कोनो परिचय तक विम्बित नहि कैल जा सकल अछि।

स्वयं विमलकान्त झा एक दिल्ली नगर निगम केर सक्षम अधिकारीक पद सँ त्यागपत्र दय राजनीतिक पारी केर शुरुआत करबाक लेल पहिने ‘हम’ यानि बिहार केर पूर्व मुख्यमंत्री दलित नेता श्री जीतन राम माझी केर नेतृत्व मे आरंभ कैल गेल दल सँ शुरुआत केलनि, एहि प्रश्न पर ओ कहला जे राजनीति केर कोनो मुख्यधारा सँ आरंभ करबाक नेत छल। लेकिन कालान्तर मे राजनीतिक दल केर मानसिकता आ राजनीति करबाक निष्ठा आदि पर सभ बात लगभग स्पष्ट भेल जे ई सबटा पटनाक गद्दी टा लेल बेहाल अछि, आम जनमानस मे कोनो तरहक हित वा विकास केर नीति दूर-दूर धरि कतहु कोनो योजना वा नीति मे नहि अछि, तांइ भारतवर्ष एकटा अत्यन्त प्राचीन संस्कृति आ सम्राज्य मिथिलादेशक पुत्र केर रूप मे हम आब मिथिला राज्य केर माँग सहित अपन मातृभूमि केर सेवार्थ राजनीति करब एहि लेल प्रतिबद्ध छी, ई जबाब देलनि श्री विमल कान्त झा।

बीच मे अहाँ पप्पू यादव केर पार्टी व मोर्चा मे सेहो सहभागी भेल रही, फेर ओतय जेबाक कोन प्रयोजन छल… एहि प्रश्नक उत्तर दैत श्री झा जानकारी करौलनि जे बीच मे पप्पू यादव द्वारा मिथिला राज्य केर पक्ष मे बयान देल गेल छल। ओ स्वराज्य केर परिकल्पना पर काज करता ताहि उम्मीद सँ हुनकर पार्टी व मोर्चा अन्तर्गत अपन राजनीतिक पारी शुरु करबाक आश बन्हलहुँ। मुदा पार्टीक भीतर गेला पर ओतहु पटनहि केर दलाली मे राजनीतिक फूकास्टिंग होयबाक वातावरण देखि समयाभाव मे स्वतंत्र उम्मीदवार बनि अपन मातृभूमिक सेवा लेल महिषी विधानसभा सँ उम्मीदवारी दर्ता करेलहुँ अछि, श्री झा कहलनि।

एतबे कम समय मे एतेक बेसी समर्थक कोना जुटेलहुँ, ताहि प्रश्नक उत्तर मे श्री झा अपन पुरान समाजसेवा व जनमानस संग बनायल गेल जुड़ाव केर चर्चा केलनि। संगहि लछमिनियां गाम मे स्थापित ‘विद्यापतिधाम’ केर विशेष चर्चा करैत ओहि गामक जमीनदाता व धाम केर निर्माणकर्ता क्रमश: देवनाथ यादव एवं भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केर चर्चा केलनि। ओ ईहो कहलनि जे एहेन कीर्तिक स्थापनाक संभावना गामहि-गाम मे अछि। हरेक गाम मे एकटा देवनाथ यादव तथा भोगेन्द्र शर्मा निर्मलक संग अनेकानेक सपुत मिथिला निर्माणार्थ समर्पित छथि। हमर काज यैह अछि जे यथाशक्ति सबकेँ सहयोग करैत आगू आनी। मिथिला राज्य केर माँग सहित अपन राजनीति केर पारी शुरु करबा मे सेहो हमर यैह नीति अछि जे गाम-गाम केर बच्चा-बच्चा मे विकास केर नव प्राणक आगाज करी।

निश्चित रूप सँ मिथिला लेल ई चुनाव महत्वपूर्ण अछि। आब देखी जे आगाँ कि सब होएत अछि।