मैथिली जिन्दाबाद ब्युरो, दिल्ली। अक्टुबर १२, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
काल्हि दुपहर मे नव दिल्ली स्थित प्रेस क्लब मे मैथिल पत्रकारक सपरिवार जुटानी भेल। अवसर छल – मैथिल पत्रकार स्नेह मिलन। एहि मे नीक संख्या मे प्रिंट, इलेक्टॉनिक आ वेब माध्यमक नामचीन आ युवा पत्रकारक उपस्थिति उल्लेखनीय रहल।
कहबी अछि जे मैथिल बुद्धिजीवी आ भोजनभट्ट होइ छथि। एकरा पूर्णत: साकार कएल गेल! एहि अवसर पर सहभोज आ बौद्धिक चर्चा संपन्न भेल। आयोजक द्वारा तिलकोर पातक तरूआ आ माछ-भातक विशेष व्यवस्था कएल गेल छल।
सबसं पहिने परिचय सत्र रहल। सब मैथिल पत्रकार बंधु अपन-अपन परिचय देलनि। डॉ. रहमतुल्लाह रहमत जीक विशेष टिप्पणी संगे आ हुनका द्वारा सबकें उत्साहित करैत, विशेष बात पूछैत अनौपचारिक तरीका सं सभक परिचय आएल।
बौद्धिक चर्चाक प्रारंभ करैत श्री संतोष ठाकुर कहलनि, ”महिना मे एक बेर मिथिलाक कोनो मंत्री, सांसद, ब्यूरोक्रैट्स कें जलपान पर आमंत्रित कएल जाए। ओहि मे सामाजिक मुद्दा पर चर्चा होए अओर प्रयास कएल जाए कि कोनो बृहद् समस्याक हल कराएल जाए।”
संतोषजीक सुझाव कें सभक समवेत स्वर सं सहमति भेटल।
”दीवाली सं पहिने गीतनादक कार्यक्रम आयोजित कएल जाए” एहि सुझाव पर प्रेस क्लब के महासचिव श्री नदीम काजमी कहलनि, ”एहि कार्यक्रमक आयोजन मे क्लब सेहो सहआयोजक रहत।”
एक ठाम अपना ओतक एतेक लोक, अपन भाषा मे सामूहिक रूप सं गप-शप, अपन संस्कृतिक बखानि करैत आ वर्तमान विद्रूपता पर चिंता प्रगट करैत सबकें भावनात्मक बना देलक।
लंबा समय धरि मिथिला भारतवर्षक प्रगतिशील प्रदेश छल। हमर महान् सांस्कृतिक परंपरा संपूर्ण भारतवर्ष कें मार्गदर्शन करैत रहैत छल। मिथिला चित्रकला आ हस्तकलाक महान् विरासत अछि। मुदा, कालांतर मे हम सब पछुआ गेलहुं। आइ हमर सभक संस्कृति पर संकट अछि। विकासक बिना मैथिलक जिनगी बड कठिन भऽ रहल अछि। काजक तलाश मे पलायन जारी अछि। एकर जिम्मेवारी ककरा पर? अपन भाषा आ संस्कृति कें अक्षुण्ण रखबाक लेल आ मिथिलाक विकास लेल संपन्न मैथिल कें त अवश्य सोचबाक चाही। एही क्रम मे मैथिल पत्रकार स्नेह मिलन एकटा उल्लेखनीय पहल अछि।
एहि कार्यक्रम मे डॉ. रहमतुल्लाह रहमत, श्री शिवनाथ झा, श्री नदीम काजमी, श्री संतोष ठाकुर, श्री मुकुंद, श्री संजू झा, श्री दीपक झा, श्री विपिन बादल, श्री संजीव सिन्हा, श्री भवेश नंदन झा, श्री रौशन झा सहित करीब 30 पत्रकारक उपस्थिति उल्लेखनीय रहल।