बालमुकुन्द पाठक, पटना। अक्टुबर १२, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
बुद्धा स्मृति पार्क पटनामे ‘साहित्यिक चौपाड़ि’क तेसर बैसकी काल्हि रवि दिन ११ अक्टुबर केँ समपन्न भेल. एहि बैसकी मे कथाकार अशोक, श्याम दरिहरे, नवलश्री पंकज, नितेश मिश्र, रघुनाथ मुखिया, गुंजनश्री, संजय झा उपस्थित छलाह.
बैसकीक आरंभमे नवलश्री पंकज अपन गजल ‘धऽ जे नांगरि चलल अगुआयल जाय छै..छलै अगुआ जे सैह पछुआयल जाय छै’.. सुनौलनि. तकरा बाद गुंजनश्री अपन किछु टटका कहमुकरी, रघुनाथ मुखिया अपन कविता ‘मसोमात गाम’, बाल मुकुंद पाठक अपन मैथिली लप्रेक, श्याम दरिहरे अपन कथा ‘प्रेमक-रेखागणित’ आ अशोक अपन कथा ‘लाथ’ सुनौलनि.
मैथिलीमे एकटा किंवदन्ति चलैत छल जे मैथिली मे प्रेमकथा नहि लिखल जा रहल छैक ताहि भ्रांति केँ दरिहरे जीक कथा तौड़ैत सन बुझायल. प्रेमक तनुक आ छिछलाह सन संबंधकेँ नव विचारधारा आ मानसिकताक चासनी मे बोरल हुनक कथा खूबे रूचिगर रहलैक तहिना अशोक जीक कथा ‘लाथ’ कुर्ता-पायजामाक लाथे प्रौढ़ मोनमे हिलकोर लैत युवा अवस्थाक प्रेम देखार करैत श्रोता लोकनि केँ खूब बेस रूचल छल. दुनू कथा अपन-अपन शिल्प ओ शैलीमे उपराउपरी छल. हिनक दुनूक उपस्थिति सब गोटाकेँ बहुत आह्लादित केलकनि.
बैसकीक अंतमे ऑनलाइन मैथिली बुक स्टोर ‘सेप्पीमार्ट’ पर सेहो विस्तृत चर्चा कयल गेल.