महान् संगीतकार रविन्द्र जैन नहि रहलाह: मैथिली गीत-संगीत मे सेहो अपूर्व योगदान केने छथि

नहि रहलाह संगीत सम्राट रविन्द्र जैन - मैथिली गीत मे सेहो हिनकर गायन प्रसिद्धि पेने अछि

किसलय कृष्ण, समाचार संपादक। दिल्ली, अक्टुबर १०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

ravindra jain geetkaar‘भनहि विद्यापति, मोर भोलानाथ गति’ एहि प्रसिद्ध विद्यापति रचित गीत केँ अपन स्वर देनिहार सदगतिकेँ प्राप्त केलनि संगीत सम्राट रवीन्द्र जैन । हिन्दी फिल्मक बेछप संगीतकार, पौराणिक धारावाहिक सभकेँ अपन संगीत ओ स्वरसँ जीवन्त करयवला स्रष्टाकेँ विनम्र श्रद्धांजलि ।

मैथिलीमे तीनटा गीत केँ स्वर देलनि श्रद्धेय जैन साहेब । सर्वप्रथम रामायण धारावाहिकक एक पारंपरिक मैथिली लोकगीत गओलनि, त दोसर बेर सन्तोष बादलक मैथिली फिल्म ‘कखन हरब दु:ख मोर’ लेल महाकवि विद्यापति रचित गीतकेँ अपन शाश्वत स्वर दय जीवन्त कय देलनि, त तेसर आ अन्तिम बेर रमानाथ झा कृत मैथिली सिनेमा ‘हाफ मर्डर’ केर एक गीत लेल पार्श्व गायन केलनि । मुदा विद्यापतिक गीत गाबि ओ मैथिल मानस पर अपन छाप छोड़लनि, जाहि लेल संगीतकार ज्ञानेश्वर दूबे जीक सांगितिक परिकल्पना सेहो बेजोड़ छल ।

दादा अहाँ मैथिल जनमानस सहित विश्वपटल पर सदिखन जीबैत रहब अनन्तकाल धरि । अच्छत चानन आओर गंगाजल, बेलपात तोहि देब…… श्रद्धा सुमन ।