जीवनक गणित: ‘प्लस मे या माइनस मे’ से अपने जोड़ि सकैत छी

जीवन के लेखा-जोखा – के कतेक पाइनमें!

life's balance sheetसाधारण गणित छैक! स्वामी रामसुखदासजी केर कहलाहा एक बेर हमर आध्यात्मिक गुरु शेयर कयलन्हि आ हमर ई कर्तब्य बनैत अछि जे एहि प्रभावशाली ज्ञान केँ अहाँ सभ सँ सेहो बाँटी।

कारण एक समय में बहुतो ज्ञान लोक जल्दी सऽ दोसर केँ नहि बताबैक आ एहि तरहें बहुतो केँ ज्ञान-विभेद केर कारण जीवन संघर्षमय बनलैक। एहि कठिनाई केँ दूर करय लेल अपन जीवन केर कोनो भेद केँ भेद नहि बनेनाय हमर प्रयास रहैछ। जे अपने सभसँग ओ सभटा जहिना के तहिना बाँटी। बाकी जीवनमें समय केर आर कि सदुपयोग हेतैक हमरा लेल? सामाजिक संजालक उपयोग एहि सऽ नीक दोसर कि हेतैक? आउ, मनन करी।

जीवनकेर जमा-खर्च!

दिनमें होइत छैक २४ घंटा!
काज भेल आवश्यक ४ टा!
हर कार्यके लेल बराबर घंटा!
एक-एक के ६-६ घंटा!

भोजन-भ्रमण – (आहार-विहार) लेल ६ घंटा!
विश्राम-शयन लेल ६ घंटा!
चिन्तन-भजन लेल ६ घंटा!
कर्म-श्रम लेल ६ घंटा!

चाहे हो ओ भोजन-भ्रमण के लेल देल समय वा हो विश्राम-शयनमें देल समय, ई दुनू भेल खर्च!
चाहे हो चिन्तन-भजन लेल देल समय वा हो कर्म-श्रम लेल देल समय, ई दुनू भेल आमद!

आब जोड़ू अपन-अपन नित्य-आचार-व्यवहार सऽ – कि अछि जीवनके उपलब्धि!

जेना:
१. नित्य भोरे उठि ५ बजे – करी आवश्यक शौच-स्नानादि-पूजा-पाठ ८ बजे तक – तऽ ३ घंटा आमद केर भेल! + ३
२. ८ बजे नाश्ता लेल गेलहुँ – ९ बजे तक तैयार भऽ गेलहुँ – १० बजे कार्यालय पहुँचलहुँ – तऽ २ घंटा खर्चा केर भेल! – २
३. १० बजे सऽ १२ बजे धरि कार्यालयमें सभ काज ईमानदारी सऽ निबटेलहुँ – तऽ २ घंटा आमद केर भेल! + २
४. १२ बजे फेर चाय पिबय लेल संगी सभ संग चौक पर गेलहुँ – घंटा भैर बस हा-हा-ठी-ठी समय बिताबैत फेर कार्यालय लौटलहुँ – तऽ १ घंटा खर्चा केर भेल! – १
५. १ बजे सऽ कार्यालयमें काजक मात्रा देखि फेर या तऽ ईमान सऽ काजे कयलहुँ या फेर बुझू जे फेसबुक पर भीड़ गेलहुँ – बाजि गेल समय आब ४, तऽ ३ घंटामें जे सही उपयोग भेल, ओ काज द्वारा भेल हो या फेसबुक पर सार्थक चर्चा कयला सऽ भेल हो… समय भेल आमद लेल खर्च। मानि के चलू एक बेर जे एहि उदाहरण में बड़ नीक लोक छथि तऽ सार्थक कार्यमें समय लगौलाह – तऽ ३ घंटा भेल कर्म-श्रम के अर्थात्‌ आमद के! +३
६. ४ बजे फेर पान खाइत घर तरफ प्रस्थान कयल – ५ बजे तक घर पहुँचलहुँ – अर्थात १ घंटा खर्चा के भेल। – १
७. ५ बजे सऽ बारी/बगीचा जाइत खुरपी-पाइन सऽ बाग सजेलहुँ – घर के अन्य काज लेल सेहो आवश्यक बस समय खरचलहुँ। अर्थात्‌ १ घंटा आमद के भेल। + १
८. ६ बजे सऽ ८ बजे धरि धिया-पुता के स्वयं पढेलहुँ – फेर २ घंटा आमद के भेल। +२
९. ८ बजे सऽ १० बजे धरि टीवी-बीबी धूम मचेलहुँ – २ घंटा खर्चाके भेल। -२
१०. १० बजे के बाद शयनमें गेलहुँ – फेर भोर में नं १ सऽ नित्य-दिन समय खर्च होवय लागल। परिवर्तन अनुसार जमा-खर्च करैत रहू। शयन के समय खर्चा के – अर्थात्‌ एतय -७

आब उपरोक्त उदाहरण में १ सऽ लऽ के १० तक के कूल योग: +३-२+२-१+३-१+१+२-२-७ = -१

अर्थात्‌ उपरोक्त उदाहरणवाला के जीवन में सेहो वासलात ऋणात्मक छन्हि, भले परिमाण मात्र १ हो। अर्थात्‌ दिनके ११ घंटा आमदमें, १३ घंटा खर्चामें : एकरामें परिवर्तन आनय के बात अपन हाथ में छैक। लेकिन एहि मापदंड के लेल जखन हम सभ मनन करब तखनहि टा।

सभक जीवन में मानवताकेर असल अर्थ सुस्पष्ट हो आ सभ एहि मानवीय दुनियाक अभिनेता बनैथ। यैह शुभकामनाक संग!

हरिः हरः!