उपराष्ट्रपति परमानन्द झा द्वारा सरकार सँ मधेशी आन्दोलनकारी संग सार्थक वार्ताक आग्रह

काठमाण्डु, सितम्बर २८, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

vice president parmanand jhaउपराष्ट्रपति परमानन्द झा सत्तासीन दल सँ तराई-मधेश मे आन्दोलित राजनीतिक दल सब सँ सार्थक वार्ताक आग्रह करैत एकटा विज्ञप्ति जारी कैल गेल अछि। उपराष्ट्रपति द्वारा तराई-मधेस ऊपर राज्य विभेदपूर्ण व्यवहार करबाक बात कहैत असन्तुष्टि प्रकट कैल गेल अछि।

उपराष्ट्रपति झा सोम दिन प्रेस विज्ञप्ति जारी करैत तराई-मधेसक जायज माँग केँ तत्काल सम्बोधन करैत परिणाममुखी वार्ता करबाक अपील केलनि अछि । ‘६ प्रदेशमे अडिग राजनीतिक दल सब सुदूरपश्चिमबासीक इच्छाकेँ तत्काल सम्बोधन करैत सात प्रदेशक सीमांकन करब लेकिन तराई-मधेसक जनता द्वारा उठायल गेल जायज माँगकेँ एतेक दिन बितियो गेलाक बादो सम्बोधन नहि करब राज्यक विभेदपूर्ण व्यवहारकेँ उजागर केलक अछि,’ विज्ञप्ती मे उल्लेख अछि।

उपराष्ट्रपति द्वारा बहुमत केर नाम मे सीमान्तकृत समुदाय संग विगत मे भेल सहमति, सम्झौता आर ओकर सहमति सम्झौताक आधारमे तत्कालीन नेपालक अन्तरिम संविधान २०६३ मे संशोधन मार्फत कैल गेल कतिपय व्यवस्था केँ पर्यन्त वेवास्ता करब उचित व सुखद नहि भेल,’ विज्ञप्ती मे लिखल अछि।

उपराष्ट्रपति झा द्वारा आन्दोलनकारीक माँग सम्वोधन करबाक लेल जे संविधान संसोधनक तैयारी कैल जा रहल अछि ताहि प्रति लक्षित करैत रुपान्तरित ब्यवस्थापिका संसद द्वारा संविधान संसोधन करब संभव नहि हेबाक अनूठा तर्क प्रस्तुत कैल गेल अछि। संविधानमे संघीय संसदक दुइ तिहाइ सँ संविधान संसोधन करबाक प्रावधान रहबाक कारणे तुरन्ते संसोधन नहि कैल जा सकैत अछि, ई तर्क उपराष्ट्रपति द्वारा देल गेल अछि। मुदा समझौता करैत असन्तुष्ट पक्ष सँ मिलापत्र करबाक काज केला सँ समाधान निकालल जा सकैछ, ओ कहलनि अछि।