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पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपालक एक महत्वपूर्ण नेता डा. बाबुराम भट्टराई नेकपा माओवादी छोड़लनि

काठमांडु – सितम्बर २६, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

Baburam Bhattarai (UCPN-M leader)

Baburam Bhattarai (UCPN-M leader)

पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपालक प्रमुख प्रतिपक्षी मुदा वर्तमान संविधानसभा केँ निर्णायक स्थिति मे पहुँचेबाक अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कएनिहार राजनीतिक दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी – एकीकृत माओवादीक उच्चस्तरीय नेता डा. बाबुराम भट्टराई आइ प्रेस कान्फ्रेन्स करैत अपना केँ पार्टीक सब जिम्मेवारी सँ त्यागपत्र दैत – वर्तमान व्यवस्थापिका संसद केर सदस्यता पर्यन्त सँ मुक्त मानि एकटा साधारण नागरिक केर रूप मे रहबाक घोषणा कएलनि।

पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दाहाल उर्फ प्रचंड केँ एहि मादे ओ जानकारी करेबाक बात कहलनि जे पार्टीक प्राथमिक सदस्यता समेत सँ ओ मुक्त भेला अछि। विदित हो जे प्रचंड केर बाद एहि एमाओवादी दल मे ओ दोसर शीर्षस्थ नेता मानल जाइत रहला आ विगत मे देशक प्रधानमंत्री सेहो यैह हैसियत सँ चुनल गेल छलाह। हिनकर दृष्टिकोण केर चौतर्फा सराहना होइत छल, परंच वर्तमान कठिन समय मे बहुमत सँ बिपरीत एकटा अलगे धारा पर राजनीतिक सूझ रखनिहार डा. भट्टराई प्रति नेता सँ लैत जनता धरिक सोच मे परिवर्तन आयल प्रतीत होइत अछि। तथापि ओहि सब आलोचना केँ वर्दाश्त करैत डा. भट्टराई राष्ट्रहित मे सबहक सहमति सँ देशक प्रगतिक ओकालति करैत खुलेआम मधेशवादी दलक माँग संग ऐक्यबद्धता जनबैत अपना केँ एमाओवादी पार्टी सँ मुक्त करबाक ई घोषणा कएलनि अछि।

देश मे एक तरफ जतय एहि बातक तीव्र आलोचना होमय लागल अछि ओतहि तथाकथित आधा आबादी यानि मधेशी-थारू-मगरात आदि असंतुष्ट पक्षक जनमानस मे डा. बाबुराम भट्टराई ओतबे स्पष्ट, पारदर्शी आ हितकारी नेतृत्वकर्ताक रूप मे छवि कायम रखबा मे सफल भेलाह अछि।

व्यवस्थापिका संसद केर सदस्यता सेहो ओ छोड़ि देलनि आ एहि वास्ते अपन त्यागपत्र संसद सभाध्यक्ष सुबासचन्द्र नेम्वांङ्ग केँ सौंपि देबाक बात ओ जानकारी करौलनि। छद्म राष्ट्रवाद केर विरुद्ध लड़ाई जारी रखैत प्रगतिशील राष्ट्रवाद केर ओकालति निरंतरता मे रखबाक आह्वान करैत ओ किछु समयक वास्ते मात्र एकटा आम नेपाली नागरिक बनिकय रहबाक इच्छा प्रकट केलनि अछि।

नव पार्टी गठन करबाक एक प्रश्नक उत्तर मे कहला जे तुरन्त एहेन कोनो सोच नहि अछि, लेकिन भविष्य मे अपन सिद्धान्त सँ समीपता रखनिहार अपन पूर्व पार्टीक मित्र व अन्य संग गठबंधन निर्माण करबाक उम्मीद अछि।

संवैधानिक-राजनैतिक संवाद तथा सहमति समितिक अध्यक्षक रूप मे अपन महत्वपूर्ण योगदान केँ स्मरण करैत ओ एहि दायित्व केर सफलतापूर्वक निर्वाह करैत संविधान घोषणा होयबाक विधि समाप्त होयबा पर प्रसन्नता व्यक्त केलनि। तथापि ओ आगामी समय मे संविधान लागू करब बेसी महत्वपूर्ण होयबाक बात कहैत असन्तुष्ट पक्ष केँ सेहो एहि धार मे सहभागी करबाक ओकालति केलनि।

राष्ट्रीय सार्वभौमिकता आ अखंडता प्रति पूर्ण आस्थाक संग प्रतिबद्ध रहबाक बात कहि राष्ट्रीय हित एवं आर्थिक विकास लेल अपन पूर्ण समर्पण संग सहयोग उपलब्ध रखबाक बात केँ ओ बेर-बेर दोहरेलनि।

विदित हो जे डा. बाबुराम भट्टराई अपन मूल पार्टी लाइन सँ इतर मधेशवादी दल केर माँग संग ऐक्यबद्धता प्रकट करैत सब असंतुष्ट पक्ष केँ समेटैत संविधान घोषणा करबाक पक्ष मे छलाह, अन्ततोगत्वा संविधान घोषणा करबाक बाध्यता केँ स्वीकार करितो ओ घोषणा उपरान्तक कोनो दीपावली वा खुशियाली मे सहभागी नहि भेलाह आ अपन समर्थन मधेशी तथा थारू सहित अन्य असंतुष्ट पक्ष संग रहबाक बात दोहरबैत रहला। ओ खुलस्त रूप मे दीपावली मनेबाक बात केर प्रतिकार करैत एहि लेल उचित समय नहि रहबाक बात कहैत रहला। हुनका हिसाबे मधेश मे दुइ प्रदेश – एकटा पुरुब मे मधेश आ पश्चिम मे थरुहट केर रूप मे सीमांकन होयब आवश्यक अछि, ई हुनक भावना रहल अछि।

भारत द्वारा अघोषित नाकाबन्दी केर विषय मे पूछल गेल एक प्रश्नक उत्तर मे डा. भट्टराई एहि लेल वर्तमान राज्य द्वारा कूटनैतिक पहल सँ मामिला सुलझेबाक बात यथाशीघ्रता संग करबाक ओकालति केलनि। ताहू सँ पूर्व तराई-मधेश केर समस्याक निदान ताकब आवश्यक रहल सेहो जोड़ि देलनि।

 

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