मोदलता कृत ई सुन्दर भजन अपने लोकनिक गायन-मनन लेल प्रस्तुत कय रहल छी। भगवन्नाम केर एकमात्र सहारा एहि कलियुग लेल मानव हितकारी कहल गेल अछि। सदिखन अपन समय केर उपयोग भगवन्नाम केर जाप मे आ भजन मे लगाउ।
भजन
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
यह नाम बनाया प्रथम पूज्य गणपतिजीको पलमें
मिल गया यही अवलम्ब नाम सबरी को जंगल में
लाखोंका बेरा पार किया – २
पहुँचाये प्रभु निज धाम!
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम -२
बजरंगबलीके बलमें उनकी महिमा भारी है
ध्रुव और विभीषणको भी यही बूटी प्यारी है
प्रह्लाद इसी को जपते थे – २
निशि वासर आठो याम!
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम – २
ब्रह्माके चारों वेदों से यह नाम निकलता है
शिवजीके मानस मन्दिरमें दीपक सा जलता है
नारदजीके वीणा पर यह – २
बजता है सुन्दर नाम!
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम-२
क्या कहे अनारी ‘मोदलता’ इसमें क्या होना है
हम क्या बतलायें प्रेमीजन इसमें क्या टोना है
भजकर ही देखो श्रद्धा से – २
होयेगा पूरा काम।
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम – २
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम – २
हरि: हर:!!