
पार्वती पति दारिद्र फेरू….
करिय अनुग्रह निज जनु जानी
होऊ सहाय शिव सहित भवानी
एक बेरि हर…..
काम-क्रोध-मद प्रीत के जारू
लोभ मोह ममता सब टारू
एक बेरि हर….
दु:खभंजन जनरंजन शंकर
संत सुधाकर दुष्ट भयंकर
एक बेरि हर हमरा…..
निज जनु जानी धरू करुआरि
लक्ष्मीपति हर पार उतारू
एक बेरि हर हमरा…..
– बाबा लक्ष्मीपति गोसाईं
हरि: हर:!!