काठमांडु, सितम्बर १४, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
नेपाल मे तेजी सँ बदैल रहल राजनैतिक परिवेश मे एक तरफ आन्दोलनी पक्ष द्वारा संविधानक प्रक्रिया रोकि पूर्व मे कैल गेल विभिन्न समझौता केँ लागू करबाक मांग कैल जा रहल अछि, तऽ दोसर तरफ राष्ट्रीय मुख्य राजनीतिक शक्ति द्वारा वगैर कोनो सुनवाई केने संविधान सभा मे प्रक्रिया मार्फत मात्र संविधान निर्माणक जिद्द पर अड़ल रहि संविधान जारी करबाक प्रतिबद्धता ऊपर कारबाही आगू बढायल जा चुकल अछि।
बीच मे करीब दुइ दिन प्रक्रिया केँ स्थगित करैत आन्दोलनकारी समूह सबकेँ वार्ता मे बजायल गेल छल, मुदा आन्दोलनकारी समूह ओहि सब आह्वान केँ नकारैत वार्ता मे नहि बैसल आ आन्दोलन केँ जारी रखबाक अपन पूर्वक घोषणापर कायम अछि। तहिना देश भरि मे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व विभिन्न नामी-गिरामी व्यक्ति-बुद्धिजीवी-नीतिनिर्माता द्वारा आन्दोलनीक बात केँ सेहो समेटैत संविधान जारी करबाक ओकालति करितो वर्तमान संविधानसभा सदस्यमे करीब दुइ-तिहाई बहुमत द्वारा प्रक्रिया मार्फत संविधान जारी करबाक नीति अपनाओल गेल अछि।
काल्हि सँ शुरु प्रक्रिया मे संविधानक मस्यौदा प्रस्तावना ऊपर दर्ता कैल गेल संशोधन प्रस्ताव सहित केर चर्चा करैत वोटिंग मार्फत एक-एक विन्दु पर निर्णय करैत संविधान केँ अन्तिम रूप देबाक कार्य प्रारंभ कैल गेल अछि। काल्हिक संविधान सभा बैसार मार्फत विधेयक केर भाग-१ मे निहित कुल ९ धारा केँ पारित कय चुकल अछि।
पारित धारा ६ मुताबिक देश मे बाजल जायवला समस्त मातृभाषा राष्ट्रभाषा थीक कहल गेल अछि, तहिना धारा ७ मे देवनागरी मे लिखल जायवला नेपाली भाषा केँ सरकारी कामकाजक भाषाक रूप मे मान्यता भेटल अछि। संगहि प्रदेश सभा द्वारा नेपाली भाषाक अलावे ओहिठाम बाजल जायवला एक वा एक सँ बेसी अन्य राष्ट्रभाषाकेँ प्रदेशक सरकारी कामकाजक भाषाक रूप मे मान्यता देबाक अधिकार देल गेल अछि। स्पष्ट अछि जे नेपाली भाषाक बाद देशक सर्वाधिक बाजल जायवला भाषा मैथिली केँ राष्ट्रभाषाक रूप मे मान्यता भेटल, मुदा सरकारी कामकाज हेतु केवल प्रदेश मे अधिकार भेटत सेहो प्रदेशक प्रतिनिधिसभाक निर्णय भेलाक बादे। राष्ट्रीय सेवा आयोग परीक्षा मे नेपाली भाषाक अतिरिक्त मैथिली सहित अन्य भाषाक मान्यता लेल अन्य भाग मे चर्चा होयब बाकिये अछि। परञ्च मैथिली भाषाक जेना जनसंख्या गुने दोसर स्थान छैक, ताहि अनुसारे अधिकारसंपन्नता भेटबाक गुंजाइश बनल छैक।
तहिना धारा ८ मे राष्ट्रीय झंडा पूर्ववत् आ धारा ९ मे राष्ट्रीय जानवर गाय, राष्ट्रीय पंछी डाँफे, राष्ट्रीय फूल लालीगुराँस, राष्ट्रीय रंग सिम्रिक आ राष्ट्रीय गान अन्तरिम रूप मे यथावत् पारित कैल गेल अछि। हाल धरि एहेन कोनो विन्दु पर संशोधन प्रस्ताव केँ बहुमत द्वारा स्वीकृति नहि भेटल अछि, ताहि अनुसारे ई स्पष्ट अछि जे वर्तमान राजनैतिक शक्ति नेपाली काँग्रेस, नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी एमाले एवं एमाओवादीक एकजुटता सँ पूर्व मे घोषित मस्यौदा आ ताहि पर जनताक सुझाव संकलन उपरान्त कैल गेल संशोधन मस्यौदा अनुसारे संविधान आयब सुनिश्चित अछि।