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कृष्ण जन्माष्टमी विशेष: बालरूप कृष्ण केर साक्षात् दर्शन

विराटनगर, सितम्बर ५, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

balkrishna rajeshआइ संपूर्ण हिन्दू धर्मावलम्बी लोकनि भगवान् श्रीकृष्ण केर जन्माष्टमी मना रहल अछि। भाद्र महीनाक कृष्ण पक्षक अष्टमी, यानि भगवान् श्रीकृष्ण केर जन्मदिन, ठीक मध्यरात्रि १२ बजे एक बेर संपूर्ण मन्दिर मे पर्दा हँटत, आ आरती, घड़ीघंट, शंख, ढोल, नगारा आदिक संग धूप-अगर आदिक सुगंधित वातावरण मे भक्तजन जयकारा लगबैत भगवान् श्रीकृष्ण केर सांकेतिक जन्म होयब मानि प्रेम आ भक्ति सँ भरि जेता।

आजुक दिन हर ओहि ठाम धूमधाम सँ रात्रि-जागरण कैल जायत जतय भगवान् श्रीकृष्ण केर जन्म मनायल जाएत अछि। आइ विराटनगर केर राधाकृष्ण मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, राम-जानकी मन्दिर, महावीरजी मन्दिर सहित समस्त ओहि मन्दिर मे मध्यरात्रि पूजनक हलचल रहत आ लाखों लोक आइये सँ सड़क पर विचरण करैत भगवानक दर्शन करैत अपन जीवन लेल अनेको प्रकारक कामना भगवान् सँ करैत भेटेता।

घर-घर मे बालरूप भगवान् केँ कृष्ण बनेबाक परंपरा अछि जे आइ काल्हि आरो वृहत् स्तर पर चलैत अछि। हर घर मे पुत्र या पुत्री केँ सुन्दर ढंग सँ भगवान् श्रीकृष्ण जेकाँ सजाओल जाइत अछि। कतहु-कतहु भगवान् श्रीकृष्णक संग हुनक प्रिया राधा केर सेहो श्रृंगार कैल जाइछ। वर्तमान समय फेसबुक पर अपन हर तरहक अभिव्यक्तिक प्रदर्शन लेल खुल्ला होएबाक कारणे एहेन तैयारी घरे बैसल हम सब दूर-दूर धरिक परिवार मे सेहो देख सकैत छी। एहने किछु तस्वीर उपयुक्त जानकारीक संग एतय लगाओल जा रहल अछि।

balkrishna roshanमिथिलाक गाम-घर मे सेहो कृष्ण जन्माष्टमीक अनेको नाम किशनामुट्ठी, कृष्णाष्टमी, जन्माष्टमी आदि सँ जानल जाइत अछि। विधिवत् मूर्ति निर्माण करैत पूजन-हवन आदि कैल जाइछ। संगहि आइ जन्म भेलाक बाद काल्हि भव्य मेला सेहो लगैत अछि। विभिन्न प्रकारक मनोरंजन आदिक आयोजन कैल जाइछ। मिथिलाक्षेत्र मे एहेन समारोहपूर्वक – मेलापूर्वक पूजा करबाक चलन कोसे-कोस देखय लेल भेटैत अछि। संगहि घरे-घर सेहो भगवान् श्रीकृष्ण केर खास पूजा-अर्चना कैल जाइछ।

balkrishna mukeshविराटनगर मे कतेको दशक सँ रथयात्रा निकालल जाइत अछि। काल्हि भगवान् केँ रथ मे बैसाकय तिनपैनीक राधाकृष्ण मन्दिर सँ मेन बजार होइत महेन्द्र चौक होइत पुन: बरगाछी चौक होइत मूल मन्दिर धरि परिक्रमा कैल जाइछ। एहि रथ केर दुनू कात मोट-मोट रस्सा लागल रहैत अछि जे रथ केँ तानैत एक भक्त सँ दोसर भक्त केँ मौका दैत झाँकी-प्रदर्शनी आ भजन-कीर्तन सहित शहर केर बीचो-बीच गमन करैत रहैत अछि। एहि रथायात्रा केँ देखबाक लेल कम सँ कम १० लाख लोकक भीड़ विराटनगर तथा एकर १०० किमी केर त्रिज्या-वृत्त सँ लोक सब पहुँचैत अछि। एहि बेर आन्दोलनक बन्दीक कारणे भीड़ कम जुटबाक आशंका अछि, तथापि एहि ऐतिहासिक क्षण लेल लोक लाखोंक संख्या मे जुटत ई निश्चित अछि।

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